New Delhi : IAS अफसर गोविंद मोहन होंगे नये होम सेकरेटरी, अजय भल्ला की लेंगे जगह

IAS अफसर गोविंद मोहन देश के नये होम सेकरेटरी होंगे। वे अजय भल्ला की जगह लेंगे। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन को गृह मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी के रूप में तत्काल प्रभाव से नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है।

New Delhi : IAS अफसर गोविंद मोहन होंगे नये होम सेकरेटरी, अजय भल्ला की लेंगे जगह
IAS अफसर गोविंद मोहन (फाइल फोटो)।

नई दिल्ली। IAS अफसर व संस्कृति सचिव गोविंद मोहन गोविंद मोहन देश के नये होम सेकरेटरी होंगे। वे अजय भल्ला की जगह लेंगे। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन को गृह मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी के रूप में तत्काल प्रभाव से नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है।
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मौजूदा होम सेकरेटरी अजय कुमार भल्ला का कार्यकाल 22 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इसके बाद नये होम सेकरेटरी गोविंद मोहन उनकी जगह लेंगे।
1989 बैच के IAS अफसर हैं गोविंद मोहन
नये होम सेकरेटरी गोविंद मोहन 1989 बैच के सीनियर आईएएस अफसर हैं। आईएएस अफसर गोविंद मोहन ने बीएचयू-आईआईटी वाराणसी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है। इससे पहले उन्होंने अक्टूबर 2021 से केंद्रीय संस्कृति सचिव के रूप में कार्य किया है। होम मिनिस्टरी में भी दो बार काम कर चुके हैं। मोहन 22 अगस्त को नये होम सेकरेटरी का कार्यभार संभालेंगे। वह अजय भल्ला की जगह लेंगे। फिलहाल उन्हें होम मिनिस्टरी (MHA) में विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है।अजय कुमार भल्ला को अगस्त 2019 में सेंट्रल होम सेकरेटरी नियुक्त किया गया था। वह पांच साल तक इस पद पर रहे।
जाने नये होम सेकरेटरी गोविंद मोहन को
गोविंद मोहन असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के आईएएस अफसर हैं। उन्होंने बीएचयू-आईआईटी वाराणसी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की पढ़ाई की है। पहले भी वह होम मिनिस्टरी में दो कार्यकाल के लिए काम कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश से आने वाले मोहन अगस्त 2017 से सेंट्रल डेपुटेशन पर हैं। मई से सितंबर 2018 के बीच वे होम मिनिस्टरी में जॉइंट सेक्रेटरी थे। वहीं, सितंबर 2018 से सितंबर 2021 तक वे एडिशनल सेक्रेटरी रहे थे।गोविंद मोहन 'हर घर तिरंगा' अभियान को को-ऑर्डिनेट कर रह थे। अगले महीने वह 59 साल के होने जा रहे हैं। पिछले महीने ही उनकी अगुवाई में भारत और अमेरिका नेपहला सांस्कृतिक संपदा समझौता किया था। संपदा की अवैध तस्करी को रोकने और पुरातन वस्तुओं को उनके मूल स्थान पर लौटाने के लिए ये समझौते किये गये हैं।