आतंकियों के टार्गेट पर था राम मंदिर और देश के कई बड़े लीडर, दिल्ली में पकड़ाये ISIS आतंकियो ने किये अहम खुलासे
दिल्ली पुलिस की स्पेशन सेल द्वारा पकड़े गये में पकड़े गये ISIS आतंकियो ने पूछताछ के दौरान बड़ा खुलासा किया है। पूछताछ के दौरान आतंकियों ने बताया कि उनके निशाने पर अयोध्या का राम मंदिर के सा-साथ देश के कई बड़े लीडर्स थे। मुंबई का छाबड़ा हाउस भी टार्गेट पर था।
- त्योहारों से पहले देश को दहलाने की साजिश व बड़े हमले की योजना विफल
- पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के निर्देश पर भर्ती किये गये थे आतंकी
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशन सेल द्वारा पकड़े गये में पकड़े गये ISIS आतंकियो ने पूछताछ के दौरान बड़ा खुलासा किया है। पूछताछ के दौरान आतंकियों ने बताया कि उनके निशाने पर अयोध्या का राम मंदिर के सा-साथ देश के कई बड़े लीडर्स थे। मुंबई का छाबड़ा हाउस भी टार्गेट पर था।
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के तीन अतंकियों मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शैफी, मोहम्मद रिजवान अशरफ व मोहम्मद अरशद वारसी को अरेस्ट किया है। इनकी भर्ती पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के निर्देश पर लश्कर ए तैयबा ने की थी। पाकिस्तान में बैठे लश्कर के हैंडलर परातुल्ला गौरी व साहिद फैसल ने इनकी ऑनलाइन भर्ती की थी।
शाहनवाज पर तीन लाख का इनाम
पाकिस्तान में बैठे लश्कर के हैंडलर परातुल्ला गौरी व साहिद फैसल ने इनकी ऑनलाइन भर्ती इसलिए किया ताकि आतंकी हमले पर जांच में आईएस का नाम सामने आए। पाकिस्तान का नाम बदनाम न हो। तीनों में मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शैफी उज्जमा को दिल्ली के जैतपुर, मोहम्मद रिजवान अशरफ को लखनऊ व मोहम्मद अरशद वारसी को मुरादाबाद से पकड़ा गया। शाहनवाज पर एनआइए से तीन लाख का इनाम है। तीनों 2018 में जामिया नगर में एक साथ रहे थे। तभी से वे एक-दूसरे को जानते हैं। विशेष आयुक्त स्पेशल सेल एचजीएस धालीवाल के अनुसार कई माह से स्पेशल सेल की टीम इस माड्यूल की तलाश कर रही थी। शाहनवाज के ठिकाने से सेल ने विस्फोटक बनाने के अलग-अलग उपकरण, जिनमें प्लास्टिक ट्यूब,आयरन पाइप, अलग-अलग तरह के केमिकल और बहुत सारे टाइमर, डेटोनेटर और दूसरे डिवाइस बरामद किये हैं।
पिस्टल, कारतूस समेत अन्य सामान पुलिस ने किये बरामद
पुलिस ने तीनों आतंकियों के पास से पिस्टल, कारतूस और बम बनाने के अलग-अलग लिटरेचर बरामद किये हैं। ये सभी 500 जीबी डाटा के रूप में मिले हैं जिसमें पीडीएफ, वीडियो, फोटो और आडियो आदि शामिल हैं। इन्हें ये सब सीमा पार बैठे लश्कर के हैंडलर्स ने ऑनलाइन माध्यम से भेजे थे। इंटरनेट के अलग-अलग एप के जरिए बातचीत कर ये आपस में जानकारी जुटाते थे कि किस तरह के केमिकल का इस्तेमाल बम बनाने किया जाए ताकि उससे अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाई जा सके।
टार्गेट पर थीं ये फेमस जगहें
पुलिस पूछताछ में आतंकियों आतंकी शाहनवाज उर्फ सैफी, अरशद और रिजवान ने बताया कि देश की कई फेमस जगहें उनके टार्गेट पर थीं। इस दौरान उनका टार्गेट अयोध्या का राम मंदिर, मुंबई का छाबड़ा हाउस और देश के कई बड़े लीडर थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अरेस्ट कर उनकी प्लानिंग फेल कर दी है।
तीनों आतंकी पढ़े लिखे
