शारदीय नवरात्रि: घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, बन रहे हैं विशेष संयोग
अधिकमास लगने के कारण शारदीय नवरात्र एक माह आगे बढ़ गये हैं। हर साल जहां पितृपक्ष की अमावस्या के बाद से नवरात्रि शुरू होते हैं, वहीं इस बार अमावस्या और नवरात्रि के बीच एक महीने का समय लग गया। इस बार शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होंगे।
नई दिल्ली। अधिकमास लगने के कारण शारदीय नवरात्र एक माह आगे बढ़ गये हैं। हर साल जहां पितृपक्ष की अमावस्या के बाद से नवरात्रि शुरू होते हैं, वहीं इस बार अमावस्या और नवरात्रि के बीच एक महीने का समय लग गया। इस बार शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होंगे।
नवरात्रि में इस बार कई अच्छे संयोग बन रहे हैं। नवरात्रि 10 दिनों के होंगे। नवरात्रि के नौ दिन में मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस नवरात्रि ग्रहों की स्थिति ऐसी है कि नवरात्रि पर विशेष संयोग बन रहे हैं। इस साल नवरात्रि पर राजयोग, द्विपुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थसिद्धि योग, सिद्धियोग और अमृत योग जैसे संयोगों का निर्माण हो रहा है। नवरात्रि शनिवार से प्रारंभ हो रहे हैं। इस नवरात्रि दो शनिवार भी पड़ रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा का पाठ करना बहुत ही उत्तम रहता है।
नवरात्रि पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं। ऐसा कहा जाता है कि माता के वाहन के रूप से भविष्य के कई संकेत मिलते हैं। इस बार मां घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं, जिसे अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है। 17 अक्टूबर प्रतिपदा को अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना उत्तम रहेगी।
शारदीय नवरात्रि व्रत में इन बातों का रखें खास ख्याल
नवरात्रि के दौरान व्यक्ति को तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। तामसिक भोजन में लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा सम्मिलित होते हैं। इन्हें घर पर भी नहीं लाना चाहिए।
व्यक्ति को अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि, व्रत में कई लोग सेंधा नमक का सेवन करते हैं।
नवरात्रि में चमड़े से बनी किसी भी चीज का इस्तेमान न करें।
पूजा करते समय धूप का इस्तेमाल करें। अगरबत्ती बांस और केमिकल से बनाई जाती है। इसका स्वास्थ्य पर खराब असर होता है।
माता रानी की पूजा करते समय उनकी पुरानी या फिर खंडित मूर्ति का इस्तेमान न करें।
पूजा के बाद मां दुर्गा की आरती जरूर करें। पूजा में जो भी कमी रह जाती है या फिर गलती हो जाती है वो आरती से पूरी हो जाती है।
इस दौरान जो लोग व्रत करते हैं उन्हें दिन में सोना नहीं चाहिए।
जो भी व्यक्ति नवरात्रि का व्रत करते हैं उन्हें नाखून, दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटाने चाहिए।
पूजा करते समय जब आरती की जाए तो इसे खंड-खंड में न करें एक ही बार में संपन्न करें।
जो व्यक्ति व्रत कर रहा है उसे स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए।