नई दिल्ली: कनाट प्लेस में लगा देश का पहला स्माग टावर, सीएम अरविंद केजरीवाल ने किया उद्घाटन
देश की राजधानी नई दिल्ली में कनाट प्लेस में देश का पहला स्माग टावर लगाया गया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसका उद्घाटन किया। यह काम करने लगा है।
- लगभग एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की प्रदूषित हवा को अपने अंदर लेकर साफ हवा की करेगा सप्लाई
- वातावरण दूषित हवा को खींचेगा और साफ करके 10 मीटर की ऊंचाई पर छोड़ेगा
नई दिल्ली। देश की राजधानी नई दिल्ली में कनाट प्लेस में देश का पहला स्माग टावर लगाया गया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसका उद्घाटन किया। यह काम करने लगा है।
मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण से लड़ने और दिल्ली की हवा साफ करने के लिए दिल्ली में देश का पहला स्मॉग टॉवर लगाया जा रहा है। इस टेकनीक को हमने अमेरिका से आयात किया है। ये टॉवर 24 मीटर ऊंचा है और ये 1 किलोमीटर दायरे की हवा को साफ करेगा।यह स्माग टावर दूषित हवा को अपने अंदर खीचेंगा और साफ हवा को छोड़ेगा। स्माग टावर की खूबी यह है कि तकरीबन एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की प्रदूषित हवा को अपने अंदर लेकर साफ हवा की सप्लाई करेगा।
यह स्माग टावर वातावरण दूषित हवा को खींचेगा और साफ करके 10 मीटर की ऊंचाई पर छोड़ेगा। इसके शुरू होने के बाद विशेषज्ञ दिल्ली में वायु प्रदूषण पर इसके प्रभाव का पता लगायेंगे। रिजल्टों के आधार पर दिल्ली में अन्य स्थानों पर उपकरण लगाने पर फैसला लेंगे। यह एक तरह से पायलट प्रोजेक्ट है।उल्लेखनीय है कि दिल्ली कैबिनेट ने अक्टूबर, 2020 स्माग टावर को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मंजूरी दी थी, लेकिन कोविड -19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई। स्माग टवर के सक्रिय होने के बाद उसकी प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए दो साल का पायलट अध्ययन किया जायेगा।अध्ययन के बाद दिल्ली सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेंगे और फिर प्रदर्शन प्रभावशाली होने पर सरकार दिल्ली में इसी तरह के टावर स्थापित करेगी।
हर सेकेंड में 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा
स्माग टवर हर सेकेंड में 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा और दिल्ली में पीएम 2.5, पीएम 10 के स्तर को कम करेगा। यह स्माग टावर प्रति सेकंड 1,000 क्यूबिक मीटर हवा को शुद्ध करने में सक्षम होगा। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जनवरी में सेंट्रल गवर्नमेंट को आनंद विहार में प्रदूषण कम करने के लिए एक स्माग टावर बनाने और दिल्ली गवर्नमेंट को तीन महीने में कनाट प्लेस में इस तरह की एक और टावर स्थापित करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में इन टावरों के निर्माण को पूरा करने में समय सीमा से चूकने सेंट्रल व स्टेट गर्नमेंट को फटकार भी लगाई थी।