बांग्लादेश: अब फेनी में हिंदुओं के मंदिर, व्यवसायों पर हमला, अल्पसंख्यक ग्रुप देशभर में करेंगे अनशन
बांग्लादेश में कुरान के कथित अपमान के मामले में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बांग्ला अखबार द ट्रिब्यून के मुताबिक, राजधानी ढाका से लगभग 157 किलोमीटर दूर फेनी में बीते शनिवार को हिंदू मंदिरों और दुकानों में कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाया। कई दुकानों और मंदिरों में तोड़-फोड़ की गई।
ढ़ाका। बांग्लादेश में कुरान के कथित अपमान के मामले में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बांग्ला अखबार द ट्रिब्यून के मुताबिक, राजधानी ढाका से लगभग 157 किलोमीटर दूर फेनी में बीते शनिवार को हिंदू मंदिरों और दुकानों में कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाया। कई दुकानों और मंदिरों में तोड़-फोड़ की गई।
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इस हिंसा में फेनी मॉडल पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी निजामुद्दीन सहित कम से कम 40 लोग घायल हो गये। रिपोर्ट में कहा गया है कि शाम 4:30 बजे (लोकल समयानुसार) से आधी रात तक हुई झड़प में हिंदुओं के साथ बर्बरता की गई और लूटपाट की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि शनिवार को कुछ बदमाशों ने सिराजदीखान उपजिला के रासुनिया संघ में दानियापारा महा शोशन काली मंदिर में छह मूर्तियों को तोड़ दिया। दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हिंदू मंदिरों पर हमले और तोड़फोड़ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शनिवार को भी देश भर में जारी रहा। साथ ही बर्बरता के कारण लोगों में जबरदस्त आक्रोश है।
कुरान के कथित अपमान के मामले में कट्टरपंथी लोग पिछले एक सप्ताह में हिंदू समुदाय के लोगों को बना रहे हैं निशाना
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि कट्टरपंथियों की हिंसा के विरोध में बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने 23 अक्टूबर से भूख हड़ताल का ऐलान किया है। पीएम शेख हसीना से मामले में सख्त एक्शन लेनी की बात कही है। चेतावनी दी है कि अगर आरोपियों के खिलाफ जल्दी कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार बांग्लादेश के लगभग हर कोने में हिंदू समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। कुरान के कथित अपमान के मामले में कट्टरपंथी लोग पिछले एक सप्ताह में हिंदू समुदाय के लोगों को निशाना बना रहे हैं। इस हिंसा में अब तक आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कई हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ भी की गई। ये सभी नवरात्रि से शुरू हुआ है। अब बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने इस हिंसा के खिलाफ 23 अक्टूबर से देशभर में भूख हड़ताल का ऐलान किया है।
हमलों के विरोध में 23 अक्टूबर से धरना और भूख हड़ताल की घोषणा
इस बीच बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के महासचिव एडवोकेट राणा दासगुप्ता ने चटगांव प्रेस क्लब में संवाददातों से बातचीत में कहा कि परिषद ने दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हमलों के विरोध में 23 अक्टूबर से धरना और भूख हड़ताल की घोषणा की। विरोध कार्यक्रम ढाका के शाहबाग और चटगांव के अंदरकिला में होंगे। घोषणा करने से पहले, मंच ने शनिवार को चटगांव में छह घंटे की हड़ताल की। बांग्लादेश पूजा उदयपन परिषद ने दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हुई बर्बरता, हिंसा और तबाही में शामिल कट्टरपंथी लोगों के खिलाफ एक्शन की मांग की है। मिलन कांति दत्ता फोरम के अध्यक्ष ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो वे एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।
इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारू चंद्र दास ब्रह्मचारी ने चेतावनी दी कि समुदाय चुप नहीं बैठेगा
वहीं, इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारू चंद्र दास ब्रह्मचारी ने चेतावनी दी कि समुदाय चुप नहीं बैठेगा। इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि कट्टरपंथियों का एक समूह धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए इस तरह की नफरत की शुरुआत कर रहा है। हम सत्ताधारी दल के कुछ कार्यकर्ताओं को भी जानते हैं जो इस तरह के जघन्य अपराध में शामिल हैं। मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करना चाहता हूं कि वे कमजोर न हों और उनके खिलाफ भी कार्रवाई करें।
अवामी लीग समर्थित ब्लू पैनल शिक्षकों ने पूजा स्थलों और मूर्तियों पर तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की
ढाका विश्वविद्यालय के सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थित ब्लू पैनल शिक्षकों ने रविवार को देश भर में कई दुर्गा पूजा स्थलों और मूर्तियों पर तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की। मिनिस्टर हसन महमूद ने शनिवार को हिंसा के लिए बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बीएनपी-जमात सांप्रदायिक उकसावे में शामिल हैं। बीएनपी-जमात ने प्रधान मंत्री शेख हसीना से राजनीतिक रूप से निपटने में विफल रहने के कारण विभिन्न साजिशों का रास्ता चुना है। मिनिस्टर ने कहा किकोमिला में हुई घटना के पीछे एक राजनीतिक मकसद था जिसने पूरे देश में सांप्रदायिक आक्रोश को उकसाया।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को प्रधान मंत्री शेख हसीना ने हिंसा के दोषियों को कड़ी सजा देने का वादा किया था। पीएम ने कहा था कि हिंदू मंदिरों और दुर्गा पूजा स्थलों पर हमलों में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा। हसीना ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस धर्म के हैं। उन्हें दंडित किया जायेगा। बंगलादेश में कोरोना महामारी के कारण इस साल विजयदशमी का जुलूस नहीं निकाला गया। इस साल दुर्गा पूजा 11 अक्टूबर को शुरू हुई थी। इस साल राजधानी ढाका के 238 सहित देश भर के 32,118 पूजा मंडपों में दुर्गा पूजा मनाई गई।