बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस में विरोध के सुर, उठने लगी आत्ममंथन की आवाज
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदशन फीका रहने से महागठबंधन को बहुमत नहीं मिला है। 70 सीटों में कांग्रेस मात्र 19 सीट पर जीत हासिल कर सकी है। पिछले बार इससे कम सीटों पर लड़कर कांग्रेस 27 सीटों हासिल की थी। कांग्रेस के लचर चुनावी प्रदर्शन को लेकर पार्टी में आत्ममंथन की आवाज उठने लगी है
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- पार्टी के दिग्गज नेता भी मान रहे हैं कि कांग्रेस के कमजोर स्ट्राइक रेट ने महागठबंधन को सरकार बनाने से वंचित कर दिया
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदशन फीका रहने से महागठबंधन को बहुमत नहीं मिला है। 70 सीटों में कांग्रेस मात्र 19 सीट पर जीत हासिल कर सकी है। पिछले बार इससे कम सीटों पर लड़कर कांग्रेस 27 सीटों हासिल की थी। कांग्रेस के लचर चुनावी प्रदर्शन को लेकर पार्टी में आत्ममंथन की आवाज उठने लगी है
बिहार के नेताओं के साथ ही पार्टी के सीनीयर लीडर भी बेहिचक यह स्वीकार कर रहे हैं कि कांग्रेस के कमजोर स्ट्राइक रेट ने विपक्षी गठबंधन को सत्ता से दूर कर दिया। एआइसीसी पार्टी महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि हमें सच को स्वीकार करना होगा कि कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की सरकार से बिहार वंचित रह गया।कांग्रेस को इस पर आत्ममंथन करना चाहिए कि कहां उससे चूक हुई। तारिक अनवर ने हार से पार्टी के सामने आई चुनौतियों पर बेबाक कहा कि राजद और वामदलों की तरह कांग्रेस का प्रदर्शन होता तो बिहार में महागठबंधन की सरकार होती। बिहार की जनता ने सरकार को बदलने का मन बना लिया था, इसके बावजूद यह नहीं हो पाया तो कांग्रेस को गहराई से इसकी पड़ताल करनी होगी। तारिक ने यह भी कहा कि एआइएमआइएम का बिहार की राजनीति में दस्तक देना सूबे के लिए शुभ संकेत नहीं है।
जेडीयू पर पर भी कसा तंज
कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट कर कहा कि भले ही बीजेपी गठबंधन येन-केन प्रकारेण चुनाव जीत गया, परन्तु सही में देखा जाए तो बिहार चुनाव हार गया। क्योंकि बिहार इस बार परिवर्तन चाहता था। 15 वर्षों की निकम्मी सरकार से छुटकारा, बदहाली से निजात चाहता था। उन्होंने जदयू पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा की मेहरबानी रही तो नीतीश कुमार इस बार अंतिम रूप से मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। 'बकरे की मां कब तक खैर मनायेगी।
बिहार के नतीजों पर कांग्रेस कार्यसमिति चिंतन करेगी
एक्स होम मिनिस्टर पी. चिदंबरम ने कहा कि बिहार के नतीजों पर कांग्रेस कार्यसमिति चिंतन करेगी।कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन पर पार्टी के अंदर से उठ रही आत्ममंथन की आवाजों से जुड़े सवाल पर पी. चिदंबरम ने कहा, हम इस बात से सहमत हैं कि बिहार में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक है। कांग्रेस कार्यसमिति इस पर जरूर विश्लेषण कर उचित निर्णय लेगी। हालांकि जहां तक महागठबंधन द्वारा चुनाव में उठाए गए मुद्दों का सवाल है तो वे खत्म नहीं हुए हैं। चिदंबरम ने कहा कि केंद्र में 2014 से मोदी सरकार और 2005 से बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है, फिर भी यह सूबा देश के सबसे गरीब राज्यों में शामिल है।उन्होंने कहा कि महागठबंधन और राजग के बीच चुनावी फासला बहुत ज्यादा नहीं था, केवल 0.3 परसेंट वोटों के फर्क ने 10 सीटों का अंतर पैदा कर दिया। जयराम रमेश ने आत्ममंथन के उठ रहे सुरों पर कहा कि बिहार का जनादेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पक्ष में तो नहीं है। वोटिंग परसेंट में जमीन आसमान का फर्क नहीं है, लेकिन यह सही है कि कांग्रेस और बेहतर कर सकती थी। कमजोर प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति में विश्लेषण होगा।
तारिक अनवर के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यकक्ष अखिलेश सिंह ने कहा है कि बिहार विधान सभा चुनाव में हार के लिए हम सब जिम्मेोदार हैं।
स्टेट प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल व प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ विरोध के सुर
टिकट वितरण के समय से ही सीनीयर लीडर व पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगता रहा है। अनिल शर्मा, चंदन बागची, श्याम संुदर सिंह धीरज समेने अन्य नेताओं ने टिकट वितरण में गड़ूबड़ी का आरोप लगाया था। आरोप है कि पार्टी के समर्पित लोगों को अनदेखी कर दूसरे दलों से रातोंरात आये लीडरों को टिकट दिया गया। कई लोगों को कार्यक्षेत्र बदलकर टिकट देकर उपकृत किया गया। चुनाव परिणाम के बाद ऋषि मिश्रा ने प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के खिलाफ मोरचा खोल दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें टिकट से वंचित किया गया। प्रदेश अध्यक्ष मिथिलांचल के हैं लेकिन पार्टी वहां खाता नहीं खोल पायी है। स्टेट में पार्टी की परफारमेंस खराब रहा है। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष को तत्काल हटाया जाना चाहिए। बताया जाता हैतकि प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल की कंपलेन भी अलाकमान तक पहुंचायी गयी है।