धनबाद:निरसा गांजा तस्करी की तरह गोविंदपुर में आर्म्स एक्ट की FIR! BCCL स्टाफ प्रवीण लाला को पुलिस भेजी थी जेल
वर्ष 2019 नवंबर माह मे आर्म्स तस्करी के आरोप में प्रवीण के साथ मदन मोहन सिंह भी भेजे गये थे जेल
- वर्ष 2019 नवंबर माह मे आर्म्स तस्करी के आरोप में प्रवीण के साथ मदन मोहन सिंह भी भेजे गये थे जेल
- सो कॉल्ड टेक्नीकल अफसर ने कतरास निवासी प्रवीण को 17 नवंबर को दिन में झिंझीपहाड़ी से उठाया
- प्रवीण के माध्यम से रात को रंगाटांड़ के श्रमिक चौक पर मदन मोहन सिंह को बुलवाया गया
- कोलफिल्ड ट्रेन से धनबाद आये मदन को भी पकड़कर बरवाअड्डा पुलिस स्टेशन ले गयी टीम
- दावा है कि धनबाद थानेदार ने आर्म्स एक्ट का FIR दर्ज करने से किया था इनकार
- इसी मामले गोविंदपुर थानेदार ने गुप्त सूचना बताकर पर 18 नवंबर को दोनों के खिलाफ दर्ज की थी एफआइआर
- FIR में कौआबांध में चेकिंग में दो पिस्टल व चार गोली की बरामदगी दिखायी
- प्रवीण की बाइक को चोरी की बाइक दर्शाया गया
धनबाद।निरसा के बहुचर्चित गांजा तस्करी की फरजी केस की तरह ही वर्ष 2019 की 18 नवंबर को गोविंदपुर पुलिस स्टेशन में भी आर्म्स की FIR दर्ज की गयी है। इंस्पेक्टर सह गोविंदपुर पुलिस स्टेशन ओसी रणधीर कुमार की कंपलेन पर दर्ज मामले में कतरास निवासी बीसीसीएल स्टाफ प्रवीण कुमार लाला के साथ रंगाटांड़ रेलवे कॉलोनी निवासी मदन मोहन सिंह को पकड़े जाने का उल्लेख हैं। दोनों के पास से एक-एक पिस्टल व दो-दो गोली बरामदगी की बात कही गयी है।हालांकि डीएसपी व एसपी के सुपरविजन में भी केस ट्रू है। पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। दोनों अभी बेल पर हैं।
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क्या है एफआइआर
एफआइआर में कहा गया है कि इंस्पेक्टर रणधीर कुमार पुलिस बल के साथ वर्ष 2019 की 18 नवंबर की दोपहर दो बजे सुभाष चौक पर पेट्रोलिंग में थे। गुप्ता सूचना मिली कि तेतुलमारी की ओर से बाइक से दो आर्म्स तस्कर आर्म्स बेचने निरसा की ओर जा रहे हैं। वह कौआबांध पुलिया के पास दोनों ओर से आने-जाने वाले बाइक की चोकिंग करने लगे। ढाई बजे एक बाइक से निरसा की ओर से जा रहे दो व्यक्ति पुलिस को देख भागने लगे। पुलिस बल ने घेरकर दोनों को बाइक समेत पकड़ लिया। वहां काफी भीड़ जुट गयी।दोनों को सद्दाम साह व पप्पू साह नामक स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में नाम-पता पूछकर तलाशी ली गयी।
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प्रवीण व मदन को बताया गया आर्म्स तस्कर
पुलिस का दावा है कि एक ने अपना नाम प्रवीण कुमार लाला कतरास लाला टोला व दूसरा मदन मोहन सिंह रंगाटांड़ रेलवे कॉलोनी धनबाद बताया। तलाशी लेने पर दोनों के पास से एक-एक पिस्टल व दो-दो गोली मिला। पिस्टल व बाइक के कागजात दोनों नहीं दे पाये। चोरी की बाइक, इलिगल आर्म्स व कारतूस रखने के आरोप में 216/.2019 सेक्शन 414 आइपीसी व 251(1B) (a)/26/35 आर्म्स एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज की गयी। धनबाद सिटी एसपी ने प्रेस कांप्रेस कर दोनों आर्म्स तस्कर बताया। गोविंदपुर पुलिस द्वारा गुप्ता सूचना के आधार पर पकड़े जाने की बात कही। दोनों को कोर्ट में पेशी के बाद 19 नवंबर को जेल भेज दिया गया।
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धनबाद थानेदार ने किया इनकार तो गोविंदपुर में दर्ज हुई एफआइआर
जिस ममले में गोविंदपुर ने उक्बत दोनों को जे भेजा पहले उस मामले में धनबाद पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करायी जा रही थी। दावा है कि बिना तहकीकात तत्कालीन धनबाद थानेदार ने इस मामले में एफआइआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। बताया जाता है कि थानेदार से इस बात को लेकर सीनीयर पुलिस अफसर से हॉटटॉक हुई थी। एफआइआर नहीं करने का खामियाजा थानेदार को भुगतना पड़ा और दो माह बाद उनकी कुर्सी छिन गयी।
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झिंझीपहाड़ी से पकड़ प्रवीण को धनबाद लाया गया
सोर्सेज का कहना है कि 17 नवंबर को प्रवीण को शाम पांच बजे जिला पुलिस का सो कॉल्ड टेक्लीनकल अफसर की कथित टीम ने पकड़ा था। प्रवीण बाइक से एक व्यक्ति के साथ जा रहे थे। प्रवीण को एक वैगन आर में बैठा लिया गया। कुछ दूर लाकर फिर बलेरो में बैठाया गया। प्रवीण को कहा गया कि बाइक की डिक्की में दो पिस्टल व चार गोली है। प्रवीण को बरवाअड्डा थाना ले जाया गया। मारपीट कर मदन सिंह को फोन करवा कर बुलाया गया। कहवाया गया कि मदन सिंह के साथ आर्म्स तस्करी करते हैं। प्रवीण का आरोप है कि पुलिस ने उससे मोबाइल व 10 हजार रुपये भी छिन लिला।प्रवीण की कोई क्राइम हिस्ट्री भी नहीं है। मदन सिंह कंट्रेक्टरी करते हैं। हलांकि वह वर्ष 1995 में एक बार आर्म्स एक्ट में भी जेल जा चुके हैं। दोनों खुद को मामले में बेकसूर बता रहे हैं। साजिशन पुलिसपर फंसाने का आरोप लगे रहे हैं।
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मोबाइल कॉल डिटेल से खुल सकता है राज
धनबाद थानेदार को किसने आर्म्स एक्ट का एफआइआर दर्ज करने को कहा था?
अगर प्रवीण लाला कतरास से पकड़ाया तो उसे धनबाद क्यों लाया गया?
एफआइआर दर्ज होने दिन व पहले प्रवीण व मदन का मोबाइल लोकेशन कहां था।
दोनों को बरवाअड्डा पुलिस स्टेशन में क्यों ले जाया गया?
गोविंदपुर पुलिस कौआबांध में दोनों को पकड़ी तो मौके पर बने स्वतंत्र गवाह सद्दाम पप्पू कौन है?
सद्दाम व पप्पू गोविंदपुर पुलिस स्टेशन का प्राइवेट ड्राइवर है।
सद्दाम व पप्पू इस तरह के और कई एफआइआर में भी गवाह हैं।
गोविंदपुर थानेदार को किसने फोन कर दी थी आर्म्स तस्कर के आने की सूचना?
दोनों कहां से आर्म्स लाये व किसे देने जा रहे थे यह पुलिस क्यों नहीं पता लगायी?
17नवंबर व 18 नवंबर को सो कॉल्ड टेक्नीकल अफसर का मोबाइल लोकेशन कहां था?