जातीय जनगणना को लेकर PM मोदी से मिले बिहार के सीएम नीतीश कुमार, बोले- पीएम ने नहीं किया इनकार
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना मामले में पर एकजुटता दिखाने के उद्देश्य से सोमवार को स्टेट के पक्ष-विपक्ष के विभिन्न दलों का 11 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
- बिहार के पक्ष-विपक्ष 10 दलों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सात मोदी से की मुलाकात
नई दिल्ली। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना मामले में पर एकजुटता दिखाने के उद्देश्य से सोमवार को स्टेट के पक्ष-विपक्ष के विभिन्न दलों का 11 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पीएम ने प्रस्ताव को इनकार नहीं किया। अब इसपर उनके फैसले का इंतजार है।नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखीं। हमने उन्हें बताया कि किस तरह बिहार विधानसभा ने जातीय जनगणना को लेकर दो बार फरवरी 2018 तथा पुन: फरवरी 2020 में प्रस्ताव पारित किया है। बिहार के साथ पूरे देश के लोग इस मुद्दे पर एक राय रखते हैं। नीतीश ने बताया कि पीएम ने सभी की बातों को सुना। डेलीगेशन ने उनसे विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने इसे खारिज नहीं किया है।
विकास को ले निर्णय लेने में मिलेगी मदद
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि संसद में जब यह बात आयी कि जाति आधारित जनगणना नहीं होगी तो उसके बाद बेचैनी शुरू हो गयी थी। सभी दलों ने एक स्वर में कहा कि हमलोगों को पीएम से मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री से मिलने का उन्होंने वक्त मांगा था। यहां आकर हमलोगों ने पूरी बात बतायी है। पीएम ने हमारी पूरी बात गंभीरता से सुनी है। हमलोगों ने उन्हें कहा कि आप विचार कर निर्णय लीजिए। इससे एससी-एसटी, ओबीसी, ईबीसी और अल्पसंख्यक सभी के बारे में विस्तार से जानकारी मिल जायेगी। इसके होने से सही मायने में विकास को ले निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
अब पीएम नरेंद्र मोदी को लेना है निर्णय
सीएम ने कहा कि पीएम के प्रति वह आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने इस विषय पर हमें मिलने का समय दिया। अब निर्णय तो उनको लेना है। भारतीय जनता पार्टी के लोग भी इसके पक्ष में हैं। पीएम ने पूरी गंभीरता से बात सुनी है। देश भर के लोगों की यह राय है।
जब जानवरों व पेड़-पौधों की गिनती होती है, तब इंसानों की क्यों नहीं
मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि राष्ट्रहित में हम सभी दलों के लोग एक साथ हैं। जब जानवरों व पेड़-पौधों की गिनती होती है, तब इंसानों की क्यों नहीं होनी चाहिए? सरकार के पास जातिगत समाज का आंकड़ा नहीं होगा तो सरकार कल्याणकारी योजनाएं कैसे बना सकेगी? तेजस्वी ने कहा कि बिहार के प्रतिनिधिमंडल ने केवल बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में जातीय जनगणना को लेकर मुलाकात की है।अब प्रधानमंत्री के फैसले का इंतजार है।
राष्ट्रहित में है जाति आधारित जनगणना
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जाति आधारित जनगणना का काम राष्ट्रहित में है। इससे देश के गरीबों को लाभ मिलेगा। मंडल कमीशन से यह पता चला कि देश में हजारों जातियां है। जब जानवरों व पेड़-पौधे की गिनती होती है तो फिर जाति आधारित जनगणना में क्या परेशानी है? अनुसूचित जाति-जनजाति तथा धर्म के आधार पर जनगणना होती है तो फिर जाति आधारित जनगणना क्यों नहीं? सरकार के पास कोई आंकड़ा है क्या जिसके आधार पर विकास की योजना बने। देश में पहली बार बिहार ही ऐसा राज्य है जिसने जाति आधारित जनगणना के प्रस्ताव को दो बार विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित किया। जब धर्म आधारित जनगणना से कोई उन्माद नहीं फैलता तो जाति आधारित जनगणना से कैसे तनाव होगा? बस एक कालम ही अतिरिक्त बढ़ाना है।
तेजस्वी ने सीएम को भी दिया धन्यवाद
तेजस्वी ने सीएम को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमलोगों के कहने पर उन्होंने पीएम से मिलने का समय लिया। हम केवल बिहार के लिए नहीं मिले हैं, पूरे देश के लिए जाति आधारित जनगणना जरूरी है।डेलीगेशन में सीएम के साथ जेडीयू से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी, विकासशील इंसान पार्टी से पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी, बीजेपी कोटे से मंत्री जनक राम भी थे। आरजेडी से विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव हैं। CPI ML की ओर से विधायक दल के नेता महबूब आलम, CPI की ओर से रामरतन सिंह, CPM की ओर से अजय कुमार,कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा व एमआइएमआइएम से अख्तरूल ईमान शामिल थे।