Uttar Pradesh : लव-जिहाद और धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का फंडाफोड़,जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अरेस्ट

उत्तर प्रदेश एटीएस ने शनिवार (5 जुलाई) को बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के एक संगठित गैंग का भंडाफोड़ कर उसके सरगना  जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को अरेस्ट किया है। इस मामले में अभी तक दो गिरफ्तारियां हुईं हैं। छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन पर हिन्दू लड़कियों को बहला-फुसलाकर जबरन इस्लाम धर्म में स्वीकार करने का आरोप है। इस गैंग को इस काम के लिए विदेशों से फंडिंग भी हो रही है। 

Uttar Pradesh : लव-जिहाद और धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का फंडाफोड़,जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अरेस्ट
जलालुददीन उर्फ छांगुर बाबा (फाइल फोटो)।
  • इंटरस्टेट नेटवर्क काखुलासा
  • 40 से अधिक बैंक अकाउंट,100 करोड़ से ज्‍यादा का ट्रांजेक्शन
  • महाराष्ट्र तक फैलाया था जमीनों का जाल
  •  हिंदुओं को बनाता था मुस्‍लिम,लड़कियों की थी रेट लिस्‍ट लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस ने शनिवार (5 जुलाई) को बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के एक संगठित गैंग का भंडाफोड़ कर उसके सरगना  जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को अरेस्ट किया है। इस मामले में अभी तक दो गिरफ्तारियां हुईं हैं। छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन पर हिन्दू लड़कियों को बहला-फुसलाकर जबरन इस्लाम धर्म में स्वीकार करने का आरोप है। इस गैंग को इस काम के लिए विदेशों से फंडिंग भी हो रही है। 

आरोप है कि ये गैंग देश के गरीब और मजबूर लोगों को लालच देकर धर्मांतरण करवाता है। यूपी एटीएस ने जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, पुत्र करीमउल्ला शाह, निवासी ग्राम रेहरा माफी, थाना गैंडास, बलरामपुर के  नेटवर्क को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां शेयर की हैं।  छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन ने भोले-भाले लोगों का जबरन धर्मांतरण करवाया है।
छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन उत्तर प्रदेश बलरामपुर के मधपुर गांव का रहने वाला है। उसने इस्लाम धर्म स्वीकारने के बाद अपना नाम जमालुद्दीन रख लिया था और अन्य दो व्यक्तियों के साथ मिलकर मतांतरण और प्रचार गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। वो खुद को 'हाजी पीर जमालुद्दीन बाबा'के नाम से प्रचारित करता था। वह लंबे समय से उटरौला कस्बे और आसपास के इलाकों में सक्रिय था। जहां वह कथित तौर पर एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का संचालन कर रहा था। आखिर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा कैसे लोगों को धर्मांतरण के चंगुल में फंसाने में कामयाब हो जा रहा था उसकी ये साजिश कई सवाल खड़े करते हैं। 
छांगुर बाबा की 40 कमरों की कोठी परचला बुलडोजर 
उतरौला के मधपुर में बुधवार को भी मतांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जमालुद्दीन की कोठी गिराने में आठ बुलडोजर लगाये गये हैं। चार बुलडोजर लेकर पांच थानों की पुलिस, एक प्लाटून पीएसी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी सुबह करीब 10 बजे कोठी में पहुंचे। बारिश के कारण थोड़ा बिलंब से कार्रवाई शुरू हुई। शाम पांच बजे तक करीब तीन बीघे जमीन में 12 करोड़ की लागत से बनी 40 कमरों की कोठी को पूरी तरह नहीं गिरा सके। गुरुवार को पुन: सरकारी जमीन से कब्जा हटाने की कार्रवाई चलेगी। दो दिन से गिराई जा रही कोठी का अधिकांश हिस्सा गिर जाने से वीरान दिखने लगी है। कोठी के दूसरे हिस्से में प्रशासन ने ताला बंद करा दिया है। 
