West Bengal Raju Jha murder case :राजू झा मर्डर केस का झारखंड - UP कनेक्शन, SIT ने हजारीबाग जेल से फुटेज मांगा
पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले में कोल बिजनसमैन सह बीजेपी लीडर मर्डर राजेश झा उर्फ राजू झा मर्डर मामले का झारखंड और उत्तर प्रदेश कनेक्शन जुड़ रहा है। इस मामले में झारखंड के हजारीबाग जेल में बंद उत्तर प्रदेश निवासी शूटर सह गैंगस्टर अमन सिंह का नाम भी आ रहा रहा है। राजू झा मर्डर केस की जांच कर रही बंगाल पुलिस को हजारीबाग जेल के सीसीटीवी फुटेज की जरुरत है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले में कोल बिजनसमैन सह बीजेपी लीडर मर्डर राजेश झा उर्फ राजू झा मर्डर मामले का झारखंड और उत्तर प्रदेश कनेक्शन जुड़ रहा है। इस मामले में झारखंड के हजारीबाग जेल में बंद उत्तर प्रदेश निवासी शूटर सह गैंगस्टर अमन सिंह का नाम भी आ रहा रहा है। राजू झा मर्डर केस की जांच कर रही बंगाल पुलिस को हजारीबाग जेल के सीसीटीवी फुटेज की जरुरत है।
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राजू झा मर्डर की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने बर्दवान मुख्य सत्र न्यायालय में एक याचिका दाखिल की है। एसआइटी ने कोर्ट से हजारीबाग जेल में बंद गैंगस्टर अमन सिंह की गतिविधि व उससे मिलने वालों की सीसीटीवी फुटेज मांगा है।
हजारीबाग जेल में अमन सिंह से मुलाकाती की डिटेल मांगा
एसआईटी ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वह जानना चाहती है कि पूर्व बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ में एक अप्रैल 2023 को दुर्गापुर के कोल बिजनसमैन राजू झा की मर्डर से पहले और उसके बाद झारखंड के हजारीबाग जेल में अमन सिंह से कौन-कौन लोग मिले थे। सोर्सेज का कहना है कि राजू झा मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी के दो अफसर राकेश सिंह और अरूप भौमिक बुधवार को हजारीबाग जेल गये थे। दोनों ने जेल में बंद अमन सिंह से पूछताच की। इससे पहले शनिवार को पूर्व बर्दवान जिले के एसपी कामनाशीष सेन ने हजारीबाग जेल सुपरिटेंडेंट से बात की थी।
बंगाल पुलिस को चाहिए हजारीबाग जेल का सीसीटीवी फुटेज
हजारीबाग जेल में गैंगस्टर अमन सिंह से प्रारंभिक पूछताछ के बाद एसआइउटी के दोनों अफसरों ने जिला पुलिस को एक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही गुरुवार को जिला पुलिस ने हजारीबाग जेल के सीसीटीवी फुटेज के लिए कोर्ट में आवेदन किया है। सोर्सेजा का कहना है कि अब तक की जांच के आधार पर बंगाल पुलिस के कुछ अफसर आश्वस्त हैं कि उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर अमन सिंह ने ही राजू झा की मर्डर
की सुपारी ली थी।
एसआईटी ने कोर्ट में जमा कराये दो बैग
एसआईटी ने राजू झा के बॉडी के साथ फॉर्च्यूनर में मिले दो बैग को जिला मुख्य सत्र न्यायालय में जमा करा दिया है। उस बैग में राजू झा के कपड़े और एक लाख रुपये कैश व एक बोतल महंगी विदेशी शराब थी। इसके अलावा, पुलिस ने हमलावरों के परित्यक्त वाहन से बरामद 12 राउंड कारतूस भी कोर्ट में जमा कराये हैं। ये आठ एमएम और नौ एमएम की गोलियां हैं।
राजू की मर्डर के लिए क्रिमिनल लाये थे तीन तरह के आर्म्स
राजू झा की बॉडी की पोस्टमार्टम के दौरान मिली चार गोलियां 7.65 एमएम की थीं। इससे मामले की जांच कर रही पुलिस टीम को पता चला कि क्रिमिनल राजू झा की मर्डर के लिए तीन तरह के आर्म्स लाये थे। पुलिस को जो वीडियो फुटेज मिले हैं, उसमें एक पीली शर्ट वाला पिस्तौल से फायर करते नजर आ रहा है। दूसरी बार उसके हाथ से आर्म्स गिर गया था।
.बंगाल में अवैध बालू कारोबार से भी जुड़े थे राजू झा
बताया जाता है कोल बिजनसमैन राजूझा का बीरभूम जिले के गौ तस्करी और अवैध बालू कारोबारी अब्दुल लतीफ के साथ संबंध था। यह कारोबार कोलकाता के एक राजनीतिक प्रभावशाली नेता के इशारे पर चल रहा था। हाल ही में सीबीआई, ईडी जैसी सेंट्रल जांच एजेंसियां पश्चिम बंगाल में गाय, कोयला सहित कई अवैध कारोबार की जांच में सक्रिय हुई हैं। राजू और अब्दुल लतफ कोलकाता में एक प्रभावशाली व्यक्ति के यहां जा रहे थे। गोली लगने के बाद राजू झा को बर्दवान के एक हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां लगे सीसीटीवी फुटेज में लतीफ की मौजूदगी भी देखी गई। डॉक्टर जब राजू झा को मृत घोषित कर दिया उसके बाद लतीफ का कोई पता नहीं चल रहा है।
राजू झा की मर्डर के पीछे अब्दुल लतीफ का हाथ !
