नई दिल्ली: किसान नेताओं के वादा तोड़ने पर हुई हिंसा, किसी को बख्शा नहीं जायेगा:दिल्ली पुलिस कमिश्नर

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एस. एन श्रीवास्तव ने दिल्ली में हुई हिंसा के बाद बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेस कर कई जानकारियों को साझा किया। उन्होंने कई ऐसी  बातें बताई, जो हिंसा का कारण बनीं।

नई दिल्ली: किसान नेताओं के वादा तोड़ने पर हुई हिंसा, किसी को बख्शा नहीं जायेगा:दिल्ली पुलिस कमिश्नर
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव।
  • पुलिस के कमिश्नर ने दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किये कई खुलासे

नई दिल्ली। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एस. एन श्रीवास्तव ने दिल्ली में हुई हिंसा के बाद बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेस कर कई जानकारियों को साझा किया। उन्होंने कई ऐसी  बातें बताई, जो हिंसा का कारण बनीं।

उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को बताया गया था कि तीन रूटें तय की गई है। 12 बजे के बाद रैली निकलानी थी। मगर किसान पहले ही रैली निकालने के लिए जुट गये। उन्होंने बताया कि किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू के भाषण के बाद भीड़ हिंसक हो गई, जिसके कारण भीड़ मुकरबा चौक पर हिंसा भड़की। 
 हिंसा में किसान नेता भी शामिल, शर्तों को नहीं मानकर किया विश्वासघात
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने किसान नेताओं पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ नियम और शर्तों के साथ ट्रैक्टर परेड को इजाजत दी गई थी। ये सभी बातें किसान नेताओं को लिखित रूप में दी गईं। परेड के लिए दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक का समय दिया गया था। इसका नेतृत्व किसान नेताओं को करना था। उन्हें यह भी लिखित में दिया गया था कि 5000 से अधिक ट्रैक्टर (रैली में) नहीं होने चाहिए। उनके पास कोई हथियार भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसा में किसान नेता भी शामिल रहे।  इस दौरान हमने काफी संयम बरता। किसान नेताओं ने हमारे साथ विश्वासघात किया।

दिल्ली सीपी ने कहा कि दो जनवरी को दिल्ली पुलिस को पता चला था कि किसान 26 को ट्रैक्टर रैली करने जा रहे हैं। हमने किसानों से कहा कि कुंडली, मानेसर, पलवल पर ट्रैक्टर मार्च निकालें, लेकिन किसान दिल्ली में ही ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि 25 जनवरी की देर शाम तक यह सामने आया कि किसान अपनी बात नहीं रख रहे थे। वे आक्रामक और उग्रवादी तत्वों को सामने लाये। इनलोगों ने मंच पर कब्जा कर लिया और भड़काऊ भाषण दिये, जिससे उनके इरादे स्पष्ट हो गये।

आरोपियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी और वीडियो फुटेज की मदद

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। अभी तक 25 से अधिक क्रिमिनल केसदर्ज किए गये हैं। पुलिस चेहरे की पहचान प्रणाली का इस्तेमाल कर रही है। आरोपियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी और वीडियो फुटेज की मदद ली जा रही है। हिंसा में दोषी किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने बताया कि 19 आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। 50 लोगों को कस्टडी में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जिस समय हिंसा हो रही थी, उस समय हमारे पास कई विकल्प मौजूद थे, लेकिन पुलिस शांत रही।
किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज
दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में एक एफआईआर में दर्शन पाल और योगेन्द्र यादव समेत 37 किसान नेताओं को नेम्ड किया है। पुलिस उनकी भूमिका की जांच करेगी।हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। एफआईआर में आईपीसी की कई धाराओं का उल्लेख है जिनमें 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगों के लिए सजा), 353 (किसी व्यक्ति द्वारा एक लोक सेवक / सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकना) और 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं।  
लाल किले पर दूसरा ध्वज फहराने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
उन्होंने बताया कि लाल किले पर जो अलग-अलग ध्वज फहराया गया है इसे दिल्ली पुलिस काफी गंभीरता से ले रही है। इस केस में जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा। इस दौरान चाहे किसान नेताओं से भी पूछताछ करनी पड़ी तो उनसे पूछताछ की जायेगी। राष्ट्र के मान में कमी लाने वाले नेताओं और दोषियों पर सख्त से सख्त सजा मिलेगी। दिल्ली पुलिस के सीपी ने आगे बताया कि किसान नेताओं को शर्तों के साथ अनुमति दी गई थी। किसान नेताओं ने उग्र लोगों को आगे कर दिया। सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पहचान जारी है। कोई भी आरोपित, जिसकी पहचान होती है और शामिल पाया जाएगा उसे छोड़ा नहीं जायेगा। जो भी किसान नेता हैं उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। राष्ट्र के सम्मान और सुरक्षा में दिल्ली पुलिस किसान संगठनों से पूछताछ करेगी। अब तक 19 की गिरफ्तारी हुई है और 50 को हिरासत में लिया गया है।

दिल्ली पुलिस के अनुसार किसान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा की मुख्य वजहें
तय रूट की अनदेखी की गई
रैली में असामाजिक तत्व की मौजूदगी
मुकरबा चौक पर सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया
मंच से भड़काऊ भाषण
25 जनवरी की शाम के वादे से मुकर गए किसान नेता
26 की सुबह बैरिकेड तोड़ना शुरू कर दिया
12 बजे तय किया गया था रैली का समय