प्रशांत किशोर राहुल गांधी पर तंज, बोले- ट्वीट और कैंडिल मार्च से BJP को हराना मुश्किल, PM मोदी की प्रशंसा
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार कांग्रेस पार्टी पर फिर जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बिना भी भारत में विपक्ष संभव है। पीके ने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा कि अगर पार्टी को बचाना है तो गांधी परिवार से बाहर के किसी नेता को लोकतांत्रिक तरीके से अध्यक्ष चुनें। उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए यह भी कहा है कि एक ट्वीट और कैंडिल मार्च के जरिए आप बीजेपी को हरा नहीं सकते हैं।
- विपक्ष का मतलब कांग्रेस नहीं
- दूसरी पार्टियां भी लीडर तय
- 2024 के लिए PK का मास्टर प्लान
- बीजेपी को हराने का बताया फॉर्मूला
- दूसरी पार्टियां भी लीडर तय करें
नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार कांग्रेस पार्टी पर फिर जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बिना भी भारत में विपक्ष संभव है। पीके ने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा कि अगर पार्टी को बचाना है तो गांधी परिवार से बाहर के किसी नेता को लोकतांत्रिक तरीके से अध्यक्ष चुनें। उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए यह भी कहा है कि एक ट्वीट और कैंडिल मार्च के जरिए आप बीजेपी को हरा नहीं सकते हैं।
10 साल में कांग्रेस को 90 परसेंट चुनावों में हार मिली
आई-पैक के नाम से पॉलीटिक्ल कंसलटेंसी चलाने वाले प्रशांत किशोर इंडिया टुडे को दिये गये एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने 2024 के आम चुनावों में विपक्ष के लिए बीजेपी से मुकाबला करने के लिए अपना ब्लू प्रिंट भी पेश किया। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के बिना बीजेपी विरोधी मोर्चा बनाना संभव है। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के करीबी प्रशांत किशोर ने कहा कि 1984 के बाद कांग्रेस को अकेले एक भी लोकसभा चुनाव में जीत मिली है। बीते दस साल में कांग्रेस को 90 प्रतिशत चुनावों में हार मिली है। कांग्रेस नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। पीके ने कहा कि मैं लगभग कांग्रेस जॉइन कर लिया था।
बीजेपी को हराने के लिए ठोस रणनीति की जरूरत
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह सभी की सुनते हैं। यही उनकी ताकत है। उन्हें पता है कि आखिर लोगों को क्या चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दशकों तक बीजेपी के इर्द-गिर्द ही देश की राजनीति घूमेगी। प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी पहले के मुकाबले अब काफी मजबूत हो चुकी है। ट्वीट और कैंडिल मार्च के जरिये बीजेपी को नहीं हराया जा सकता है। इसके लिए ठोस रणनीति की जरूरत है। 1984 के बाद से कांग्रेस को अकेले दम पर एक भी लोकसभा चुनाव में जीत नहीं मिली है। पिछले एक दशक में देश की सबसे पुरानी पार्टी 90 परसेंट चुनाव हारी है। इस हार की जिम्मेदारी कांग्रेस लीडरशीप को लेनी चाहिए।
बीजेपी को हराने का फॉर्मूला
प्रशांत किशोर ने कहा कि मौजूदा बीजेपी के खिलाफ केवल बहुत सारी पार्टियों का एकसाथ आ जाना ही काफी नहीं है। असम में महागठबंधन बना लेकिन उसे हार मिली। 2017 में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और अन्य पार्टियां साथ आईं, लेकिन हार गईं। अतीत को देखना होगा और उससे सीखना होगा। यह वह फॉर्मूला नहीं है, जिससे बीजेपी हार जायेगी। इसके लिए सबको एक करने वाला चेहरा चाहिए, एक विचार होना चाहिए, इसके बाद नंबर आता है आंकड़ों का और फिर मशीनरी का।