बीरभूम जिलेके इलम बाजार का रहनेवाला अब्दुल लतीफ वर्ष 2010 के पहलेइलम बाजार के ही सुख बाजार स्थित मवेशी हाट में मवेशियों को बांधने के लिए घूम-घूम कर रस्सी बेचता था।अभाव और गरीबी मेंदिन यापन हो रहा था। बताया जाता हैकि 2010 मेंगौ तस्करी से जुड़े इनामुल हक के संज्ञान में अब्दुल लतीफ जब आया तो आते ही वह इलामबाजार से मुर्शिदाबाद होतेहुए बांग्लादेश की सीमा तक गाय की तस्करी मेंशामिल हो गया।देखते ही देखते अब्दुल लतीफ इनामुल हक का विश्वासपात्र बन गया।
इनामुल हक की पैठ जिला तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के साथ थी।जिले में हाट से जाने वाले गायों के पीछे मोटा रकम अनुब्रत को जाता था।अब्दुल लतीफ पशुत स्करी का धीरे-धीरे प्रभारी बन गया था। सीबीआई की चार्जशीट में दावा किया गया है कि इलमबाजार के गाय बाजार पर भी उसका नियंत्रण था। गौ तस्करी की मोटी कमाई से अब्दुल लतीफ ने बोलपुर में मार्बल टाइल्स का (दुकान) शो रूम, उसके पीछे कई बीघा जमीन, सुख बाजार के चौपहरी क्षेत्र में पांच एकड़ से अधिक का हैचरी-मुर्गी फार्म, इलाम बाजार दुबराजपुर में हाईवेपर कार शोरूम व कार सर्विस सेंटर, जयदेव में सड़क किनारे 15 बीघा से ज्यादा जमीन , इलमबाजार दुबराजपुर रोड पर पेट्रोल पंप, होटल कारोबार के अलावा उसके बालूके कई वैध और अवैध घाट भी हैं। अब्दुल लतीफ पत्थर के कारोबार में भी इन्वेस्ट किया है।
राजू झा मर्डर मामले में सीएम ममता बनर्जी का बीजेपी पर हमला, होटल में कौन-कौन थे?
पूर्व बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ में कोल माफिया राजू की मर्डर मामले में सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी पर तंज कसा है। उन्होंने कोल माफिया के बीजेपी जुड़े होने पर सवाल उठाये हैं। सीएम दीघा में तृणमूल बूथ स्तरीय कार्यशाला में कहा कि एक कोल माफिया मारा गया, कहीं भी बीजेपी मुंह नहीं खोल रही?'' क्योंकि वह बीजेपी में शामिल हुआ था।
होटल में कौन-कौन थे?