अब गैंगस्टर की तैयारी 
मतांतरण के मास्टरमाइंड की कोठी गिराने के साथ अब आरोपितों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की तैयारी प्रशासन से शुरू कर दी है। आरोपितों के मुकदमों का विवरण जुटाया जा रहा है। एसपी विकास कुमार ने बताया कि छांगुर बाबा समेत अन्य पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।
जलालुद्दीन ने अब तक 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की
यूपी एटीएस और पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि जलालुद्दीन ने अब तक 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की है। जांच अधिकारियों का कहना है कि इन यात्राओं के दौरान उसने संदिग्ध गतिविधियों में भाग लिया और संभावित विदेशी फंडिंग के जरिए स्थानीय स्तर पर अपना नेटवर्क मजबूत किया। इसके अलावा, उसने बलरामपुर में कई संपत्तियां भी अर्जित की हैं जिनमें एक आलीशान बंगला,एक शोरूम और कई लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं। पुलिस को शक है कि ये संपत्तियां धर्मांतरण नेटवर्क से जुड़ी कमाई से खरीदी गई हैं। फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में भी जुटी है।
सिंधी फैमिली ने ऐसे कबूला इस्लाम
जलालुद्दीन की पहुंच सिर्फ बलरामपुर तक नहीं थी। जांच में एक ऐसा नाम सामने आया,जिसने एजेंसियों को भी चौंका दिया नवीन घनश्याम रोहरा,एक सिंधी बिजनसमैन जो पहले मुंबई में रहता था,अब वाइफ नीतू और बेटी समाले के साथ जलालुद्दीन के पते पर बलरामपुर में रह रहा है। यह परिवार अब इस्लाम कबूल कर चुका था उसी नेटवर्क के तहत जो जलालुद्दीन ने खड़ा किया था। एक समृद्ध सिंधी बिजनसमैन फैमिली अपना शहर, बिजनस, और पहचान छोड़कर जलालुद्दीन के अधीन चला आया, इसकी जांच की जा रही है।सोर्सेज के अनुसार,विदेशी फंडिंग,हवाला नेटवर्क और सोशल मीडिया प्रोपेगेंडा के जरिए जलालुद्दीन ने पूरे उत्तर भारत में कई स्थानों पर अपनी जड़ें फैलायी थीं। 
हिन्दू लड़कियों के धर्मांतरण में अलग-अलग जातियों के लिए फिक्स थी राशि
छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन को लेकर एक बड़ा खुलासा ये भी हुआ है कि वो हिन्दू धर्म की अलग-अलग जातियों की लड़कियों को लव-जिहाद में फंसाने वाले युवकों को लाखों रुपये की फंडिंग करता था। धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन ने अलग-अलग हिन्दू धर्म की जातियों की लड़कियों के धर्मांतरण के लिए रेट फिक्स कर रखे थे। ब्राह्मण, क्षत्रिय, सरदार लड़कियों को लव जिहाद में फंसाकर धर्मांतरण के लिए 15-16 लाख रुपये की रकम, पिछड़ी जातियों के लिए 10-12 लाख और अन्य वर्गों के लिए आठ-10 लाख रुपये। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जलालुद्दीन के इस गिरोह ने 40 से अधिक बैंक अकाउंट्स के ज़रिए लगभग 100 करोड़ रुपये का ट्रांजिक्शन किया है। जलालुद्दीन को इतनी भारी मात्रा में फंडिंग खाड़ी देशों से की गयी थी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह नेटवर्क केवल बलरामपुर ही नहीं, बल्कि पूरे देश में एक्टिव है यूपी एटीएस इसकी गहराई से जांच कर रही है।
जलालुद्दीन के पास अकूत संपत्ति 
छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन ने पुस्तक भी छाप रखी है जिसके माध्यम से वह इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार करता था। बाबा के तीन से चार हजार की संख्या में अनुयाई थे। यह वह अनुयाई है जिसमें अधिकांश लोग हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म को स्वीकार किया था। छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन की संपत्ति अकाउंट में लगभग 100 करोड रुपये से अधिक की संपत्ति है। इसके अलावा लोगों से अर्जित की गयी उतरौला बलरामपुर में गाटा संख्या 337 की 0.539 हेक्टेयर की भूमि है। एक भूमि डेढ़ करोड़ की है। कई भूमि उसके नाम पर है।भूमि पर तबला हॉस्पिटल स्टोर रूम बांग्ला दो शोरूम बनाया गया है। उसके पास कई लग्जरी गाड़ियां है जिसमें मर्सिडीज़ फॉर्च्यूनर जैसी कई गाड़ियां है।
जलालुद्दीन ने की दर्जनों विदेश यात्रा
2016 से 2020 के बीच 19 बार यूएई की यात्रा की इसके बाद मात्र एक बार पांच अप्रैल 2017 को यूएई की यात्रा की गयी।  छांगुर बाबा 2018 में एक बार सऊदी अरब की यात्रा पर गया था। जलालुद्दीन का पासपोर्ट संख्या M0087026 है।
40 बैंकों में हैं जलालुद्दीन के अकाउंट, 100 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन
जलालुद्दीन के आठ बैंक अकाउंट्स हैं जिसमें बैंक ऑफ इंडिया एचडीएफसी एसबीआई आईडी बैंक ऑफ़ बरोदा और दूसरे बैंक है। ठाकुर बाबा के एसबीआई बैंक के अकाउंट नंबर 3980928 2658 में छह लाख विदेशी अकाउंट में जमा किये गये गये।नेफ्ट के माध्यम से 10 लाख रुपये जमा किये गये। जलालुद्दीन के अकाउंट में 100 करोड़ से ज्यादा का पैसा आया है। वहीं जलालुद्दीन की साथी नीतू नवीन अरोड़ा के आठ बैंक अकाउंट्स हैं जिसमें बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट नंबर  0187 10 11000 3507 हैष। पेटीएम बैंक 9 702957 349 है। बैंक ऑफ बड़ौदा में अकाउंट नंबर 57330 100 11247 है। बैंक ऑफ़ बड़ौदा अकाउंट नंबर 57 3301 000 11248 है। बैंक ऑफ बड़ौदा अकाउंट नंबर 57 33 000437 है। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक एचडीएफसी बैंक मैं अकाउंट्स हैं जिसमें पांच करोड़ विदेश से प्राप्त किेये गये पैसे हैं। नीतू के अकाउंट नंबर में 24 2 2021 से 28 6 2021 तक यानी की चार महीने मे कुल जमा राशि 13,9010,000 है।  
तरौला से लेकर पुणे महाराष्ट्र तक जमीनें
मतांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, उसकी करीबी नीतू नवीन रोहरा उर्फ नसरीन वाइफ नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन के नाम उतरौला से लेकर पुणे महाराष्ट्र तक जमीनें हैं। उतरौला के मधपुर में सरकारी जमीन पर बनी कोठी के गिराने की कार्रवाई शुरू होने से अब बाकी जमीनें भी जांच के दायरे में आ गयी हैं। इन जमीनों की गंभीरता से जांच हुई तो इसमें कई तहसील कर्मियों की भी गर्दन फंसनी तय है। उतरौला नगर में तालाब की जमीन छांगुर बाबा ने तहसील कर्मियों से मिलीभगत करके खतौनी में चढ़वा कर लगभग एक करोड़ रुपये में 12 नवंबर 2023 को नीतू के नाम खरीदा था, जबकि नगर पालिका के तत्कालीन ईओ ने एडीएम को 2022 में ही पत्र लिखकर इस तालाब की जमीन को पाटने से रोकने के लिए पत्र लिखा था।  इसके बाद भी छांगुर बाबा ने अपने पैसों के बल पर तालाब की जमीन हथिया ली। उतरौला नगर में दो शोरूम भी खोल रखा है। इसके साथ ही अपने मूल गांव रेहरामाफी में छांगुर बाबा ने तीन हजार वर्ग फीट में अपना और मुरीदों के मकान का निर्माण कराया।  
ग्राम कुनेनामा तहसील मावल जिला पुणे महाराष्ट्र में 16 करोड़ रुपये में जमीन का सौदा किया। इस सौदे में सीजेएम कोर्ट में तैनात लिपिक राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता देवी को भी मुनाफे का कुछ हिस्सा दिए जाने का उल्लेख है। इसका जिक्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में है। इन सभी जमीनों की जांच होगी। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि इनकी संपत्ति की जांच चल रही है। आगे की कार्रवाई से भी अवगत कराया जायेगा।
