UP: हाथरस जाने के दौरान हंगामा मामला में प्रशासन एक्शन में,राहुल व प्रियंका गांधी समेत 203 के खिलाफ FIR
हाथरस जाने के दौरान हुए हंगामा मामले में प्राशसन एक्शन में हैं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने एक्स कांग्रेस प्रसिडेंट राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा,पीएल पुनिया, राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, जतिन प्रसाद व सचिन पायलट समेत 153 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है।
- हाथरस की घटना पर HC ने लिया स्वत: संज्ञान, अपर मुख्य सचिव, DGP, ADG, DM व SP को पेश होने का आदेश
- एफएसएल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं: एडीजी
- बीजेपी एमएलए ने गवर्नर से की कार्रवाई की मांग
नोएडा। हाथरस जाने के दौरान हुए हंगामा मामले में प्राशसन एक्शन में हैं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने एक्स कांग्रेस प्रसिडेंट राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा,पीएल पुनिया, राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, जतिन प्रसाद व सचिन पायलट समेत 153 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है। इकोटेक एक कोतवाली में इन नेताओं के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 188 (निषेधाज्ञा यानि सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन), 270 (संक्रामक बीमारी के दौरान आम जनमानस के जीवन को संकट में डालना) और संक्रामक रोग रोकथाम अधिनियम-1869 की धारा 4 ( प्राधिकृत अधिकारी की ओर से जारी आदेशों की अवहेलना) के तहत केस दर्ज किया गया है। अजय सिंह उर्फ लल्लू, गौतमबुद्ध नगर कांग्रेस के अध्यक्ष अजय चौधरी, नोएडा महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष शहाबुद्दीन, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुड्डू को नामजद किया गया है।
उल्लेखनीय है कि हाथरस गैंगरेप मामले को लेकर बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेस-वे पर कांग्रेस नेताओं व पुलिस के बीच झड़प हुई थी। आरोप है कि पुलिस ने राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की की। इस दौरान वह सड़क पर गिर गए। सड़क पर झाड़ी में गिरने की फोटो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरस हो रही हैं। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि उन्हें पुलिसकर्मी ने धक्का दे दिया। जिससे वह गिर गये। पुलिस लाठी चार्ज में कई कांग्रेसियों को चोट लगी है। पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया था। बाद में पीआर बांड पर सभी को छोड़ दिया गया।
हाथरस की घटना पर HC ने लिया स्वत: संज्ञान, अपर मुख्य सचिव, DGP, ADG, DM व SP को पेश होने का आदेश
हाथरस की घटना पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। अपर मुख्य सचिव और डीजीपी समेत कई अन्य अफसरों को कोर्ट ने 12 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा है। कोर्ट ने अंतिम संस्कार के तरीके पर भी नाराजगी जताई है।इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को हाथरस की घटना पर संज्ञान लेते हुए 12 अक्टूबर को अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, डीएम हाथरस व एसपी हाथरस को कोर्ट के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि डीजीपी कार्यालय के आला अधिकारियों द्वारा अंतिम संस्कार के तरीके पर पक्ष लिए जाने को लेकर भी कोर्ट नाराज है।
बिना परिजन की मरजी के देर रात कर दिया गया अंतिम संस्कार
गैंगरेप की शिकार हाथरस की दलित युवती की इलाज के दौरान मंगलवार की सुबह दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पीटल में मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में परिजन युवती का शव लेकर हाथरस पहुंचे। पुलिस ने परिजनों की मरजी के खिलाफ देर रात में युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया। आरोप है कि परिजनों की गैरमौजूदगी में पुलिस का पहरा लगाकर रात में ही प्रशासन ने अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों को पीड़िता के शव को आखिरी बार घर तक ले जाने की इजाजत भी नहीं दी गई।
एफएसएल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं: एडीजी
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि पीड़ित युवती का पोस्टमार्टम दिल्ली में हुआ था। परिवारजनों की सहमति के बाद पीड़िता का अंतिम संस्कार कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले की चोट और उसके कारण हुए ट्रॉमा को मौत का कारण बताया गया है। एफएसएल की रिपोर्ट भी प्राप्त हो गई है। इसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जो सैंपल इकट्ठे किये गये , उसमें किसी तरह का स्पर्म या शुक्राणु नहीं पाया गया है। रेप की पुष्टि नहीं हुई है।
एडीजी ने कहा कि 'इससे स्पष्ट होता है कि कुछ लोगों के द्वारा प्रदेश में गलत तरीके से जातीय तनाव पैदा करने के लिए इस तरह की चीजें कराई गईं। पुलिस ने शुरू से इसमें त्वरित कार्रवाई की है। अब हम आगे की कानूनी कार्रवाई करेंगे। ऐसे लोगों की पहचान की जायेगी जो प्रदेश में सामाजिक सद्भाव बिगाड़ना चाहते थे और जातीय हिंसा को भड़काना चाहते थे।
बीजेपी एमएलए ने गवर्नर से की कार्रवाई की मांग
बीजेपी एमएलए नंदकिशोर गुर्जर ने गवर्नर आनंदीबेन पटेल से उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने हाथरस गैंगरेप पीड़िता का अंतिम संस्कार करने से उसके परिवार वालों को रोका।गाजियबाद के लोनी एमएलए गुर्जर ने कहा कि पुलिस ने सूर्यास्त के बाद हिन्दू धर्म में अंतिम संस्कार न करने की मान्यता का उल्लंघन करते हुए आनन-फानन में 19 वर्षीय पीड़िता का शव जलाया। पीड़िता के परिवार ने यह आरोप लगाया कि यूपी पुलिस की तरफ से उन पर रात में ही अंतिम संस्कार के लिए जबरदस्ती की जा रही थी। जबकि, पुलिस ने कहा कि उन्होंने इसके लिए उसके रिश्तेदारों से सहमति ले ली थी।
गुर्जर ने दावा किया कि बीजेपी को दलित विरोध करार देने के लिए अधिकारियों के साथ एक ‘पॉलिटिकल सिंडिकेट’काम कर रहा था और युवती के शव को आधी रात में जलाने का प्रशासन का फैसला इसी साजिश का हिस्सा था।बीजेपी एमएलए ने गवर्नर को लिखे लेटर में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि लखनऊ से लेकर हाथरस तक सीनीयर अफसरों ने इस तरह का काम किया जिससे सरकार की छवि खराब की जा सके। ऐसा नहीं हो सकता है कि जो चीजें ‘सनातन धर्म’ के खिलाफ है कि रात में शव का अंतिम संस्कार न हो और परिवार वालों को शव का कंधा देने के अधिकार से वंचित करना, ऐसा यूपी डीजीपी और अन्य सीनियर अफसरों की सहमति के संभव नहीं है।