कोई भी पार्टी बीजेरपी को अकेले चैलेंज नहीं कर सकती
उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी बीजेपी को अकेले चैलेंज नहीं कर सकती है, जब तक वह उस जगह को नहीं हासिल कर लेती है, जो आज कांग्रेस की है। अगर आपके पास सही मुद्दे हैं और उनके इर्द-गिर्द आप विचार और नजरिया खड़ा कर सकते हैं तो लीडरशिप करनेवाला वो चेहरा भी नजर आ जायेगा। दो साल का वक्त कम नहीं होता है। सात से 10 साल की योजना आपके पास होनी चाहिए। साथ रहना होगा, लड़ना होगा और उन चार चीजों (चेहरा, विचार, आंकड़ा और मशीनरी) पर लगातार काम करना होगा।
कांग्रेस पार्टी अकेले ही पूरा विपक्ष नहीं
पीके ने कहा कि अपोजिशन को लेकर आज सारी बहस यही है कि क्या यह कांग्रेस के साथ प्रभावी है या इसके बिना। इस देश में प्रभावी विपक्ष के लिए कांग्रेस जरूरी है, लेकिन इस पार्टी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए नहीं। मौजूदा कांग्रेस लीडरशिप के साथ कांग्रेस ने कुछ अच्छा नहीं किया है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि विपक्ष का नेता कौन हो, पर कांग्रेस पार्टी अकेले ही पूरा विपक्ष नहीं है। इसमें और भी बहुत सारी पार्टियां हैं। इन सबको मिलकर यह तय करना चाहिए कि विपक्ष की अगुआई कौन करे। यह नहीं होना चाहिए कि कोई कह दे कि कोई XYZ प्रेसिडेंट होगा और उसे वह जिम्मा सौंप दिया जाए।
कांग्रेस का जो स्ट्रक्चर है, उसे बदलना चाहिए
पीके ने कहा कि एक पार्टी के तौर पर कांग्रेस का जो स्ट्रक्चर है, उसे बदलना चाहिए। जिस तरह से यह चलती है और जिस तरह से फैसले लिए जाते हैं। कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी तीन साल से अंतरिम अध्यक्ष के साथ चल रही है, क्या यह सही कदम है। इसके लिए आपको किसी प्रशांत किशोर या किसी और की सलाह की जरूरत नहीं है। आप जिसे भी चुनें वह फुलटाइम प्रेसिडेंट होना चाहिए। जब आप जीतते हैं तो इसका क्रेडिट लेते हैं, हार पर आपको किनारे हट जाना चाहिए और दूसरे को लीडरशिप करने देनी चाहिए।उन्होंने कहा कि
मैं राहुल गांधी की बात नहीं कर रहा हूं। मैं उस लीडरशिप के बारे में बात कर रहा हूं जिसकी अगुआई में पिछले 10 साल से कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। इस दौरान 90% चुनाव पार्टी हारी है। 1984 के बाद एक भी चुनाव ये पार्टी अकेले नहीं जीत पाई है। लीडरशिप मसले के अलावा फैसले लेने में भी तेजी आनी चाहिए। फैसले लेने की सभी शक्तियां केवल दिल्ली में बैठे कुछ लोगों तक नहीं सीमित होनी चाहिए। यह पार्टी पहले बहुत मजबूत थी, क्योंकि इसके पास बहुत ताकतवर क्षेत्रीय नेता थे।
बीजेपी को खत्म नहीं कर सकते
प्रशांत किशोर ने कहा कि आप बीजेपी को आप खत्म नहीं कर सकते। आपको यह जरूर देखना चाहिए कि आज वह यहां कैसे पहुंची। संगठन के तौर पर पीढ़ियों ने पिछले 50-60 साल तक काम किया। जनसंघ और उससे पहले भी यह शुरू हो गया था। अब 60-70 साल के बाद वे केंद्र में 30-35% वोटों के साथ सत्ता में आये हैं।मैं यह नहीं कहता कि वह 30-40 साल तक सत्ता में रहेगी। हां, वो अगले 30-40 साल तक भारतीय राजनीति के केंद्र में रहेगी, भले इलेक्शन जीते या हारे। ऐसा ही कांग्रेस के साथ हुआ है। 1967 के बाद वो कई चुनाव हारी, लेकिन पूरे देश में उसके पास 30-35% वोट थे तो राजनीति भी उसके इर्द-गिर्द घूमती रही। जहां तक बात नरेंद्र मोदी की है, तो वे लोगों की बात सुनते हैं और उनकी सबसे बड़ी ताकत यही है। मोदी यह भी जानते हैं कि लोगों की जरूरत क्या है।