लोगों को बहला-फुसलाकर बदलवाता था धर्म
छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन हिन्दू धर्म की अलग-अलग जातियों की लड़कियों को लव-जिहाद में फंसाने वाले युवकों को लाखों रुपये की फंडिंग करता था। धर्मांतरण के नए मास्टरमाइंड जलालुद्दीन ने अलग-अलग हिन्दू धर्म की जातियों की लड़कियों के धर्मांतरण के लिए रेट फिक्स कर रखे थे।  छांगुर बाबा पर सैकड़ों लोगों का जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। उसके खिलाफ चल रही जांच और सबूतों के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस पर ₹50,000 का इनाम घोषित कर रखा था। छांगुर बाबा न केवल स्वयं मतांतरण के कार्यों में लिप्त था,बल्कि उसने एक पूरा गिरोह खड़ा कर रखा था जो ग्रामीण इलाकों में सक्रिय था। लोगों को बहला-फुसलाकर धर्म बदलवाता था। 
छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन के सहयोगियों और रिश्तेदारों के खिलाफ पहले से ही दर्ज हैं मुकदमें
आजमगढ़ के थाना देवगांव में उसके सहयोगियों और रिश्तेदारों के खिलाफ पहले से ही अवैध मतांतरण के कई मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस सोर्सेज के अनुसार,इस गंग का नेटवर्क कई जिलों में फैला हुआ था।  यह लंबे समय से पुलिस की निगरानी में था। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। एटीएस ने इसे बड़ी कामयाबी बताया है। कहा है कि अवैध मतांतरण जैसे मामलों में अब और भी सख्त कार्रवाई की जायेगी। जब यूपी एटीएस ने इस गैंग के सदस्यों के बारे में पूछताछ शुरू की तो पता चला कि इस गैंग के सदस्यों ने लगभग 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर रखी है। गैंग के सदस्यों ने खुद के नाम और अलग-अलग संस्थाओं के नाम से 40 से भी ज्यादा बैंक अकाउंट्स खुलवाये थे, जिनमें लगभग 100 करोड़ रुपये की राशि का ट्रांजेक्शन हुआ है।
इंटरस्टेट नेटवर्क चला रहा था जलालुद्दीन
छांगुर बाबा अवैध धर्मांतरण के एक संगठित इंटरस्टेट नेटवर्क का मुख्य सरगना बताया जा रहा है। उस पर धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को बहलाने, विदेशी धन से संपत्ति खरीदने और देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के गंभीर आरोप हैं। विदेशी फंडिंग से एक वर्ष के अन्दर करोड़ों रुपये की संपत्ति शोरूम, बंगला, लग्जरी गाड़ियां खरीदने की कंपलेन मिली थी। बलरामपुर में तीन चार सालों से रह रहा था जमालुददीन उर्फ छांगुर। छांगुर बाबा ने शिजर-ए-तैय्यबा नाम से एक बुक भी छपवा रखी है जिससे ये लोग इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार करते हैं। 
गंभीर आरोप और संदिग्ध गतिविधियां
पुलिस स्टेशन उतरौला, जनपद बलरामपुर के ग्राम मधपुर में दर्ज कंपलेन के अनुसार, जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, पीर साहब, नसरीन, महबूब आदि पर संदिग्ध व्यक्तियों को पनाह देने, विदेशी फंडिंग से करोड़ों की संपत्ति, शोरूम, बंगले और लग्ज़री गाड़ियों की खरीद का आरोप है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस गैंग के सदस्यों ने पिछले कुछ वर्षों में लगभग 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की, जिससे उनकी गतिविधियों को लेकर और भी संदेह गहराया। पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब इस गिरोह के विदेशी संपर्क, मनी-लॉन्ड्रिंग नेटवर्क और धार्मिक रूपांतरण के तरीकों की गहराई से जांच कर रही हैं। कई और संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है और जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है। 
