Tender Commission Scam Jharkhand :आलमगीर आलम, संजीव लाल व जहांगीर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

झारखंड में टेंडर के वर्क आर्डर आवंटित करने के बदले कमीशन घोटाला मामले में ईडी ने गुरुवार को एक्स मिनिस्टर आलमगीर आलम, आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। ईडी ने संजीव लाल व उनके नौकर जहांगीर आलम छह मई को अरेस्ट किया था। मिनिस्टर आलमगीर आलम 15 मई को अरेस्ट किये गये थे। 

Tender Commission Scam Jharkhand :आलमगीर आलम, संजीव लाल व जहांगीर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
आलमगीर आलम (फाइल फोटो)।
  • 15 मई को अरेस्ट किये गये थे मिनिस्टर आलमगीर
  • टेंडर के वर्क आर्डर आवंटन घोटाला में एक्टिव था नेताओं व अफसरों का गठजोड़ 

रांची। झारखंड में टेंडर के वर्क आर्डर आवंटित करने के बदले कमीशन घोटाला मामले में ईडी ने गुरुवार को एक्स मिनिस्टर आलमगीर), आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। ईडी ने संजीव लाल व उनके नौकर जहांगीर आलम छह मई को अरेस्ट किया था। मिनिस्टर आलमगीर आलम 15 मई को अरेस्ट किये गये थे। 
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पीएमएलए के स्पेशल कोर्ट रांची में ईडी ने तीनों के खिलाफ अब तक जांच में मिले तथ्यों, सबूतों से संबंधित दस्तावेज को प्रस्तुत किया है। ईडी ने अपराध की आय से अर्जित अचल संपत्तियों की भी अस्थायी जब्ती की है। तीनों ही आरोपित अभी रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं।ईडी ने कोर्ट को बताया है कि नेताओं व अफसरों का गठजोड़ टेंडर के वर्क आर्डर आवंटन घोटाला में एक्टिव था।

करीबियों को देते थे टेंडर
ईडी के आरोप है कि उक्त लोग अपने करीबियों को टेंडर देते थे। इसके एवज में कमीशन की मोटी रकम लेते थे। इन तीनों की गिरफ्तारी पूर्व में गिरफ्तार ग्रामीण कार्य विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम से जुड़े केस में हुई थी। वीरेंद्र राम के विरुद्ध ईडी ने जांच में सवा सौ करोड़ की संपत्ति का पता लगाया था। वीरेंद्र राम की करोड़ों की चल-अचल संपत्ति को ईडी पूर्व में जब्त कर चुकी है।

कमीशन के घोटाले में इंजीनियर, अफसर व मिनिस्टर का संगठित गैंग था एक्टिव

ईडी ने कोर्ट में बताया है कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर के वर्क आर्डर में कमीशन के घोटाले में इंजीनियर, अफसर व मिनिस्टर का संगठित गैंग एक्टिव था। ईडी ने नमूने के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक कागजात भी चार्जशीट में लगाया है। इसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मिनिस्टर आलमगीर आलम ने उक्त सभी 25 टेंडर के वर्क आर्डर में 1.23 करोड़ रुपये लिया था।उक्त पेपर में किसी उमेश नाम के व्यक्ति को 1.75 करोड़ व आफिस के लिए 3.46 करोड़ रुपये के पेमेंट का उल्लेख है। ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि कमीशन की राशि बंटवारे के लिए अफसर व नेता कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे। मिनिस्टर के लिए एम, आनरेबल मिनिस्टर के लिए एच शब्द का इस्तेमाल होता था।
37.50 करोड़ रुपये जब्त कर चुकी है ईडी
एक्स मिनिस्टर आलमगीर आलम, उनके निजी सचिव संजीव लाल व नौकर जहांगीर आलम तथा इनसे जुड़े ठिकानों पर ईडी ने छह व सात मई की रेड में कुल 37.5 करोड़ रुपये कैश जब्त की थी। इनमें 32 करोड़ 20 लाख रुपये संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के हरमू बाई रोड स्थित सर सैय्यद अपार्टमेंट के फ्लैट से मिले थे। ईडी को मौके से ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े दस्तावेजों के अलावा कुछ सरकारी फाइलें भी मिलीं थीं। ईडी के माध्यम से सरकार को भेजे गए दस्तावेज की कापी भी जहांगीर आलम के आवास से मिले थे। ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि वर्क आर्डर से आने वाले कमीशन के पैसे से संजीव लाल अपने व अपने नौकर जहांगीर आलम के नाम पर भी अचल संपत्ति खरीदी थी। ईडी ने सबका ब्यौरा जुटाया और उसे कोर्ट में पेश भी किया है।
फ्लैश बैक
एसीबी जमशेदपुर में 13 नवंबर 2019 को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज एफआइआर के आधार पर ईडी ने 17 सितंबर 2020 को ईसीआइआर दर्ज की थी। छानबीन में मिले तथ्यों को ईडी ने दिल्ली पुलिस को शेयर किया था, जिसके आधार पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई में वीरेंद्र कुमार राम, मुकेश मित्तल व अन्य अज्ञात पर एफआइआर दर्ज हुई थी। इस एफआइआर को भी ईडी ने अपने ईसीआइआर में जोड़ दिया था। इन्विस्टीगेशन के क्रम में 23 फरवरी 2023 को वीरेंद्र कुमार राम अरेस्ट किये गये थे। वीरेंद्र कुमार राम जल संसाधन विभाग के इंजीनियर थे, जिन्हें ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता के पद पर डेपुटेशन पर रखा गया था।