पुलिस गिरफ्त में आये तीनों आतंकी काफी पढ़े-लिखे हैं। झारखंड के हजारीबाग का रहनेवाला शहनवाज माइनिंग इंजीनियरिंग कर चुका है। माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के कारण शाहनवाज को ब्लास्ट का सामान बनानेका तरीका आता था। आतंकियों ने पुलिस को बताया कि ब्लास्ट की प्रैक्टिस के लिए उन्होंने पुणेके जंगलों का इस्तेमाल किया था। शाहनवाज के साथ-साथ पकड़े रिजवान और अरशद भी पढ़े-लिखे हैं। रिजवान कंप्यूटर साइंस सेबीटेक कर चुका है। अरशद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ा है।
गुजरात में कई जगहों पर किया था रेकी
आतंकियों की प्लान ऐसे जगहों पर ब्लास्ट करने की थी, जहां बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोगों का जमावड़ा हो। ये सभी वेस्टर्न इंडिया, सदर्न इंडिया आदि कई स्टेट में अलग-अलग जगहों पर जाकर रेकी कर चुके हैं। वेस्टर्न घाट यानी गुजरात से लेकर केरल तक इन्होंने अपना ठिकाना बनाने की कोशिश की। कई जगहों पर जंगलों में इन्होंने हफ्ते भी बिताये। वहां ये लोग ट्रेनिंग कैंर बनाकर रहे। गुजरात के अहमदाबाद में भी कई जगहों पर भी रेकी की। जंगलों में कई जगह इन्होंने बम ब्लास्ट कर उसकी तीव्रता जांचने की कोशिश की। मोहम्मद शाहनवाज का एक साथी मोहम्मद रिजवान फरार है उसकी तलाश एनआईए, पुणे पुलिस और स्पेशल सेल कर रही है। अरशद वारसी भी बीटेक किया हुआ है। बाद में उसने पीएचडी भी की। मोहम्मद रिजवान मौलाना है। वह कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया हुआ है। स्पेशल सेल का कहना है कि कई वीआईपी भी इनके निशाने पर थे। कुछ साक्ष्य मिले हैं जिससे पता चलता है कि इन्हें पाकिस्तान से फंडिंग की गई है। इसके मनी ट्रेल का पता लग गया है।
वाहन चोरी के दौरान फरार हुआ था शाहनवाज
पुलिस कहना है कि 18 जुलाई को शाहनवाज पुणे से कार चोरी करके भाग रहा था। उसमें इमरान और यूसुफ को पुणे पुलिस ने पकड़ा। इमरान और यूसुफ पर पांच लाख का इनाम था दोनों 2017 में हुए चितौड़गढ़ ब्लास्ट में शामिल रहे हैं। दोनों से पूछताछ के बाद शाहनवाज के बारे में जानकारी मिली। शाहनवाज पुणे पुलिस से फरार होने के बाद दिल्ली में छिपा हुआ था।
शाहनवाज ने हिंदू लड़की से की शादी, धर्म परिवर्तन करा नाम रख दिया मरियम
झारखंड के हजारीबाग निवासी आतंकी मोहम्मद शाहनवाज विश्वेश्वरैया इंस्टीट्यूट बेंगलुरु से माइनिंग में बीटेक किया हुआ है। इसकी वाइफइस्लाम में कन्वर्टेड है । उसका पहला नाम बसंती पटेल था। शादी के बाद इसकी पत्नी ने मरियम नाम रख लिया है। शाहनवाज ने हिंदू लड़की को इस्लाम धर्म के बारे ब्रेनवाश किया था। इससे वह प्रभावित हो गई,उसे कई किताबें आदि पढ़वाई, जिससे उसने इस्लाम धर्म अपना लिया और उससे शादी कर ली। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उसकी वाइफ और बहन भी कट्टरपंथी हैं वह शाहनवाज का साथ दे रही थीं, अभी फिलहाल वह फरार है। इनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
ISIS के इशारों पर लूटपाट-चोरी कर जुटाते थे धन
तीन आतंकियों ने पुलिस को बताया है कि पाकिस्तानी हैंडलरों ने उन्हें भारत में लूटपाट, चोरी जैसी आपराधिक वारदात से अर्जित धन को आतंकी वारदात में इस्तेमाल करने के लिए निर्देश दिये थे। अब तक पाकिस्तानी हैंडलर आतंकी वारदात के लिए खुद फंडिंग करते थे। पुलिस का कहना है कि पाकिस्तानी हैंडलर देश में पढ़े-लिखे युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंक की राह पर ले जा रहे हैं। इसके लिए अब उन्होंने फंडिंग बंद कर दी है। इसके बदले वह यहां पर आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवा रहे हैं, ताकि यहां युवा खुद का कंट्टरपंथी नेटवर्क खड़ा कर सके।
चोरी के धन को माल-ए-गनीमत कहते
