झारखंड की हेमंत सरकार की भाषाई राजनीति देश के लिए विभाजनकारी: बिहार के श्रम मंत्री जीवेश मिश्रा
बिहार के श्रम मंत्री जीवेश कुमार ने कहा है कि झारखंड में चल रहा भाषा विवाद आनेवाले दिनों में देशहित में अच्छा नहीं है। इस बहाने देश को तोड़नेवाली ताकतें सक्रिय हो गई हैं। इसका देश पर दूरगामी असर होगा। निजी दौरे पर धनबाद आये बिहार के श्रम मंत्री जीवेश कुमार मीडिया से बात कर रहे थे।
धनबाद। बिहार के श्रम मंत्री जीवेश कुमार ने कहा है कि झारखंड में चल रहा भाषा विवाद आनेवाले दिनों में देशहित में अच्छा नहीं है। इस बहाने देश को तोड़नेवाली ताकतें सक्रिय हो गई हैं। इसका देश पर दूरगामी असर होगा। निजी दौरे पर धनबाद आये बिहार के श्रम मंत्री जीवेश कुमार मीडिया से बात कर रहे थे।
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उन्होंने कहा है कि झारखंड में रहने वाला कोई विदेश से नहीं है। पहले झारखंड और बिहार एक ही था। झारखंड क्षेत्र के लोग भी बिहार में रहते हैं। बिहार के लोग झारखंड में। दोनों तरफ की बोली एक-दूसरे के इलाके में बोली जाती है। भोजपुरी और मगही को धनबाद और बोकारो की स्थानीय भाषा की सूची से बाहर कर देने से क्या वैसे सभी लोगों को सरकारी नौकरी मिल जायेगी जिन्हें मूलवासी बताया जा रहा है ? इस पर ठंडे दिमाग से सबको सोचने की जरूरत है। इस तरह की राजनीति से किसी का भला होने वाला नहीं है।
असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए भाषा विवाद
बिहार के श्रम मंत्री ने कहा कि भाषा जोड़ने का काम करता है। झारखंड में भाषा के नाम पर जो राजनीति हो रही है वह तोड़ने की है। श्रम मंत्री ने कहा कि झारखंड की गिरती अर्थव्यवस्था से लेकर खराब विधि व्यवस्था से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भाषा विवाद सहित अन्य विघटनकारी बातों को तूल दिया जा रहा है। जिसका आनेवाले दिनों में काफी नकारात्मक प्रभाव पड़़ेगा। इसलिए ऐसे मुद्दे जितनी जल्दी हो सके, समाप्त कर दिए जाने चाहिए।
सत्ता से बेदखल लोग कर रहे हिजाबी राजनीति
उन्होंने कहा कि झारखंड की भाषा की राजनीति की तरह कर्नाटक में हो रहा है। सत्ता से बेदखल लोग अब हिजाब जैसी बातों को बिना वजह तूल दे रहे हैं। पूरे देश में कहीं भी हिजाब पर प्रतिबंध नहीं है। लेकिन लोगों को संस्थागत कायदे कानूनों का पालन करना होगा। जिनको उस संस्था विशेष के कायदे पसंद नहीं, वे अपनी पसंद के अनुसार आचरण करनेवाले संस्थाओं में जाने को स्वतंत्र हैं।
यूपी चुनाव में जातीय राजनीति का निकल जायेगा दिवाला
जीवेश कुमार ने कहा कि यूपी चुनाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां भाजपा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सहारे जीत की नई इबारत लिखेगी। विकास के किए गये कामों के बलबूते जातीय समीकरण के सहारे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने के चलते आ रहे ट्रेंड को भी इस बार समाप्त कर देगी। आनेवाले चुनावों में जातीय समीकरण नहीं बल्कि विकास ही मुख्य मुद्दा होगा। जिस तरह एक्सप्रेस वे और अन्य विकास कामों को योगी सरकार ने पूरा करने के साथ राम मंदिर औेर काशी विश्वनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का काम कराया है, उससे पूरा चुनावी परिदृश्य ही बदल गया है। अब लोग विकास के अलावा सांस्कृतिक जागरण को तरजीह दे रहे हैं।