झारखंड में अपनी विचारधारा थोपना चाहते हैं BJP-RSS: राहुल गांधी
एआइसीसी के एक्स प्रसिडेंट व एमपी राहुल गांधी ने कहा कि BJP-RSS झारखंड में अपनी एक विचारधारा थोपना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि स्कूलों व संस्थाओं में उनकी विचारधारा डाली जाये. लेकिन हम चाहते हैं कि इन संस्थाओं में झारखंड की आवाज हो। हर जात-धर्म, महिलाओं व युवाओं की आवाज हो। राहुल मंगलवार को नियों के तीर्थस्थल मधुबन के सिद्धायतन में आयोजित कांग्रेस के तीन दिवसीय राज्यस्तरीय चिंतन शिविर के अंतिम दिन वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।
- कांग्रेस कार्यकर्ता ही मंत्री बनाते हैं, जो कभी भी हटा सकते हैं
- बीजेपी किसी आदिवासी की जमीन छीनती है व मुसलमान को धमकाती है तो हमे करनी है रक्षा
गिरिडीह। एआइसीसी के एक्स प्रसिडेंट व एमपी राहुल गांधी ने कहा कि BJP-RSS झारखंड में अपनी एक विचारधारा थोपना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि स्कूलों व संस्थाओं में उनकी विचारधारा डाली जाये. लेकिन हम चाहते हैं कि इन संस्थाओं में झारखंड की आवाज हो। हर जात-धर्म, महिलाओं व युवाओं की आवाज हो। राहुल मंगलवार को नियों के तीर्थस्थल मधुबन के सिद्धायतन में आयोजित कांग्रेस के तीन दिवसीय राज्यस्तरीय चिंतन शिविर के अंतिम दिन वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।
हाई स्कूल शिक्षक बनने के लिए झारखंड से मैट्रिक एवं इंटर पास होना अनिवार्य, 10 हजार टीचर होंगे बहाल
.@INCJharkhand द्वारा आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर के अंतिम दिन श्री @RahulGandhi जी ने वर्चुअल माध्यम से कांग्रेसजनों को सम्बोधित किया।
— Congress (@INCIndia) February 22, 2022
शिविर में प्रदेश प्रभारी श्री @avinashpandeinc जी, प्रदेशाध्यक्ष श्री @RajeshThakurINC जी सहित कई कांग्रेसजन उपस्थित रहे। pic.twitter.com/zE60ql1CXZ
राहुल ने कहा कि कांग्रेस सबकी पार्टी है. झारखंड की आत्मा व डीएनए में कांग्रेस है। हमें झारखंड के इतिहास की रक्षा करनी है। कांग्रेस ने यूनियन ऑफ स्टेटस तैयार किया है। संविधान बैठाया है। बीजेपी उस पर आक्रमण कर रही है। बीजेपी झारखंड में अगर किसी आदिवासी की जमीन छीनती है, मुसलमान को धमकाती है तो हमें इसकी रक्षा करनी है। यह देश सभी धर्म, जाति, गरीब, आदिवासी समेत सभी का है। इस अखंडता को बनाये रखना कांग्रेस के डीएनए में है। उन्होंने कहा कि झारखंड में कांग्रेस संगठन में नये युवाओं को जोड़ना है। जो लोग सोचते हैं कि कांग्रेस झारखंड में कमजोर है, यह उनकी गलतफहमी है। झारखंड में कांग्रेस काफी मजबूत है. यहां से हमें दिखाना है कि सरकार सभी के लिए कैसे काम कर सकती है।
मिनिस्टर कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलें
उन्होंने झारखंज गवर्नमेंट में कांग्रेस कोटे के मिनिस्टर्सको कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि मिनिस्टर पार्टी कार्यकर्ता से अलग होकर काम करें, यह उन्हें पसंद नहीं है। झारखंड में हमारी गठबंधन की सरकार है। हमारे मंत्री हैं। मंत्रियों व प्रदेश अंतर्गत जिले के अध्यक्षों की जिम्मेदारी है कि कार्यकताओं को साथ लेकर चलें। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं ने आपको मिनिस्टर की कुर्सी पर बैठाया है तो उतार भी सकते हैं। कार्यकर्ता ही मंत्री बनाते हैं जिन्हें कभी भी कार्यकर्ता हटा सकते हैं।
मॉडल तैयार करने का टास्क
राहुल गांधी ने कहा कि झारखंड में अपार संभावनाएं हैं। यहां से हमें दिखाना है कि सरकार गरीबों, आदिवासियों, कमजोर वर्ग के लोगों व छोटे व्यापारियों के लिए कैसे काम करती है। उन्होंने मिनिस्टर्स व एमएलए को इस मामले में मॉडल तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जो लोग झारखंड में काम कर रहे हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि यहां पर पार्टी को कैसे मजबूत करें। आप पूरी लड़ाई लड़ें और जड़ से पार्टी को मजबूत करें, हम साथ हैं। मुझे जब भी बुलाया जायेगा, मैं झारखंड पहुंचुंगा।
राष्ट्रभाषा के साथ समझौता होने पर बन्ना गुप्ता ने दी इस्तीफे की धमकी
झारखंड के हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने मधुबन में आयोजित कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर के समापन सत्र में अप्रत्यक्ष रुप से सीएम हेमंत सोरेन पर हमला बोला। श्री गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस में सभी को इस बात का दुख-दर्द है कि हम गठबंधन की सरकार चला रहे हैं, फिर भी हमारी स्थिति उस गाने के समान हो गयी है, जैसे हमलोगों ने एक गाना सुना था कि जब मांझी ही नाव डुबोये तो उसे कौन बचाये। जब झारखंड का सीएम ही चाहता है कि हमारी पार्टी (कांग्रेस) समाप्ति की ओर चली जाये, हमारे वोटर उनकी तरफ शिफ्ट हो जायें तो ऐसी सरकार का कोई औचित्य नहीं है। पहले पार्टी बचेगी, तभी हम बचेंगे।
समझौता के बदले दे दूंगा इस्तीफा
श्री गुप्ता ने कहा कि हम मिनिस्टर बनकर घूम रहे हैं। यह किसे खराब लगेगा. ऐसे लोगों को यह नहीं पता कि हम मिनिस्टर कैसे बने। कैसे हमने एक-एक वोट जुटाया है। हम जब जमशेदपुर से एक लाख वोट लेकर आये हैं, तो हमें यह तय करना होगा कि हमारी विचारधारा और हमारा सिद्धांत कभी कमजोर नहीं हो। राष्ट्रभाषा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है। जिस दिन राष्ट्रभाषा व मां भारती के साथ के साथ समझौता करना पड़ेगा, तो मैं उसी दिन इस्तीफा दे दूंगा।