उत्तर प्रदेश: ललितपुर के पाली पुलिस स्टेशन में नाबालिग से रेप मामले के आरोपी SHO जेल गये
उत्तर प्रदेश के ललितिपुर के पाली पुलिस स्टेशन में गैंगरेप पीड़ित नाबालिग से रेप के आरोपी SHO तिलकधारी सरोज को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया है। प्रयागराज से बुधवार को अरेस्ट किये गये सस्पेंडेड एसएचओ तिलकधारी सरोज को गुरुवार को ललितपुर के पाक्सो कोर्ट में पेश किया गया। वहां से उन्हें 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया।
- पीड़िता ने अपने माता-पिता के खिलाफ ही दर्ज कराई थी FIR
- प्रताड़ित करने और पिटाई का लगाया था आरोप
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ललितिपुर के पाली पुलिस स्टेशन में गैंगरेप पीड़ित नाबालिग से रेप के आरोपी SHO तिलकधारी सरोज को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया है। प्रयागराज से बुधवार को अरेस्ट किये गये सस्पेंडेड एसएचओ तिलकधारी सरोज को गुरुवार को ललितपुर के पाक्सो कोर्ट में पेश किया गया। वहां से उन्हें 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया।
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VIP गाड़ी से कोर्ट पहुंचा आरोपी एसएचओ, दो घंटे तक AC में बैठा
एक पुलिस अफसर ने कहा कि पुलिस जल्द ही आरोपी एसएचओ को पुलिस रिमांड पर लिया जायेगा। वहीं नाबालिग से रेप के आरोपी SHO की पुलिस की खातिरदारी का वीडियो सामने आया है। मेडिकल जांच के बाद गुरुवार को पुलिस तिलकधारी सिंह सरोज को CO की एयरकंडीशन गाड़ी में कोर्ट ले गई। वहां सुनवाई में टाइम था। गर्मी भी थी। ऐसे में SHO करीब दो घंटे तक आराम से गाड़ी में एयरकंडीशन ऑन करके बैठे रहे।इसके बाद एडीजे पॉस्को एक्ट की कोर्ट में केस की सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट ने आरोपी SHO को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दो अन्य आरोपियों को भी जेल भेजा गया है।
पीड़िता ने अपने माता-पिता के खिलाफ दर्ज करायी थी FIR
ललितपुर रेप कांड की 13 वर्षीया पीड़िता ने पिछले साल नवंबर में अपने ही माता-पिता के खिलाफ पाली पुलिस स्टेशन FIR दर्ज करायी थी। एफआईआर में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसके माता-पिता नियमित रूप से उसे प्रताड़ित करते हैं। उसे पीटा भी जाता है। नवंबर में दर्ज कराई गई एफआईआर की कापी और कुछ अन्य दस्तावेज भी एचटी को मिले हैं। एक अन्य दस्तावेज के अनुसार 2016 में पीड़िता की मां ने रेप के छह में से दो आरोपियों के खिलाफ चार अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं। इनमें एक शिकायत उसकी बहन यानी पीड़िता की उसी मौसी के खिलाफ भी थी। रेप के मामले में पीड़िता की मौसी को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया है। पीड़िता की मां के खिलाफ भी आरोपियों और उनके रिश्तेदारों की ओर से इतने ही मामले दर्ज कराये गये थे।
फिलहाल पुलिस स्टेशन में चल रही है रेप के आरोपों की जांच
ललितपुर एसपी निखिल पाठक ने कहा कि फिलहाल पुलिस स्टेशन में रेप के आरोपों की चल रही है। जांच से इन मामलों का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अलग से इनकी फिर से जांच की जा रही है। हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि रेपपीड़िता ने पाली पुलिस स्टेशन में अपनी मां और पिता के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी।15 नवंबर को धारा 323, 504 और 506 के तहत एफआईआर संख्या (128/21) दर्ज हुई थी। उसी समय तिलकधारी सरोज ने थानेदार के रूप में यहां पदभार संभाला था। मामले की जानकारी रखने वाले दो पुलिस अफशरों ने बताया कि कुछ पुलिस वालों ने ही मां-बेटी के बीच समझौता करा दिया था। हालांकि लड़की ने अपने बयान में माता-पिता पर गंभीर आरोप लगाये हैं।
इसी तरह लड़की की मां ने दो आरोपियों राजभान और लड़की की चाची के खिलाफ 2020 में दो मामले दर्ज कराये थे। राजभान पर बेटी को पीटने का आरोप था। चाची पर एक पुराने मामले में हमला करने का आरोप लगाया गया था। अलग अलग डेट में चार मामले राजभान के रिश्तेदारों और अन्य के खिलाफ दर्ज कराये गये थे। अंतिम केस (26/2022) राजभान की मां की ओर से दर्ज कराया गया था। इसमें बेटे को पीटने और रेप के आरोप में फंसाने का आरोप लगाया गया था।
डीआईजी आज सौंपेंगे जांच रिपोर्ट
पाली पुलिस स्टेशन में नाबालिग से रेप के मामले में जांच रिपोर्ट डीआईजीअब शुक्रवार को सौंपेंगे। डीसमय वक्त और दिया है। सभीतथ्यों की छानबीन और 50 से ज्यादा लोगों के बयान के बाद भी अभी कई महत्वपूर्ण पहलू बाकी रह गये हैं। इसे देखते हुए यह मोहलत दी गई है। घटना की प्राथमिक रिपोर्ट एडीजी जोन भानु भास्कर ने बुधवार को ही शासन को भेज दी थी। अंतिम रिपोर्ट के लिए उन्होंने डीआईजी झांसी जोगेन्द्र कुमार को नामित किया था। एडीजी ने बताया कि इस मामले में विस्तृत जांच कर रिपोर्ट देनी है।
फोरेंसिक स्पेशलिस्ट ने पाली पुलिस स्टेशन और उन जगहों से सैंपल एकत्र किए जहां एसएचओ और पीड़िता को एक साथ देखा गया था। एसएचओ के कमरे से एवीडेंस लेने के साथ ही बेडशीट और कपड़े सील किये गये। टीम ने पुलिस स्टेशन के बाहर चाय की दुकान का भी दौरा किया, जहां रेप पीड़िता 27 अप्रैल को लंबे समय तक रुकी थी। एसएचओ से काफी देर तक बात की थी।