उत्तर प्रदेश: घोसी एमपी अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता की मौत मामले में सस्पेंड डीएसपी डिसमिस
उत्तर प्रदेश के घोसी से बीएसपी एमपी अतुल राय पर रेप का एफआइआर दर्ज कराने वाली पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद निलंबित डीएसपी अमरेश सिंह बघेल को डिसमिस कर दिया गया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के घोसी से बीएसपी एमपी अतुल राय पर रेप का एफआइआर दर्ज कराने वाली पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद निलंबित डीएसपी अमरेश सिंह बघेल को डिसमिस कर दिया गया है।
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बीएसपी एमपी अतुल राय पर वाराणसी के लंका पुलिस स्टेशन में बलिया की रहने वाली एक युवती ने वर्ष 2019 की एक मई को रेप और धमकी देने का एफआइआर दर्ज कराया था। लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज कराये गये इस मुकदमे को फर्जी करार देते हुए अतुल राय के पिता ने पुलिस अफसरों से मामले की जांच की मांग की थी। इस मामले की जांच तत्कालीन सीओ भेलूपुर अमरेश सिंह बघेल ने की थी। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में पीड़िता के आरोप को निराधार बताते हुए इस पूरे प्रकरण की दोबारा इन्विस्टीगेशन किये जाने की बात कही थी। इस मामले में वर्ष 2020 में अमरेश सिंह बघेल सस्पेंड कर दिये गये। उनके खिलाफ डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग चल रही थी।
सुप्रीम कोर्ट के सामने 16 अगस्त 2021 को पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय ने किया था आत्मदाह का प्रयास
सुप्रीम कोर्ट के सामने 16 अगस्त 2021 को पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय ने आत्मदाह का प्रयास किया था। बाद में दोनों की इलाज के दौरान हॉस्पीटल में मृत्यु हो गई थी। इस घटनाक्रम की जांच के लिए शासन द्वारा एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर ही पिछले दिनों वाराणसी के लंका पुलिस स्टेशन में अमरेश सिंह बघेल के खिलाफ पीड़िता और उसके गवाह को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में एफआइआर दर्ज किया गया था। लंका थाने की पुलिस और लोकल क्राइम ब्रांच की टीम ने अमरेश सिंह बघेल को 30 सितंबर की रात बाराबंकी के हैदरगढ़ टोल प्लाजा से अरेस्ट किया था।अगले दिन कोर्ट में पेश होने के बाद बघेल को जिला जेल में भेज दिया गया था।
तत्कालीन पुलिस अफसरों पर कई गंभीर आरोप
उक्त मामले में बलिया निवासी पीड़िता ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए तत्कालीन पुलिस अफसरों पर कई गंभीरआरोप लगाये थे। पीड़िता के गवाह साथी ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये थे। इसके बाद जुलाई 2021 में वाराणसी के कैंट पुलिस स्टेशन में पीड़िता के खिलाफ पुलिस ने कूटरचना और धोखाधड़ी के मामले में केसदर्ज करते हुए एनबीडब्ल्यू (गैर जमानती वारंट) जारी किया था। दिल्ली में 16 अगस्त को किये गये आत्मदाह के दौरान भी सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो में पीड़िता द्वारा तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक समेत कई पुलिस अफसरों और कर्मियों के नाम सार्वजनिक किये गये थे। सभी को अतुल राय के पक्ष में खड़ा होना बताया गया था.
एक इंस्पेक्टर और आइओ पहले ही हो चुके हैं सस्पेंड
मामले में वाराणसी के कैंट पुलिस स्टेशन के तत्कालीन इंस्पेक्टर राकेश सिंह और आइओ गिरजाशंकर यादव को घटना के बाद सस्पेंड कर दिया गया। जिस जांच रिपोर्ट पर सीओ को सस्पेंड किया गया और एफआइआर दर्ज कराकर गिरफ्तारी हुई थी, उसी रिपोर्ट को एक आईपीएस अफसर ने ही अपने मातहतों को फारवर्ड किया था। इस प्रकरण की भी जांच शासन स्तर से कराई जा रही है और दोषी पाये जाने के आधार पर माना जा रहा है कि उस आईपीएस पर भी कार्रवाई की जा सकती है।