धनबाद में कृषि संकट और आत्मनिर्भर भारत पर होगा मंथन, 18 स्टेट के वैज्ञानिकों को होगा जमावड़ा
कोयला राजधानी धनबाद में छह जनवरी व सात जनवरी को देशभर के वैज्ञानिकों का जमावड़ा लगेगा। अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क और भारत ज्ञान विज्ञान समिति के एग्रीकल्चर डेस्क की ओर से आयोजित दो दिनों की बैठक 18 स्टेट के जाने-माने वैज्ञानिक और दूसरी कई बड़ी हस्तियां उपस्थित होंगी।
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में छह जनवरी व सात जनवरी को देशभर के वैज्ञानिकों का जमावड़ा लगेगा। अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क और भारत ज्ञान विज्ञान समिति के एग्रीकल्चर डेस्क की ओर से आयोजित दो दिनों की बैठक 18 स्टेट के जाने-माने वैज्ञानिक और दूसरी कई बड़ी हस्तियां उपस्थित होंगी।
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बैठक का आयोजन हीरापुर दुर्गा मंदिर के पास अग्रसेन भवन में होगा। दो दिनों की इस बैठक में देश में कृषि संकट, उस संकट से निदान, किसान कमीशन और उससे संबंधित विषयों पर चर्चा होगी। वैश्विक चुनौती बने पर्यावरण संकट का कृषि पर पड़ रहे प्रभाव और उसका निदान भी सुझाया जायेगा। आत्मनिर्भर भारत पर भी विज्ञानी अपनी अपनी राय और सुझाव पेश करेंगे।कार्यक्रम में शामिल होने अखिल भारतीय जन विज्ञान ने की महासचिव आशा मिश्रा भी आ रही हैं। अखिल भारतीय विज्ञान की स्थापना भोपाल गैस त्रासदी के बाद की गई थी, जो सरकार के नीतिगत मुद्दों पर हस्तक्षेप करती है। विज्ञान को जनपक्ष बनाने का काम करती है। इसके 12 डेस्क हैं। उनमें से एक डेस्क एग्रीकल्चर डेस्क भी है जिसकी बैठक धनबाद में आयोजित होगी।
झारखंड के विज्ञानियों को जोड़कर कृषि क्षेत्र में करेंगे काम
आयोजन की तैयारियों को लेकर लिंडसे क्लब में बैठक की गई। बैठक की अगुवाई भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राष्ट्रीय महासचिव डॉ छह और सात जनवरी को आयोजित होने वाली बैठक में डॉ दिनेश अब्रॉल, प्रोफेसर पार्थिव बसु, अंशुमान दास, बीजी गोपीनाथ, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ ओमप्रकाश समेत कई जाने माने विज्ञानी शिरकत करेंगे।सिंफर के एक्स डायरेक्टर डॉ अमलेंदु सिन्हा ने बताया कि एग्रीकल्चर डेस्क को झारखंड की कृषि के साथ जोड़कर आने वाले दिनों में यहां के विज्ञानियों के साथ मिलकर कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने के लिए काम करेंगे। कृषि पर पर्यावरण संकट के प्रभाव कम करने के लिए भी सामूहिक पहल होगी।