बाबूलाल की विधायकी पर संकट, दल-बदल मामले में कभी भी आ सकता है विधानसभा अध्यक्ष का फैसला
झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की विधायकी पर खतरा है। वह दल-बदल कानून के दायरे में आ सकते हैं। स्पीकर न्यायाधिकरण ने उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली गई। विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो अपना फैसला कभी भी दिन सुना सकते हैं।
रांची। झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की विधायकी पर खतरा है। वह दल-बदल कानून के दायरे में आ सकते हैं। स्पीकर न्यायाधिकरण ने उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली गई। विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो अपना फैसला कभी भी दिन सुना सकते हैं।
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बाबूलाल मरांडी की ओर से मंगलवार को 133 गवाहों की सूची स्पीकर न्यायाधिकरण को सौंपकर गवाही की मांग रखी गई। बाबूलाल के खिलाफ दर्ज मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण ने सुनवाई पूरी करने की बात कही। अब संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत बाबूलाल मरांडी के खिलाफ पूर्व विधायक राजकुमार यादव, विधायक भूषण तिर्की, दीपिका पांडेय सिंह और प्रदीप यादव व बंधु तिर्की की ओर से दर्ज कराये गये दल-बदल के मामले में स्पीकर का फैसला कभी भी आ सकता है।
कई एमएलए ने बाबूलाल के खिलाफ दिया था आवेदन
झाविमो के चुनाव चिन्ह पर 2019 में निर्वाचित तीनों सदस्यों बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के खिलाफ कुल सात मामले स्पीकर न्यायाधिकरण में दर्ज हैं। बाबूलाल मरांडी के खिलाफ चार और प्रदीप यादव व बंधु तिर्की के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं। सभी मामलों में मंगलवार को सुनवाई हुई। बाबूलाल के मामले में सुनवाई पूरी कर ली गई है। प्रदीप और बंधु तिर्की के मामले में अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी। इसी दिन इश्यू फ्रेम होगा।
एमएलए प्रदीप यादव के वरिष्ठ अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया ने स्पीकर न्यायाधिकरण के समक्ष कहा कि प्रतिवादी के वकील ने प्रारंभिक याचिका में अपना मत दिया है कि राजनीतिक दल की आंतरिक बैठकों में हुए निर्णय पर विधानसभा का कोई क्षेत्राधिकार नहीं होता है। 11 फरवरी 2020 को झाविमो की बैठक को लेकर वे स्पीकर न्यायाधिकरण में गवाहों को पेश करना चाहते हैं। इस दलील को मानते हुए स्पीकर न्यायाधिकरण ने गवाहों की सुनवाई नहीं की।
बाबूलाल मरांडी के मामले में इन मुद्दों पर सुनवाई
बाबूलाल मरांडी की सदस्यता रद हो तो वह किस तिथि से प्रभावी होगा।
एमएलए दीपिका पांडेय सिंह की शिकायत सुनने योग्य है या नहीं।
16 फरवरी 2020 को झाविमो विधानमंडल दल की सदस्य संख्या क्या थी। कौन-कौन सदस्य थे। इसी दिन बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी में शामिल होने की सूचना विधानसभा सचिवालय को दी थी।
बाबूलाल का अकेले बीजेपी में जाने से 10 वीं अनुसूची का लाभ उन्हें प्राप्त होगा या नहीं।-बाबूलाल द्वारा बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को झाविमो से निष्कासित किए जाने संबंधी सूचना के बाद मोर्चा के सदस्यों की संख्या।
संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर बाबूलाल दल-बदल नियम के तहत आए या नहीं।