जलालुददीन उर्फ छांगुर बाबा गैंग के संबंध में  महत्वपूर्ण तथ्य
1- ग्राम मधपुर, थाना उतरौला, जनपद बलरामपुर में पीर साहब, नसरीन, जमालुददीन, महबूब आदि के नाम से कई संदिग्ध व्यक्तियों के रहने, विदेशी फण्डिंग से एक साल के अन्दर करोड़ों रुपये की संपत्ति- शोरूम, बंगला, लग्जरी गाडिया क्रय किये जाने सम्बन्धी शिकायत प्राप्त हुई थी । 
2- जांच से ज्ञात हुआ कि जमालुददीन उर्फ छांगुर बाबा पुत्र करीमउल्ला शाह, नि० ग्राम रेहरा माफी, थाना गैंडास बुजुर्ग हाल पता-ग्राम मधपुर थाना कोतवाली उतरौला जनपद बलरामपुर विगत तीन-चार वर्षों से उपरोक्त पते पर नवीन घनश्याम रोहरा रोहरा निवासी मुंबई नवीन की पत्नी नीतू नवीन रोहरा, पुत्री समाले नवीन रोहरा के साथ रहता था । तीनों व्यक्ति मूलरूप से सिंधी है जिनका ब्रेनवाश करके छांगुर शाह द्वारा इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिये उत्प्रेरित किया गया।   इस्लाम धर्म स्वीकार करने के उपरान्त तीनों ने अपने नाम क्रमशः जमालुद्दीन,नसरीन व सबीहा रख लिया था,जिनके साथ छांगुर बाबा ग्राम मधपुर में चांद औलिया दरगाह के बगल में रह रहा है, जो अपने को पीर बाबा व सूफी बासफा हजरत बाबा जलालुददीन कहता है जिसके द्वारा शिजर-ए-तैय्यबा नाम से एक पुस्तक भी छपवा रखी है जिसके माध्यम से इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार करता है। 
3- लव-जिहाद के बाद धर्मांतरणः लखनऊ निवासी गुंजा गुप्ता पुत्री अवधेश कुमार गुप्ता को अबू अंसारी द्वारा कपटपूर्वक छद्म हिन्दू नाम अमित रखकर प्रेम जाल में फंसाकर छांगुर शाह के पास दरगाह ले गया जहां नीतू उर्फ नसरीन, नवीन उर्फ जमालुददीन आदि द्वारा गुन्जा गुप्ता का ब्रेनवाश करके खुशहाल जीवन का प्रलोभन देकर इस्लाम धर्म स्वीकार कराकर, अलीना अंसारी नाम रख दिया गया। 
4- धर्म परिवर्तन कराने हेतु तय धनराशि: हिन्दू धर्म के ब्राह्मण, क्षत्रिय या फिर सरदार की लड़की को इस्लाम स्वीकार कराने पर पन्द्रह-सोलह लाख रुपये, पिछड़ी जाति की लडकी के लिये दस से बारह लाख रूपए और अन्य जाति की लड़कियों को आठ से दस लाख रूपये निर्धारित की गई थी। 
5- विदेश यात्रा का विवरण: गैंग के सदस्यों के द्वारा लगभग 40 बार इस्लामिक देशों में यात्रा किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। 
6- बैंक खातों का विवरण: गैंग के सदस्यों द्वारा खुद के नाम एवं अलग-अलग संस्थाओं के नाम से 40 से भी ज्यादा खाते खुलवाए गए थे, जिनमे लगभग 100 करोड़ रुपये की धनराशि का लेन देन हुआ है।  
7- गरीबों असहायों को लालच या फिर मुकदमे में फंसाने कि धमकी देकर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाना: इस गैंग के प्रमुख सदस्य छांगुर बाबा, महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, एमेन रिजवी (कथित पत्रकार), सगीर, नीतू रोहरा आदि के द्वारा गरीब और असहाय व्यक्तियों को धर्मांतरण के लिए टारगेट करते है एवं बात न मानने पर मुकदमा दर्ज कराकर दबाव बनाते है। 
8- गैंग के विरुद्ध पूर्व में पंजीकृत अभियोग : प्राप्त जानकारी के अनुसार आजमगढ़ के थाना देवगांव में छांगुर बाबा के सहयोगियों और रिश्तेदारों के विरुद्ध अवैध धर्मांतरण के आरोप में मु0अ0स0- 221/23 पंजीकृत है।
 
 
Gopal Khemka Murder Case:गोपाल खेमका मर्डर केस का खुलासा,सुपारी देने वाले अशोक साव और शूटर उमेश यादव अरेस्ट
आर्म्स मुहैया कराने के आरोपी विकास उर्फ राजा एनकाउंटर में मारा गया
डेढ़ महीने पहले रची साजिश, चार लाख में दी सुपारी...
