झारखंड में पंचायत चुनाव की घोषणा 15 फरवरी से पहले, मार्च में होंगे चुनाव: आलमगीर आलम
ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने घोषणा की है कि झारखंड में पंचायत चुनाव की फरवरी में कर दी जाएगी। यही नहीं पंचायत चुनाव हर हाल में मार्च में करा लिया जायेगा।
रांची। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने घोषणा की है कि झारखंड में पंचायत चुनाव की फरवरी में कर दी जाएगी। यही नहीं पंचायत चुनाव हर हाल में मार्च में करा लिया जायेगा।
पंचायत चुनाव की सभी आवश्यक प्रक्रिियाएं पूरी
आलमगीर आलम ने बताया कि पंचायत चुनाव को लेकर होने वाली आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। यह लक्ष्य रखा गया है कि मार्च तक हर हाल में चुनाव संपन्न करा लिया जाए। इस दिशा में तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
चुनाव की घोषणा 15 फरवरी से पहले
आलमगीर ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण झारखंड में समय पर पंचायत चुनाव नहीं कराया जा सका। अब यहां 15 फरवरी 2022 के बाद कभी भी चुनाव कराया जा सकता है। बकायदा पंचायत चुनाव की घोषणा फरवरी में कर दी जाएगी। इसके लिए सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं।
10 फरवरी तक मतदाता सूची फाइनल करने का आदेश
मिनिस्टर आलमगीर आलम ने बताया कि अभी फिलहाल मतदाता सूची फाइनल नहीं हुई है। मतदाता सूची फाइनल करने का काम चल रहा है। फाइन होते ही यह निर्वाचन आयोग को भेज दी जायेगी। फिर इसे सभी जिलों में भेज दिया जायेगा। जिला उपायुक्त वार्ड वाइज मतदाता सूची की छंटनी करायेंगे। इसके बाद यह प्रकाशित की जायेगी। अनुमान लगाया जा रहा कि सारे कार्य 10 फरवरी 2022 तक पूरे कर लिए जायेंगे।
मार्च माह में संपन्न हो जाएगा पंचायत चुनाव
उन्होंने मतदाता सूची फाइनल होते ही पंचायत चुनाव की घोषणा हर हाल में 15 फरवरी 2022 तक कर दी जायेगी। इसके बाद मार्च में चुनाव करा लिया जायेगा। उस समय कोरोना का कहर भी कम रहेगा और झारखंड में मौसम भी ठीक रहेगा।
पंचायती राज का कार्यकाल दिसंबर 2021 में खत्म हो चुका
झारखंड में पंचायत चुनाव दिसंबर 2021 में ही होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण यह चुनाव संपन्न नहीं हुआ। ऐसे में सरकार ने पंचायतों के कार्यकाल को विस्तार दे दिया है। अभी पंचायती राज व्यवस्था एक्सटेंशन पर ही चलाई जा रही है।
पेसा के प्रावधान पंचायती राज एक्ट में क्यों नहीं हैं शामिल : हाइकोर्ट
हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल पूछा है कि पेसा कानून के सभी प्रावधान पंचायती राज अधिनियम में क्यों नहीं शामिल किये गये। झारखंड हाइकोर्ट ने शनिवार को शिड्यूल एरिया में लागू पंचायती राज अधिनियम को चुनौती देनेवाली जनहित याचिकाओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की। चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने मामले की लंबी सुनवाई के बाद राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने चार फरवरी की तिथि निर्धारित की।
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से झारखंड हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न आदेशों का हवाला देते हुए बताया गया कि पंचायती राज अधिनियम संवैधानिक है। प्रार्थियों की दलील सही नहीं है। वहीं, प्रार्थियों की ओर से बेंच को बताया गया कि संविधान के प्रावधान के तहत शिड्यूल एरिया में पंचायती राज अधिनियम लागू नहीं हो सकता है।यहां पंचायती राज अधिनियम लागू किया गया है, जो संवैधानिक रूप से सही नहीं है। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने पैरवी की।ज्ञात हो कि प्रार्थी ईमिल वाल्टर कंडुलना व आदिवासी बुद्धिजीवी मंच की ओर से पीआइएल दायर की गयी है। प्रार्थियों ने शिड्यूल एरिया में पंचायती राज अधिनियम लागू करने को चुनौती दी है।