पंकज मिश्रा ने अजय बराज प्रोजेक्ट का टेंडर मैनेज करने के लिए किया था कॉल, एक सीनीयर पुलिस अफसर थे लाइन पर !
ईडी ने कुछ संदिग्ध कॉल को ट्रैक किया है, जो कथित तौर पर पंकज मिश्रा द्वारा अजय बराज से संबंधित कार्य सहित अन्य टेंडरों को मैनेज करने के लिए किये गये थे। इस बात की जांच चल रही है कि क्या पंकज मिश्रा ने सिचाई विभाग के किसी अफसर को बुलाकर किसी कंपनी को काम आवंटित करने के लिए दबाव बनाया था। ये सभी कॉल्स तब किये गये जब वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा ज्यूडिशियल कस्टडी में थे।
रांची। ईडी ने कुछ संदिग्ध कॉल को ट्रैक किया है, जो कथित तौर पर पंकज मिश्रा द्वारा अजय बराज से संबंधित कार्य सहित अन्य टेंडरों को मैनेज करने के लिए किये गये थे। इस बात की जांच चल रही है कि क्या पंकज मिश्रा ने सिचाई विभाग के किसी अफसर को बुलाकर किसी कंपनी को काम आवंटित करने के लिए दबाव बनाया था। ये सभी कॉल्स तब किये गये जब वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा ज्यूडिशियल कस्टडी में थे।
यह भी पढ़ें:बिहार: पूर्णिया नगर निगम के JE के ठिकानों पर विजीलेंस रेड, जमीन-फ्लैट में लगाई ब्लैक मनी
पंकज मिश्रा के नाम से हुआ फोन कॉल
सोर्सेज का दावा किया है कि पंकज मिश्रा के नाम से एक फोन कॉल किया गया था। बताया जा रहा है की उन्होंने राजी कर लिया कि काम उनकी पसंद की कंपनी को आवंटित किया जाना चाहिए। विशेष रूप से राज्य सरकार के एक अत्यधिक प्रभावशाली अफसर के बारे में कहा जाता है कि उसने उसी कंपनी की पैरवी की थी।
एक पुलिस अफसर से बात कर रहे थे पंकज मिश्रा
ईडी ने गुरुवार को पंकज मिश्रा को उस समय पकड़ लिया, जब वह कथित तौर पर अपने सहयोगी के फोन पर एक पुलिस अफसर से बात कर रहे थे। सोर्सेज का कहना है कि ईडी ने फोन की जांच की तो पता चला है कि कॉल अक्सर 11 मोबाइल नंबरों पर किये जाते थे। फोन पर ज्यादातर सीनीयर अफसर ही होते थे। ईडी ने गुरुवार को चंदन यादव और सूरज पंडित को रिम्स कैंपस से कस्टडी में लिया है, जो पंकज मिश्रा के ड्राइवर हैं। चंदन यादव पंकज मिश्रा का बेहद करीबी है, हालांकि खबर लिखे जाने तक एफआइआर दर्ज नहीं की गई है। पंकज मिश्रा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि हैं।
पंकज मिश्रा को ईडी ने 19 जुलाई को अरेस्ट किया था। तबीयत खराब से पंकज मिश्रा रिम्स के पेइंग वार्ड में एडमिट है। क्रिटिकल केयर के साथ सर्जरी और मेडिसिन विभाग के डॉक्टर पंकज का इलाज कर रहे हैं। ईडी ने रिम्स प्रशासन से पेइंग वार्ड एरिया के सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को कहा है, जहां पंकज मिश्रा इलाजरत हैं। ईडी उन लोगों का पता लगाना चाहता है जो पेइंग वार्ड में अनाधिकृत तरीके से पंकज मिश्रा से मिले थे। ईडी ने यह कदम पंकज मिश्रा के दो ड्राइवरों चंदन यादव और सूरज पंडित को अवैध रूप से पंकज मिश्रा को कॉल करने के लिए अपना मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के आरोप में कस्टडी में लेने के बाद उठाया। आरोप है कि पंकज मिश्रा साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, डीएमओ विभूति कुमार समेत कई लोगों से फोन पर लगातार संपर्क में रहते थे और निर्देश देते थे।
पंकज मिश्रा ने वन अफसर को रिम्स बुलाया
स्टेट के एक सीनीयर वन अफसर का कहना है कि पंकज मिश्रा ने संथाल परगना के एक जिले के वन अफसर को बुलाया था। पंकज मिश्रा ने वन अधिकारी को एक व्हाट्सएप कॉल किया था। वह चाहते थे कि अधिकारी वन कानून के उल्लंघन के आरोप में किसी को अरेस्ट किया जाए। वन अफसर को ऐसे व्यक्ति का फोन आने पर आश्चर्य हुआ जो जेल में है, लेकिन फिर भी अपने अनुचित अधिकार का प्रयोग कर रहा है।
जाकिर शेख का दावा-पंकज मिश्रा ने फोन धमकाया
जेएमएम लीडर और साहिबगंज के पतना प्रखंड के उप प्रमुख जाकिर शेख ने कहा कि पंकज मिश्रा ने एक बार उन्हें कॉल किया था। पहाड़िया जनजातियों को अनाज वितरण में गड़बड़ी को लेकर आवाज उठाने पर उन्हें धमकी दी थी। पंकज ने कहा था कि “ज्यादा मत कूदो और चुप रहो. मैं दो महीने के भीतर जेल से बाहर आ रहा हूं और सब कुछ सुलझा दूंगा। अपनी सीमा को मत भूलना और घर पर रहो। जाकिर शेख ने कहा कि वह इतने डरे हुए हैं कि धमकी के बाद अपने कार्यालय भी नहीं गये। जाकिर ने “एक शिकायत थी कि पहाड़िया जनजातियों को लगभग नौ महीनों तक अनाज नहीं दिया गया था। एक लोकल बीजेपी लीडर लगातार इस मामले को उठा रहा था, चूंकि मामला बरहेट विधानसभा से संबंधित है, जो सीएम का निर्वाचन क्षेत्र है, इसलिए मैंने इस मामले में हस्तक्षेप किया। मैंने बीडीओ से भी बात की। जाकिर शेख ने कहा कि एक दिन उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया। “मुझे वह फोन नंबर याद नहीं है लेकिन अभी भी उसकी आवाज याद है। उसने मुझे धमकी दी। इसके बाद मैं इतना डर गया था कि मैंने ऑफिस जाना तक बंद कर दिया। मैंने कुछ लोगों को बताया कि पंकज मिश्रा ने मुझे बुलाया है। वह मुझे नुकसान पहुंचा सकता है।
झारखंड के कई अफसर फंसेंगे...
ईडी को लगातार सूचना मिल रही थी कि मनी लांड्रिंग के मामले में उसने जितने भी वीवीआइपी कैदियों को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा है, वे जेल मैनुअल को ताक पर रखकर सभी सुख-सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। यह कानून सम्मत नहीं है। संताल के क्षेत्र में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में अनुसंधान के दौरान ईडी ने गत 19 जुलाई को पंकज मिश्रा को अरेस्ट किया था। उससे रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की गई थी। इसी बीच पंकज मिश्रा की तबीयत बिगड़ी और तब से ही वे रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत हैं।ईडी ने 16 सितंबर को रांची की विशेष पीएमएलए अदालत में पंकज मिश्रा और उसके दो सहयोगियों-बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।