Uttar Pradesh : अतीक अहमद की बेगम शाइस्ता परवीन के सरेंडर की अटकलें, प्रयागराज कोर्ट के बाहर की गई घेराबंदी
उत्तर प्रदेश के प्रयाग राज में माफिया अतीक अहमद व उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ अशरफ मर्डर केस के बाद पुलिस और एसटीएफ की टीम ने गुड्डू मुस्लिम और शाइस्ता परवीन की खोज तेज कर दी है। वहीं 50 हजार रुपये की इनामी शाइस्ता के प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर की कयासों ने जोर पकड़ लिया है।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद व उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ अशरफ मर्डर केस के बाद पुलिस और एसटीएफ की टीम ने गुड्डू मुस्लिम और शाइस्ता परवीन की खोज तेज कर दी है। वहीं 50 हजार रुपये की इनामी शाइस्ता के प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर की कयासों ने जोर पकड़ लिया है।
हालांकि इस बाबत कोई ऑफिसियल पुष्टि नहीं हो सकी है। लेकिन जिस तरीके से प्रयागराज कोर्ट की घेराबंदी की जा रही है, उससे इन अटकलों को बल मिल रहा है।प्रयागराज जिला कचहरी में पुलिस फोर्स और क्राइम ब्रांच के जवान सक्रिय हो गए हैं। पुलिस ने पूरे कैंपस की घेराबंदी कर रखी है। अतीक अहमद के वकीलों की भी निगरानी एसओजी द्वारा की जा रही है।
शाइस्ता की खोज में रेड
शाइस्ता परवीन की तलाश में पुलिस की कई टीम कल रात से ही रेडकर रही है। प्रयागराज और कौशांबी में तमाम इलाकों में रेड की सूचना है। लेडी डॉन की तलाश में करीबियों और रिश्तेदारों के घरों में घुसकर खोजबीन की जा रही है। चकिया में शाइस्ता के मायके में भी रेड मारा गया है, जिसके बाद मायके वाले घर छोड़कर भाग गयेए है। अतीक की पत्नी के मायके का घर खुला पड़ा है।अतीक की ससुराल पहुंची पुलिस की कई टीम सोमवार रात से रेड कर रही हैं। प्रयागराज और कौशांबी में सभी जगहों पर रेड की गई है। शाइस्ता की तलाश में करीबियों और रिश्तेदारों के घर पर पुलिस ने घुसकर भी खोजबीन की जा रही है। चकिया में शाइस्ता के मायके में भी रेड मारा गया, जिसके बाद मायके वाले घर छोड़कर भाग गये। शाइस्ता के मायका वाला घर खुला हुआ पड़ा है।
एक चिट्ठी की खूब हो रही है चर्चा
भाई अतीक अहमद समेत मारे गए अशरफ की लिखी चिट्ठी सोमवार से चर्चा में आ गई है। इस मामले में एक सवाल यह भी बना है कि आखिरकार वह राजदार कौन है, जिसे अशरफ ने यह चिट्ठी थमाई थी। कयास लगाये जा रहे हैं कि वह अशरफ की वाइफ जैनब है या बहन आयशा अथवा कोई और। राजदार के पहलू पर बात करें तो दो प्रमुख नाम बीवी जैनब फातिमा और बहन आयशा नूरी के उभरकर सामने आते हैं। वकील के अलावा यही दोनों लगातार अशरफ की जान पर खतरा बताते हुए मीडिया के सामने आती रहीं।
जैनब के साथ आयशा को लिया था कस्टडी में
उमेश पाल मर्डर केस के बाद दूसरी रात पुलिस ने पूरामुफ्ती के हटवा गांव में अशरफ की ससुराल में रेड मारकर उसकी वाइफ जैनब के साथ ही बहन आयशा और भांजी उनजिल नूरी को कस्टडी में ले लिया था। उन्हें पुलिस ने तीन दिन तक हिरासत में रखने के बाद छोड़ा था। उस समय वाइफऔर बहन ने मीडिया के सामने आकर आरोप लगाया था कि पुलिस ने उन्हें बहुत प्रताड़ित किया। आशंका जताई थी कि पुलिस अतीक और अशरफ की मर्डर की साजिश रच रही है। उन दोनों को जेल से लाकर मारने की तैयारी है। जैनब और आयशा ने खुलकर यह आरोप लगाया कि कुछ पुलिस अफसरों ने तो जैसे हत्या की सुपारी ले रखी है। उनसे अतीक और अशरफ की जान को खतरा है।
कार से पीछे आ रही थीं जैनब फातिमा
द अशरफ को जब बरेली जेल से लेकर पुलिस टीम प्रयागराज के लिए निकली और फिर वापस ले जाया गया तो जैनब फातिमा एक कार में पीछे-पीछे लगी रही। उसे भय था कि रास्ते में गाड़ी पलटने जैसा कुछ हो सकता है। यही वजह है कि माना जा रहा है कि अशरफ ने बीवी जैनब को ही चिट्ठी थमाई होगी और कहा कि मेरी मर्डर हो तो इन चिट्ठियों को भेज देना। अब चिट्ठी भेजने की बात सामने आने पर सबका अनुमान है कि जैनब ने ही चिट्ठी डाक से भेजी होगी क्योंकि उसे भी इसके बारे में पता था। मीडिया से बातचीत में जैनब ने कहा था कि उसे चिट्ठी के बारे में अशरफ ने बताया है हालांकि यह नहीं कहा था कि चिट्ठी उसे दी गई है। उसने बरेली जेल से किसी जरिए से यह चिट्ठी वाइफ तक पहुंचा दी होगी।
पुलिस कस्टडी में गोली मारकर कर दी गयी माफिया अतीक अहमद और अशरफ की मर्डर
उमेश पाल मर्डर केस में पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिये गये माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई एक्स एमएलए खालिद अजीम उर्फ अशरफ की 15 अप्रैल को रात लगभग साढ़े 10 बजे पुलिस कस्टडी में गोली मार कर मर्डर कर दी गयी थी। दोनों मेडिकल टेस्ट के लिए कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया था। पुलिस कस्टडी में माफिया ब्रदर्स कॉल्विन हॉस्पिटल के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे। एक पत्रकार ने पूछा- आज जनाजे में आप लोग नहीं गये। उस बारे में कुछ कहना है? इस पर अतीक बोला- नहीं ले गए तो नहीं गये। इसी समय अशरफ ने बोलना शुरू किया- 'मेन बात ये है कि गुड्डु मुस्लिम...' इसी बीच एक युवक पीछे से आता है और तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल से अतीक की कनपटी पर फायर कर देता है। अगले एक सेकेंड से भी कम समय में दो और फायर होते हैं, जो अशरफ की पसलियों में धंस जाते हैं। मौके पर ही अतीक व अशरफ की मौत हो गयी। अफरा-तफरी के बीच सभी मीडियाकर्मी और पुलिसकर्मी पीछे हट जाते हैं। इसके बाद तीन हमलावर अगले 16 सेकेंड में 18 राउंड फायर करते हैं। फिर हाथ उठाकर धार्मिक नारे लगाते हुए तीनों हमलावरों लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) सरेंडर कर दिये। पुलिस आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल को बरामद ली।