सीएम ममता बनर्जी ने सवाल किया, "बताओ, उनके (राजूझा) होटल मेंकौन-कौन थे?" कौन सा मंत्री, कौन सा नेता, किसने किसे पैसा दिया? कौन सी पार्टी मदद कर रही है ?” बिना नाम लिए ममता ने कहा कि "आप इस पर बातें क्यों नहीं करते, आपका मुंह बंद क्यों है!” बताया जाता है कि पारिवारिक आपत्तियों के बावजूद राजू झा राजनीति से जुड़े थे।दुर्गापुर में उनके लग्जरी होटल में सेंट्रल मिनिस्टर व बीजेपी के बड़े पदाधिकारियों का आना जाना लगा हुआ था। इससे राजू का बीजेपी में दिल्ली स्तर तक संवाद बढ़ा। सेंट्रल लेवल व बीजेपी के बड़े लीडर्स पर अपनी नजदीकियों के चलते राजू बीजेपी के कई जिले और बंगाल के नेताओं की आंखों की किरकिरी बन गये थे। यही कारण है कि केंद्रीय जांच एजेंसी से बचने के लिए अंडरवर्ल्ड के कई लोगों ने राजू पर भरोसा किया था।
मवेशी तस्कर अब्दुल लतीफ की थी फॉर्च्यूनर
पुलिस सोर्सेज का कहना है कि राजू झा बीरभूम जिले के पशु तस्करी से भी जुड़े थे।अजकल वह पशु तस्कर अब्दुल लतीफ के कारोबार को देख रहे थे। मर्डर के दौरान फरार अब्दुल लतीफ भी राजू झा के साथ फॉर्च्यूनर में था। राजू के इलम बाजार मवेशी हाट के सर्वेसर्वा' अब्दुल लतीफ से घनिष्ठ संबंध थे।सोर्सेज का कहना है कि राजू झा बीरभूम में लतीफ का बिजनेस बिना इनामुल के मैनेज कर रहे थे। वह गायों और कोयलेके साथ-साथ लतीफ का व्यवसायों की भी देखभाल कर रहे थे। राजू झा ने इस कारोबार में भारी निवेश किया था। राजू को जिस फॉर्च्यूनर में गोली मारकर मर्डर की गयी वह अब्दुल लतीफ का ही है। इलाम बाजार का अब्दुल लतीफ गौ तस्करी के सरगना इनामुल का करीबी था। लतीफ को सीबीआई ने भी तलब किया था, लेकिन अब्दुल लतीफ सीबीआई से बचने के लिए बांग्लादेश भाग गया था।
कोल माफिया से भाजपा नेता बनने तक राजू झा की कहानी
बिहार के मूल निवासी राजू झा 1980 और 90 के दशक मे एक ट्रक ड्राइवर था। दरभंगा से राजू के पिता रानीगंज आकर बसे थे। उनका परिवार रानीगंज कलोनी नंबर 6 और सात में एनएच- दो पर रहता था। राजू ने 9 वीं क्लास तक की पढ़ाई की थी। वह कोयले के ट्रक ड्राइवर होने के कारण बहुत ही कम उम्र मे कोयले के धंधे की एबीसीडी पूरी तरह जान गया था। देखते ही देखते वह कोयले के अवैध धंदे का बेताज बादशाह बन गया। हालांकि शुरू में वह बंगाल की सत्ताधारी पार्टी सीपीएम का समर्थन करता था। बाद मे जब तृणमूल की सरकार बनी तो वह टीएमसी का समर्थन करने लगा। फिर 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव के समय वह खुलकर बीजेपी में शामिल हुआ। राजू एक एक्टिव नेता के रूप मे उभरने लगा। उसपर बांकूड़ा मे कोयला तस्करी मामले मे हुई केस मे उसे जेल की हवा खानी पड़ी, हाल के समय में वह होटल बिजनस पर ज्यादा ध्यान दे रहा था। राजनीति में उसकी दिलचस्पी घट गई थी।
फ्लैश बैक
पश्चिम बंगाल पूर्व बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत आमडा स्थित लेगचा हाट के पास दो नंबर हाईवे किनारे एक अप्रैल शनिवार की रात लगभग आठ बजे सफेद रंग के फॉर्च्यूनर में बैठे कोल माफिया राजू झा की नीले रंग की बलेनो कार से आये क्रिमिनलों ने गोली मारकर मर्डर दी थी। इस घटना में राजू झा के साथी ब्रतिन बंद्योपाध्याय को भी गोली लगी है। ब्रथिन को इलाज के लिए बर्द्धमान के अनामय हॉस्पिटल एडमिट करवाया गया है। जिस फॉर्च्यूनर में राजू झा की मौत हुई वह मवेशी तस्कर अब्दुल लतीफ की थी। फॉर्च्यूनर में राजू झा व ब्रतिन बंद्योपाध्याय के साथ अब्दुल लतीफ भी था। हलांकि घटना के बाद वह मौके से निकल गया। फॉर्च्यूनर के ड्राइवर नूर आलम हुसैन ने भी पुलिस को बताया कि राजू झा, अब्दुल लतीफ और ब्रतिन बंद्योपाध्याय को लेकर अब्दुल लतीफ की फॉर्च्यूनर से दुर्गापुर से कोलकाता के लिए निकले थे। राजू झा मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी ने सीसीटीवी फुटेज में जानवर तस्करी के आरोपी अब्दुल लतीफ को स्पॉट किया। एक सीसीटीवी फुटेज के वीडियो में दो क्रिमिनल नीली कार से उतरकर फॉर्च्यूनर में बैठे राजू झा पर ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए नजरआये हैं। भागते समय क्रिमिनलों ने राजू मौत सुनिश्चित करनेके लिए उसके सीने में दो और राउंड फायर किये। पूरे ऑपरेशन को मात्र 30 सेकंड सेभी कम समय में अंजाम दिया गया था।