गोपाल खेमका की मर्डर जमीन विवाद से जुड़ी
पटना। बिहार की राजधानी पटना उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या (Gopal Khemka Murder Case) जमीन खरीद-बिक्री, बांकीपुर क्लब के विवाद और व्यावसायिक संबंधों में खटास के कारण हुई थी। बिहार पुलिस ने गोपाल खेमका मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने का दावा करते हुए अब तक तीन क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है। मर्डर की सुपारी देने वाले बिजनसमैन अशोक साव और गोली मारने वाले शूटर उमेश यादव को पुलिस ने कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया है। जबकि आर्म्स उपलब्ध कराने के आरोपित विकास उर्फ राजा की पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है।
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पुलिस हेडक्वार्टर में मंगलवार को डीजीपी विनय कुमार, एसटीएफ के एडीजी कुंदन कृष्णन, पटना के आइजी जितेंद्र राणा और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेस कर उक्त मा म ले की जानकारी दी। पुलिस ने घटना में शामिल आर्म्स, बाइक,सुपारी की राशि समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
डीजीपी ने बताया कि हत्या की सुपारी देने वाले मास्टरमाइंड अशोक साव के उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 की तलाशी में साढ़े छह लाख रुपये कैश, एक पिस्टल, 17 कारतूस, जमीन के ढेर सारे कागजात, मोबाइल और अन्य सामान बरामद किया गया है। वहीं शूटर उमेश के घर से नाइन एमएम पिस्टल, 7.62 एमएम के 56 राउंड कारतूस,दो मैगजीन और 14 गोली बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि मर्डर  किस खास जमीन के कारण हुई है, इसका पता अभी नहीं लग पाया है। डीजीपी का कहना है कि अशोक साव के पास से बरामद जमीन के दसतावेजों की स्क्रूटनी की जा रही है। इसके बाद ही कुछ स्पष्ट रूप से बताय जा सकेगा।
डेढ़ माह पहले रची साजिश,चार लाख दी थी सुपारी
पुलिस के अनुसार,अशोक साव और उमेश यादव से जान-पहचान डेढ़ साल पहले बिहारशरीफ में ही एक शादी समारोह में हुई थी। बिहारशरीफ का रहने वाले अशोक साव ने गोपाल खेमका की मर्डर का षड्यंत्र करीब डेढ़ महीने पहले रचा था। इसके बाद उसने उमेश को मर्डर के लिए शूटर और आर्म्स की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी।अशोक ने दो ने मोबाइल फोन भी लिए जिसमें एक उमेश को दिया और इसी से बातचीत करने को कहा। उमेश मालसलामी का रहने वाला है, उसने पास के ही विकास उर्फ राजा से संपर्क किया। विकास के खिलाफमर्डर,डकैती,आर्म्स एक्ट समेत कई कांड दर्ज है। विकास ने गोली मारने के लिए चार लाख की सुपारी मांगी। चार लाख की बात सुन उमेश के मन में विचार आया कि क्यों न वहीं मर्डर कर सुपारी के पूरे चार लाख रुपये रख लें। उसने खुद खेमका की मर्डर करने का निश्चय लिया। अशोक साव ने गोपाल खेमका की फोटो और गाड़ी की नंबर के साथ उसे नाइन एमएम के आर्म्स,दो मैगजीन 18 गोली मुहैया करायी।
 
