यूपी: यूसुफ के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक तथा फिदायीन हमले में प्रयोग की जाने वाली जैकेट बरामद
नई दिल्ली में धौलाकुआं में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ एनकाउंटर के दौरान अरेस्ट आइएसआइएस ऑपरेटिव अबु यूसुफ उर्फ मुस्तकीम के साथियों की खोज जारी है। दिल्ली पुलिस तथा यूपी एटीएस को यूसुफ के अड्डों को खंगालने में भी बड़ी सफलता हासिल हुई है। यूपी के बलरामपुर के उतरौला में उसके गांव में तलाशी के दौरान पुलिस को भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ फिदायीन हमले के लिए तैयार की गई जैकेट भी मिली है।
लखनऊ। नई दिल्ली में धौलाकुआं में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ एनकाउंटर के दौरान अरेस्ट आइएसआइएस ऑपरेटिव अबु यूसुफ उर्फ मुस्तकीम के साथियों की खोज जारी है। दिल्ली पुलिस तथा यूपी एटीएस को यूसुफ के अड्डों को खंगालने में भी बड़ी सफलता हासिल हुई है। यूपी के बलरामपुर के उतरौला में उसके गांव में तलाशी के दौरान पुलिस को भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ फिदायीन हमले के लिए तैयार की गई जैकेट भी मिली है।
दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद वह अब्दुल युसूफ बताकर सबको गुमराह करता रहा था। छानबीन में पता चला कि उसका असली नाम मुस्तकीम है। वह यूपी के बलरामपुर बढय़ा भैसाही गांव में रहने वाले कफील खान का बेटा है। इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी अबु युसूफ के इरादे बेहद खतरनाक थे। राजधानी दिल्ली में वह पहले दो IED धमाके करने वाला था। इसके बाद उसे फिदायीन हमले को अंजाम देना था। हालांकि पुलिस ने उसे नापाक साजिश को अंजाम दिए जाने से पहले ही दबोच लिया।
आतंकी अबू यूसुफ व मुस्तकीम दोनों एक ही हैं। आतंकी की निशानदेही पर घर के पास के एक तालाब से मानव बम में प्रयुक्त होने वाले दो जैकेट बरामद किये गये हैं। उसके घर से विस्फोटक व आपत्तिजनक बुक मिला है।
बरामद हुआ सामान
एक लेदर बैल्ट
दो जैकेट
अलग-अलग पॉकेट वाली जैकेट में बम रखने की सुविधा थी
नौ किलो विस्फोटक बारूद
तीन सिलेंड्रिकल मेटल बॉक्स
टारगेट प्रेक्टिस के लिए वुडन कार्ड
आईएसआईएस का एक झंडा
30 से ज्यादा बॉल बियरिंग
दिल्ली पुलिस व यूपी एटीएस टीम मुस्तकीम की पत्नी, पिता, भाई व बच्चों से पूछताछ की है। उसकी निशानदेही पर उतरौला नगर से उठाये गए लोगों से भी पूछताछ जारी है। गांव पूरी तरह सील है। उसकी ग्रामीण भी हैरान रह गए। उतरौला क्षेत्र के बढय़ा भैसाही गांव निवासी आतंकी दो साल से मनिहारी का वेश बनाकर बारूद का ढेर बिछा रहा था। हासिमपारा बाजार में कास्मेटिक की दुकानों की आड़ में आतंक की जड़े जमाया थी। लोकल पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
कई घरों में हुई तलाशी
अबु यूसुफ उर्फ मुस्तकीम का गांव के कुछ घरों आना-जाना ज्यादा था। यह बात सामने आने पर उत्तर प्रदेश एटीएस और पुलिस ने इस घरों में भी तलाशी ली। यहां से कुछ दस्तावेज व कुछ लोगों के मोबाइल कब्जे में ले लिये।
पत्नी ने बताया दो वर्ष से संदिग्ध थीं गतिविधि
अबु यूसुफ की पत्नी आयशा का कहना है कि पति यूसुफ दो वर्ष से संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त है। वह हमसे भी पैसा लेकर संदिग्ध गतिविधि में लगाता था। घर में ही विस्फोटक रखता था। हमने भयवश किसी को बताया नहीं। हमको जब उनके घर में ही विस्फोटक रखने की जानकारी हुई तो हमने मना भी किया। घर में तो पैसों की बहुत किल्लत है। हमारे पास भी जो पैसा होता था, हमसे लेकर वह इधर-उधर खर्च कर देते थे। जब हमने कहा कि फोकट में पैसा खर्च करते हो, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई कैसे होगी तो कहते थे कि सब अल्लाह मालिक है। इस तरह से हमारी बातों को टाल देते थे। वह लगभग दो वर्ष से इस काम में लगे थे। सामान एकत्र कर रहे थे। घर में बक्से में जब हमने विस्फोटक देखा तो उसको हटाने को भी कहा था। आयशा ने बताया कि घर से विस्फोट करने वाली फिदायीन जैकेट के साथ चाकू, बेल्ट तथा बारूद मिला है। आयशा ने बताया कि वो मेरे ऊपर सख्ती कर रहे थे कि किसी को मत बताना। मुझे बहुत अफसोस है। मेरे चार बच्चे हैं, मैं बच्चों को लेकर कहां जाऊंगी। इस बार उनकी गलती को माफ कर दिया जाये। वह लगभग दो वर्ष से थोड़ा-थोड़ा कर के सामान (बारूद) लाते थे और खाली बक्से में रखते थे। मैं नहीं जानती कि इसकी ट्रेनिंग उन्होंने मोबाइल से ली या किसी और से और वो ये किसके लिए कर रहे थे। उनको बाबरी मस्जिद से कोई लगाव नहीं था।
पत्नी व बच्चों के नाम पासपोर्ट
तलाशी में मुस्तकीम के साथ उसकी पत्नी आयशा व चार बच्चों का पासपोर्ट भी मिला है। इस पासपोर्ट पर मुस्तकीम कहीं गया या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। गांव के कुछ लोगों ने दबी जुबान पुलिस को यह जरूर बताया कि मुस्तकीम अक्सर गायब हो जाता था, फिर वह कभी एक-दो महीने तो कभी 10-12 दिन में ही आ जाता था। वह कहां जाता था, इस बारे में उसके जवाब पर कई बार संशय बना रहता था।
पिता को बेटे की हरकतों पर अफसोस
अबु यूसुफ उर्फ मुस्तकीम के पिता कफील अहमद ने बेटे की हरकतों की निंदा करने के साथ ही उसको एक बार माफी देने की अपील भी की है। कफील अहमद दे कहा कि मुझे अपने बेटे की गतिविधियों पर बेहद अफसोस है। मेरी जानकारी में नहीं था कि वह इस तरह की हरकतों में शामिल है। मैं चाहता हूं कि यदि संभव हो तो उसे एक बार के लिए माफ कर दिया जाए लेकिन उसका कृत्य गलत है। अगर मुझे उनकी गतिविधियों के बारे में जरा सा भी पता होता तो मैं उन्हें छोडऩे के लिए जरूर कहता।