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कहने पर फरहतुल्ला गौरी और उसके दामाद शाहिद फैसल आरोपितों को लूटपाट, चोरी जैसे आपराधिक वारदात करने को कहते थे। इससे प्राप्त धन को यह माल-ए-गनीमत कहते थे। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि शाहनवाज लूटपाट, चोरी छह से अधिक आपराधिक वारदात को अंजाम दे चुका है। फिलहाल इनके गिरोह में अभी कई अन्य लोग भी शामिल हैं, उनकी तलाश की जा रही है। आरोपित प्रत्येक आपराधिक वारदात की जानकारी पाकिस्तानी हैंडलरों को देते थे। इन्हें पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली, देहरादून, अलीगढ़ लखनऊ, मुरादाबाद और प्रयागराज में रेड की गई।
NIA ने घोषित कर रखा था तीन लाख का इनाम
शहनवाज सफीउज्जमा आलम उर्फ सफीउज्जमा उर्फ अब्दुल्ला के अलावा रिजवान अब्दुल हाजी अली व मोहम्मद अरशद वारसी को ईडी ने केस आरसी/05/2023/मुंबई में तीनों को फरार घोषित करते हुए एनआईए ने तीन-तीन लाख रुपये का इनाम रखा था।इन आतंकियों पर पुणे के जंगल में बम विस्फोट का ट्रायल करने के मामले में केस दर्ज हुआ था। एनआईए ने मोहम्मद शहनवाज के ठिकाने से पिस्टल, आइईडी बनाने के सामान, विस्फोटक, केमिकल, जेहादी व बम बनाने का साहित्य आदि बरामद किया था।
विस्फोट करने की बना रहे थे प्लान
इनकी योजना देश में आतंक फैलाने की थी। ये उत्तर भारत को अशांत करने के लिए जगह-जगह बम विस्फोट की योजना बना रहे थे। इन तीनों ही आतंकियों की तलाश जारी थी। इसी बीच इनके दिल्ली में छुपे होने की सूचना पर छापेमारी हुई और तीनों पकड़े गये। पुलिस गिरफ्त में आये शहनवाज सफीउज्जमा आलम मूल रूप से झारखंड के हजारीबाग जिले के पेलावल स्थित पगमिल का निवासी है। उसका पासपोर्ट रांची में 31 अक्टूबर 2016 को बना था, जिसकी वैधता 30 अक्टूबर 2026 तक है। पासपोर्ट में उसकी जन्मतिथि पांच मार्च 1993 है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद शहनवाज के दूसरे साथी जिस मोहम्मद अरशद वारसी को गिरफ्तार किया है, उसका भी झारखंड कनेक्शन बताया जा रहा है। उसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। वहीं, तीसरा सहयोगी रिजवान अब्दुल हाजी अली कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है।शहनवाज बेंगलुरु के विश्वसरैया इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से माइनिंग इंजीनियरिंग कर चुका है। माइनिंग इंजीनियर होने के चलते उसे बम ब्लास्ट का ज्ञान है। उसने बम बनाने के कई प्रयोग भी किए। 2020 में लूटकांड के एक मामले में वह हजारीबाग से जेल गया था। जेल से छूटने के बाद वह पुणे चला गया था। पुणे में मीठानगर कोंधवा के चेतना गार्डेन में रहता था। यहां वाहन चोरी करते उसके साथी इमरान व युसूफ पकड़े गए थे, लेकिन वह भाग निकला था। बाद में जब पुणे पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि वह वाहन चोर नहीं, बल्कि बड़ा आतंकी है। इमरान व युसूफ पर पांच-पांच लाख का इनाम था। उनकी चितौड़गढ़ ब्लास्ट में जांच एजेंसी को तलाश थी। पुणे के जंगल में बम ब्लास्ट का ट्रायल करने में उसका नाम जुड़ा और फिर एनआइए उसकी तलाश में जुटी थी।
जामिया से पीएचडी कर रहा है अरशद
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद अरशद वारसी को यूपी के मुरादाबाद से गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि मोहम्मद अरशद वारसी भी झारखंड का ही रहने वाला है। उसने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से मेकेनिकल इंजीनियरिंग की है। अरशद फिलहाल जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा है। अरशद लगातार आईएसआईएस के हैंडलर के संपर्क में था। वह उनके साथ रेगुलर रिपोर्ट शेयर कर रहा था।