एडीजी ने सुनाई कॉल रिकॉर्डिंग,गोपाल खेमका का भी आया जिक्र
एडीजी कुंदन कृष्णन ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान अशोक साव के मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग का एक अंश भी सुनाया। इसमें अशोक साव की जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर ही किसी दूसरे व्यक्ति से गर्मा-गर्म बहस हो रही है। इस बातचीत में गोपाल खेमका का भी जिक्र आता है। एक ओर से डेढ़ करोड़ की मांग की जाती है। बीच-बीच में गालियां भी सुनाई देती है। उन्होंने बताया कि ऐसी कई काल रिकार्डिंग मिली है,जिनकी जांच की जा रही है। गोपाल खेमका के मोबाइल और लैपटाप की भी जांच की जायेगी।
 
पुलिस थ्योरी में तीन क्रिमिनलों का रोल
अशोक साव, मास्टरमाइंड : जमीन विवाद और व्यापारिक संबंधों में खटास के कारण गोपाल खेमका की मर्डर की साजिश रची। उमेश यादव को दी सुपारी। उदयगिरी अपार्टमेंट से हुआ गिरफ्तार।
उमेश यादव, शूटर : अशोक साव से चार लाख रुपये में हत्या की सुपारी ली। गोपाल खेमका को अपार्टमेंट के दरवाजे पर गोली मारी। मालसलामी के घर से आर्म्स, बाईक, कपड़े, मास्क आदि बरामद।
विकास उर्फ राजा, हथियार सप्लायर : मालसलामी के रहने वाले विकास को ही पहले मिलनी थी मर्डर की सुपारी। आर्म्स उपलब्ध कराने में भूमिका। पुलिस ने मंगलवार की सुबह किया एनकाउंटर।
DGP ने बताया शूटर तक कैसे पहुंची पुलिस
डीजीपी विनय कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गोपाल खेमका मर्डर केस मामले का विस्तृत खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यह मर्डर पूर्व नियोजित साजिश के तहत करायी गयी थी। जिसकी सुपारी बिल्डर अशोक साव ने दी थी। मर्डर के पीछे कारोबारी विवाद और जमीन से जुड़ी रंजिश मुख्य कारण मानी जा रही है।
 
CCTV से आरोपी तक पहुंची पुलिस
DGP ने बताया कि घटना के बाद पूरे शहर के CCTV फुटेज को खंगाला गया।आरोपी की पहचान कपड़ों और बाइक के जरिए की गयी। जिस इलाके में आरोपी आखिरी बार कैमरे में दिखा,वहां से उसके घर तक का पूरा रूट ट्रेस किया गया। पुलिस जब उमेश यादव के घर पहुंची तो घटना के समय पहने गये कपड़े,जूते और मर्डर में इस्तेमाल किया गया आर्म्स वहीं से बरामद हुआ। उमेश को मौके पर ही अरेस्ट कर लिया गया।
 
चार लाख की सुपारी, 50 हजार एडवांस
पुलिस पूछताछ के दौरान शूटर उमेश यादव ने खुलासा किया कि बिल्डर अशोक साव ने गोपाल खेमका की मर्डर के लिए उसे सुपारी दी थी। दोनों की मुलाकात नालंदा में एक शादी समारोह में हुई थी,जहां से संबंध शुरू हुआ। उमेश ने अपने ही इलाके के शूटर विकास उर्फ राजा को मर्डर करने को कहा। लेकिन उसने ज्यादा पैसों की डिमांड कर दी। जिसके बाद उमेश ने ही मर्डर करने की बात कही। मर्डर की डील चार लाख रुपये में तय हुई थी,जिसमें से 50 हजार एडवांस दिया गया था। उमेश ने एडवांस के 50 हजार रुपये में से 42 हजार बेटी की फीस में दिए। 
 
अशोक साव के घर से मिले अहम सुराग
