झारखंड में सरहुल की धूम, CM हेमंत सोरेन ने की पारंपरिक रीति-रिवाज से पूजा
झारखंड में सोमवार कोसरहुल पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया गया। राजधानी रांची में सरहुल शोभायात्रा से पहले सीएम आदिवासी हॉस्टल पहुंचे। इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन सिरम टोली स्थित आयोजन स्थल पर पहुंचे। वहां पारंपरिक रीति-रिवाज से सरहुल का पुजा-पाठ की। सीएम हेमंत सोरेन ने सरहुल के मौके पर मांदर बजाया और जमकर थिरके।
- हॉस्टल में होंगे रसोईया व चौकीदार
- सरना स्थलों का होगा जीर्णोद्धार
रांची। झारखंड में सोमवार कोसरहुल पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया गया। राजधानी रांची में सरहुल शोभायात्रा से पहले सीएम आदिवासी हॉस्टल पहुंचे। इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन सिरम टोली स्थित आयोजन स्थल पर पहुंचे। वहां पारंपरिक रीति-रिवाज से सरहुल का पुजा-पाठ की। सीएम हेमंत सोरेन ने सरहुल के मौके पर मांदर बजाया और जमकर थिरके।
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मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM सरहुल पूजा के अवसर पर केंद्रीय सरना स्थल एवं आदिवासी बालक-बालिका छात्रावास में आयोजित सरहुल पर्व महोत्सव -2022 में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने सभी को सरहुल पर्व की शुभकामनाएं दी। सीएम ने कहा अपनी परंपरा को आगे बढ़ाने में सुखद अनुभूति होती है pic.twitter.com/9pIwvDRFrS
द्वेष और घृणा से कोसों दूर हैं आदिवासी
हेमंत सोरेन रांची के करम टोली स्थित आदिवासी बालक-बालिका छात्रावास में आयोजित सरहुल महोत्सव में कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के बाद एक बार फिर हम सब जुटे हैं। अपनी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने में सुखद अनुभूति होती है। हम जहां भी हैं, वहां सभी के साथ मिलकर अपनी परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं। आदिवासी हमेशा से द्वेष और घृणा से कोसों दूर हैं। हमें आदिकाल से चली आ रही परंपरा को अक्षुण्ण बनाये रखने की आवश्यकता है।
झारखण्ड की संस्कृति में बोलना ही संगीत और चलना ही नृत्य है।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) April 4, 2022
आज रांची स्थित छात्रावास में युवा साथियों के बीच प्रकृति महापर्व सरहुल के शुभ अवसर पर जाने का सौभाग्य मिला। सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार।#सरहुल #Sarhul pic.twitter.com/9W2e8kNoZa
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) April 4, 2022
हॉस्टल में होंगे रसोईया और चौकीदार
सीएम ने कहा कि कल्याण विभाग द्वारा संचालित हॉस्टल्स का जीर्णोद्धार कर कमियों को दूर किया जा रहा है। अब इन बालक-बालिका छात्रावास में रसोईया और चौकीदार की व्यवस्था होगी। यहां रहने वाले स्टूडेंट्स को भोजन भी सरकार उपलब्ध करायेगी। सरकार ने आदिवासी बच्चियों के लिए हॉस्टल बनाने का निर्णय लिया है, ताकि उन्हें शहर आकर पढ़ाई करने में असुविधा ना हो। झारखंड के सभी सरना स्थलों का जीर्णोद्धार किया जायेगा।
परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने का प्रयास
सीएम ने सरहुल पूजा के अवसर पर सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि आज यहां सिरम टोली की पावन भूमि पर आकर सुखद अनुभति हो रही है। मार्गदर्शक रामदयाल मुंडा का कथन था कि आदिवासियों का चलना ही नृत्य है। बोलना ही संगीत है। हम सब आज यहां आज जुटे हैं। हमारी विचारधारा हमलोगों को खूबसूरत और सौहार्दपूर्ण जीवन जीने का संदेश देती है। अपनी परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने का प्रयास करना है। जल, जंगल और जमीन हमारा है। इसे बचाना है. हमें अपनी परंपरा और संस्कृति को सहेजने में योगदान देना है। मौके पर एक्स मिनिस्टर सुबोधकांत सहाय एवं केंद्रीय सरना समिति के सदस्य उपस्थित थे।
सरहुल
हातमा सरना टोली में केकड़ा मछली पकड़ने का कार्यक्रम हुआ। शाम को केंद्रीय सरना टोली हातमा स्थित सरहुल पूजा शोभायात्रा के उद्गम स्थल पर जगलाल पाहन द्वारा पांच मुर्गे को चढ़ाकर दो घड़े में पानी रखा गया था। सोमवार सुबह उन घड़ों के पानी की स्थिति देखकर भविष्यवाणी की गई कि आने वाली फसलें और बारिश कितना होगी। 10 बजे फिर पांच मुर्गे को चढ़ाया गया। इसके बाद नये फल फूलों की सब्जियां तथा चढ़ाये गये मुर्गे की टहरी बनाकर प्रसाद स्वरूप बांटे गये। केंद्रीय सरना स्थल हातमा जो सरहुल शोभायात्रा का उद्गम स्थल है से सरहुल शोभायात्रा निकाली गयी। सरहुल चौक, मोरहाबादी डीसी आवास के सामने उत्तरी छोर के जितने भी शोभायात्रा में आने वाले खोड़हा हैं उन्हें साथ लेकर शोभा यात्रा रेडियम रोड, कचहरी रोड, महात्मा गांधी रोड (मेन रोड) होते हुए सिरम टोली सरना स्थल तक पहुंची।