यूपी: एनकाउंटर के डर से विकास दुबे के करीबी गुडडन ने किया सरेंडर गले में तख्ती लटकाकर पत्नी और बच्चों के साथ पहुंचा पुलिस स्टेशन
पुलिस एनकाउंटर में मारे गये गैंगस्टर विकास दुबे के एक सहयोगी उमाकांत शुक्ला उर्फ गुडडन ने शनिवार को चौबेपुर पुलिस स्टेशन पहुंच कर सरेंडर कर दिया। वह अपने साथ पत्नी और बेटी को को लेकर पहुंचा। उमाकांत शुक्ला ने गले में तख्ती लटकाई थी। जिसमें खुद के विकास दुबे का साथी होने और कानपुर कांड के बाद आत्मग्लानि की बात कही थी।
कानपुर। पुलिस एनकाउंटर में मारे गये गैंगस्टर विकास दुबे के एक सहयोगी उमाकांत शुक्ला उर्फ गुडडन ने शनिवार को चौबेपुर पुलिस स्टेशन पहुंच कर सरेंडर कर दिया। वह अपने साथ पत्नी और बेटी को को लेकर पहुंचा। उमाकांत शुक्ला ने गले में तख्ती लटकाई थी। जिसमें खुद के विकास दुबे का साथी होने और कानपुर कांड के बाद आत्मग्लानि की बात कही थी। उमाकांत शुक्ला ने पुलिस से रहम की गुहार लगाते हुए कहा कि मैं सरेंडर करने आया हूं।
क्या लिखा तख्ती में
मेरा नाम उमाकांत शुक्ला उर्फ गुड्डन है। कानपुर कांड में मैं विकास दुबे के साथ शामिल था। मुझे पकड़ने के लिए रोज पुलिस छापेमारी कर रही है, जिससे मैं बहुत डरा हुआ हूं। हम लोगों द्वारा जो घटना की गई थी, उसकी हमें बहुत आत्मग्लानि है. मैं खुद पुलिस के सामने हाजिर हो रहा हूं। मेरी जान की रक्षा की जाए, मुझ पर रहम किया जाए।
सीओ के वायरल ऑडियो से सनसनी
शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा और रुरल एसपी के बीच बातचीत के वायरल ऑडियो ने सनसनी फैला दी है। टाउन से लेकर राजधानी लखनऊ तक अफसर इस ऑडियो की सच्चाई की जांच में जुट गये हैं। एसआईटी भी इसे जांच में शामिल कर सकती है। वह रिपोर्ट भी मंगाई जा सकती है, जिसकी जांच अंडरट्रेनी आईपीएस तत्कालीन सीओ कल्याणपुर ने की थी।
शहीद सीओ और रूरल एसपी के बातचीत का वायरल ऑडियो में सीओ ने साफ कहा था कि पूर्व एसओ विनय तिवारी कुख्यात विकास दुबे के पैर छूता है। वह पुलिस स्टेशन के दो चार लोगों को मरवा देगा। इस ऑडियो में यह भी बताया गया है कि कैसे पूर्व एसओ ने पूर्व एसपी को पांच लाख रुपए देकर जांच से अपनी जान बचा ली थी। ऑडियो के वायरल होने के साथ ही महकमे के अफसरों पर कई तरह के सवाल खड़े हो गये हैं।
एसआईटी इस ऑडियो को अपनी जांच में शामिल कर सकती है। ऐसा होने पर एक्स एसपी अनंत देव तिवारी से पूछताछ होगी। वहीं जो एडीजी जोन ने जांच कराई थी। उसके संबंध में यहां ट्रेनी आईपीएस रहे निखिल पाठक से भी सवाल-जवाब हो सकते हैं। उन्होंने अपनी जांच में सीओ समेत सभी पुलिस अफसरों को क्लीन चिट दी थी।