पुलिस ने अशोक साह को अरेस्ट किया, उसके घर से मोबाइल फोन से कई अहम सबूत और जमीन से जुड़े कागजात बरामद हुए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि खेमका और साव के बीच जमीन और कारोबार को लेकर तीखा विवाद था,जो मर्डर की एक बड़ी वजह बन सकता है।पुलिस की जांच में सामने आया कि गोपाल खेमका और बिल्डर अशोक साह के बीच लंबे समय से व्यावसायिक लेनदेन को लेकर विवाद था। इसी रंजिश में अशोक साह ने सुपारी किलर उमेश उर्फ विजय को हायर किया और गोपाल की मर्डर की साजिश रच डाली। गोपल खेमका को चार जुलाई की रात को उनके ही घर के बाहर गोलियों से भून दिया गया। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज और अन्य टेक्निकल इनपुट के जरिए शूटर उमेश तक पहुंच बनायी।
 
शूटर उमेश के पकड़ में आते ही हुआ बड़ा खुलासा
पुलिस टीम ने आठ जुलाई को शूटर उमेश यादव उर्फ विजय को मालसलामी इलाके से अरेस्ट किया। पुलिस पूछताछ में उसने कबूल किया कि खेमका की हत्या की उसे सुपारी दी गयी थी। उसे एक लाख रुपये एडवांस दिये गये थे। पुलिस को उसके पास से मर्डर में इस्तेमाल पिस्टल,बाइक,80 कारतूस,दो मोबाइल और एक लाख नकद भी बरामद हुआ. उसने बताया कि वह दिल्ली में ‘विजय’ नाम से रहता था और पहचान छिपाकर काम करता था। उमेश की निशानदेही पर पुलिस ने पटना सिटी के गंगा किनारे इलाके से हथियार भी बरामद किया और आर्म्स सप्लायर की तलाश शुरू की।
आर्म्ससप्लायर विकास उर्फ राजा एनकाउंटर में ढेर
शूटर उमेश के बताए अनुसार पुलिस विकास उर्फ राजा की तलाश में मालसलामी पहुंची। पुलिस मंगलवार तड़के चार बजे जब पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की, तो विकास ने टीम पर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। घटनास्थल से एक पिस्टल, जिंदा गोली और खोखा बरामद हुआ है। विकास उर्फ राजा एक कुख्यात अपराधी था, जिसके खिलाफ कई मर्डर और इलिगल आर्म्स के मामले पहले से दर्ज थे। वह खुद भी सुपारी किलर रह चुका था।
एसआईटी और STF ने उमेश की सूचना पर कोतवाली पुलिस स्टेशन एरिया के उदयगिरी अपार्टमेंट फ्लैट नंबर 601 में रेड कर मुख्य साजिशकर्ता अशोक साह को गिरफ्तार किया।पुलिस ने इस फ्लैट से तीन लाख रुपये कैश भी जब्त किये हैं। यह वही फ्लैट है, जिसमें पहले कभी कुख्यात अपराधी अशोक सम्राट और रत्नेश्वर साह जैसे लोग भी रह चुके हैं.
जानकार सोर्सेज के अनुसार, शूटर उमेश एक राजनीतिक दल के MLC का भी करीबी बताया जा रहा है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। फिलहाल पुलिस ने बड़ी साजिश का पर्दाफाश कर लिया है। लेकिन इस केस में और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है। मर्डर की वजह की जांच अभी जारी
DGP ने कहा कि मर्डर के पीछे के असली कारण को सामने लाने में कुछ और वक्त लग सकता है, क्योंकि इस मामले में कई लोग शामिल हो सकते हैं।  जमीन विवाद से जुड़े गहरे तार निकल रहे हैं। फिलहाल SIT और STF की टीमें सभी संभावित एंगल पर जांच कर रही हैं। पुलिस को शक है कि साजिश में और भी कई लोग शामिल हो सकते हैं।