कोरोना के नये वेरिएंट ओमीक्रोन ज्यादा घातक नहीं, सक्रमित पेसेंट में हल्के लक्षण, घबराने की जरूरत नहीं
डेल्टा वैरिएंट की तुलना में चार-पांच गुना ज्यादा तेजी से फैलने की क्षमता वाले कोरोना के नये वैरिएंट ओमीक्रोन से संक्रमित पेसेंट में हल्के लक्षण मिल रहे हैं। पेसेंट को हॉस्पीटल में एडमिट कराने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है। यह ज्यादा घातक नहीं है। लोगों के घबराने की जरुरत नहीं है।
नई दिल्ली। डेल्टा वैरिएंट की तुलना में चार-पांच गुना ज्यादा तेजी से फैलने की क्षमता वाले कोरोना के नये वैरिएंट ओमीक्रोन से संक्रमित पेसेंट में हल्के लक्षण मिल रहे हैं। पेसेंट को हॉस्पीटल में एडमिट कराने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है। यह ज्यादा घातक नहीं है। लोगों के घबराने की जरुरत नहीं है।
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कोरोना के नये वेरिएंट पर रिसर्च जारी हैं। दक्षिण अफ्रीकी देशों में इसका प्रभाव सबसे ज्यादा है। वर्ल्ड के साइंटिस्ट का नये वेरिएंट ओमीक्रोन पर नजर है। वैज्ञानिक एक-एक केस के बारे में अध्ययन कर रहे हैं। राहत की बात यह है कि अभी तक अनुभव बहुत डराने वाले नहीं हैं। लोगों को मामूली लक्षण ही देखने को मिले हैं। साउथण अफ्रीका में इस वेरिएंट का सबसे पहले पता चला था। वहां भी डॉक्टरों का अब तक अनुभव यही रहा है। देश में भी इस वेरिएंट से संक्रमित ज्यादातर लोगों में मामूली ही लक्षण मिले हैं।
डेल्टा के मुकाबले ओमीक्रोन वेरिएंट के पसेंट में हल्के लक्षण
साउथ अफ्रीका के गुआतेंग प्रांत में मेडिकल प्रैक्टिस करने वाले डॉ यू पिल्लै के पास इन दिनों रोजाना दर्जनों मामले आ रहा है। इस प्रांत में ओमीक्रोन वेरिएंट छाया हुआ है। दिसंबर के पहले वीक में नये मामलों में 400 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। टेस्टिंग से पता चलता है कि इनमें से 90 परसेंट मामलों में इंफेक्शन का कारण ओमीक्रोन है।पिल्लै ने कहा है कि बेशक रोजाना मामले बढ़े हैं, लेकिन उन्हें अब तक किसी को हॉस्पीटल भेजने की जरूरत नहीं पड़ी है। पेंसेंट घरों में ही अपने आप ठीक हो रहे हैं। इंडिया में भी ओमीक्रोन वेरिएंट से किसी की मौत की खबर नहीं आई है। एक्सर्ट्स को अभी तक के अनुभवों से लग रहा है कि डेल्टा के मुकाबले ओमीक्रोन वेरिएंट के पसेंट में हल्के लक्षण दिख रहे हैं। हालांकि, यह भी सही है कि कोरोना का नया वेरिएंट फैल तेजी से रहा है। ज्यादातर 10-14 दिनों की आइसोलेशन अवधि में रिकवर हो रहे हैं।
बहुत कम लोग गंभीर रूप से पड़े बीमार
साउथ अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्यूनिकेबल डिजीज के अनुसार, हाल के वीक में कोविड-19 से संक्रमित हॉस्पीटल में एडमिट सिर्फ 30 परसेंट लोग गंभीर रूप से बीमार पड़े। कोरोना की पिछली लहरों में पहले वीक के दौरान इसकी तुलना करें तो यह दर आधी है।
हॉस्पिटल में एडमिट रहने का टाइम कम
ओमिक्रोन संक्रमित लोगों की हॉस्पीटल में रहने की अवधि भी कम है। पहले आठ दिनों की तुलना में यह लगभग 2.8 दिन है। साउथ अफ्रीका के अनुभवों से पता चलता है कि हाल में कोविड-19 से संक्रमित हॉस्पीटल में एडमिट सिर्फ तीन परसेंट पेसेंट की मौत हुई है। पिछली लहरों में यह रेट लगभग 20 परसेंट था।
सभी जगह से मिल रहे एक जैसे संकेत
अफ्रीका हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर विलेम हेनकॉम ने बताया है कि अभी तक जो चीजें सामने आई हैं, उनसे एक ही संकेत मिल रहा है। वह यह है कि यह वेरिएंट डेल्टा जितना खतरनाक नहीं है। इसमें मामूली लक्षण ही दिखते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि ये अभी शुरुआती बातें हैं। इस पर अध्ययन चल रहा है। ऐसे में किसी तरह की कोताही सही नहीं होगी। लोगों को पहले की तरह ही कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर बनाए रखना है। मास्क, दो गज की दूरी और सेनिटाइजेशन का अभी भी खास ख्याल रखना है।
वर्ल्ड में लगभग तीन हजार लोगों के ओमिक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि
आइसीएमआर चीफ डॉ बलराम भार्गव के अनुसार अभी तक पूरी दुनिया में लगभग तीन हजार लोगों के ओमिक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इनमें 33 भारत में हैं। भले ही इन सबमें हल्के लक्षण दिख रहे हों, लेकिन अभी हमें और बड़े डाटा का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन-चार वीक में स्थिति साफ हो जायेगी। ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण मध्यम और गंभीर लक्षण सामने आते हैं या नहीं। देश में शनिवार को ओमिक्रोन का एक और केस सामने आया। दिल्ली में जिम्मबाब्वे से आए एक शख्स के ओमिक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसे दिल्ली के एलएनजेपी में एडमिट कराया गया है। दिल्ली में ओमिक्रोन का यह दूसरा मामला है। इससे पहले तंजानिया से आये शख्स में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई थी। भारत में हल्का हो रहा संक्रमण देश में सामने आ रहे आंकड़े भी वायरस के पहले की तुलना में कम प्रभावी होने के संकेत दे रहे हैं।