पाकिस्तान: इमरान खान अब नहीं रहे PM, केबिनेट डिवीजन ने जारी की नोटिफिकेशन
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अब ऑफिसियल पीएम नहीं हैं। केबिनेट डिवीजन ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि इमरान खान ऑफिसियल तौर पर अब पाकिस्तान के पीएम नहीं हैं।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अब ऑफिसियल पीएम नहीं हैं। केबिनेट डिवीजन ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि इमरान खान ऑफिसियल तौर पर अब पाकिस्तान के पीएम नहीं हैं।
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पाकिस्तान सरकार की ओर से रविवार देर शाम नया सर्कुलर जारी किया गया। जिसमें लिखा गया है, "पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा पाकिस्तान विधानसभा को भंग करने के बाद संसदीय मामलों के मंत्रालय, दिनांक तीन अप्रैल, 2022, पाकिस्तान के इस्लामी गणराज्य के संविधान के अनुच्छेद 48(1) के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 58(1) के अनुसार, इमरान अहमद खान नियाज़ी के पाकिस्तान प्रधान मंत्री के पद को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है।" पाक सरकार के कैबिनेट सचिव के नोट से यह स्पष्ट होता है कि इमरान खान अब प्रधानमंत्री नहीं हैं और सरकार देश की नौकरशाही से चल रही है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग करने के कुछ घंटों बाद इमरान खान ने कैबिनेट को भंग कर दिया था। इससे पहले पाक नेशनल एसेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया था।
विपक्ष ने शहबाज शरीफ को घोषित किया नया पीएम
विपक्ष ने शहबाज शरीफ को घोषित किया नया पीएम इससे पहले इस बीच विपक्ष ने पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ को 195 सदस्यों के समर्थन से प्रधानमंत्री घोषित किया है। विपक्ष ने शाम को अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद नेशनल एसेंबली पर कब्जा कर अयाज सादिक को अध्यक्ष नियुक्त किया। उन्होंने इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को फिर से मान्य किया।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
विपक्ष ने सदन भंग करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित करते हुए कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए सभी आदेश और कार्रवाई अदालत के आदेश के अधीन होगी।
पाक आर्मी का पॉलिटिकल लड़ाई से किनारा
पाकिस्तानी आर्मी ने देश में चल रही राजनीतिक घटनाओं में किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया है। सेना के जनसंपर्क विंग के प्रमुख मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा, "सेना का राजनीतिक प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।" सदन के विघटन का मतलब है कि अगली सरकार का चुनाव करने के लिए तीन महीने के भीतर चुनाव होंगे।हालांकि जब तक कार्यवाहक प्रधान मंत्री संविधान के अनुच्छेद 224A- (4) के तहत नहीं आ जाते , तब तक इमरान खान प्रधान मंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभायेंगे।
उल्लेखनीय है रविवार को इमरान खान सरकार के खिलाफ लाये गये विपक्ष के अविश्वावस प्रस्ताेव को नेशनल असेंबली के डिप्टीय स्पीककर ने खारिज कर दिया था। इसके लिए उन्होंंने संविधान के अनुच्छे्द 5 का हवाला दिया है। वहीं इस बीच प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर राष्ट्र पति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया।