Bihar Assembly Election: महागठबंधन ने विधानसभा के सभी 243 सीटों के कैंडिडेट का ऐलान किया
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए के महागठबंधन ने अपने सभी 243 कैंडिटेट के नामों का ऐलान कर दिया। पटना में आयोजित ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेस में आरजेडी से जगदानंद सिंह और एमपी मनोज झा, कांग्रेस से डॉ मदन मोहन झा, डॉ अखिलेश सिंह, सीपीआइ से रामबाबू कुंवर, सीपीएम से अरुण कुमार मिश्रा, सीपीएमएल से केडी यादव मौजूद थे।
- कांग्रेस ने सेकेंड व थर्ड फेज के लिए 49 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए के महागठबंधन ने अपने सभी 243 कैंडिटेट के नामों का ऐलान कर दिया। पटना में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में आरजेडी से जगदानंद सिंह और एमपी मनोज झा, कांग्रेस से डॉ मदन मोहन झा, डॉ अखिलेश सिंह, सीपीआइ से रामबाबू कुंवर, सीपीएम से अरुण कुमार मिश्रा, सीपीएमएल से केडी यादव मौजूद थे।
कांग्रेस ने सेकेंड व थर्ड फेज के लिए सभी 49 कैंडिडेट की लिस्ट जारी कर दी है। शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा व शरद यादव की बेटी को भी कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकट दिया है। राज्यसभा एमपी अखिलेश प्रसाद सिंह के बेटे को टिकट नहीं मिला है।
प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस प्रसिडेंट मदन मोहन झा और एमपी अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार की स्थिति क्या है? यह किसी से छिपी हुई नहीं है। बिहार की जनता आज चारो ओर से त्रस्त है और सरकार अपने ही एजेंडे में मस्त है। सीपीआइएमएल के राजा राम ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान बिहार के मजदूरों ने जो परेशानी और जिल्लत झेली है उसे बिहार ही नहीं पूरे देश ने देखा है। केंद्र सरकारी कंपनियों को बेच रही है। जिसका सबसे ज्यादा नुकसान बिहार के लोगों को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने जो किसान विरोधी बिल पास किए हैं उससे भी बिहार को बड़े खतरे हैं।
आरजेडी एमपी मनोज झा ने कहा कि बिहार की जनता महागठबंधन को विकल्प के रूप में देख रही है। महागठबंधन ने सभी जाति, समुदाय के लोगों को भरपूर तवज्जो दी है। उन्होंने कहा कई ऐसी जातियों के प्रतिनिधि भी इस बार चुनाव मैदान में हैं, जिन्हें कभी राजनीति में शिरकत करने का मौका नहीं मिला।
कांग्रेस का अगड़ों व राजद का पिछड़ों पर दांव
आरजेडी- कांग्रेस ने लगभग दो दर्जन महिलाओं को मैदान में उतारा है। कांगेस में लगभग एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार ऐसे हैं जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। दलित और अल्पसंख्यक उम्मीदवारों में दोनों दलों की भागीदारी लगभग बराबर है।
आरजेडी आधार वोट पर ध्यान
आरजेडी ने अपने आधार वोट पर ध्यान देते हुए ‘माई’समीकरण पर विशेष जोर दिया है। आरजेडी ने 58 यादव व 15 अल्पसंख्यकों को टिकट दिया है। पार्टी ने दर्जन भर स्वर्ण, ति पिछड़ों को 24 सीटें दी गई हैं। पिछड़ों में शामिल कुशवाहा समाज को आठ सीटें दी गई हैं। सात वैश्यों के अलावा दलितों में चार पासवान, दो मुसहर, दो आदिवासी, सात रविदास को टिकट देकर पार्टी ने दलित-महादलित को साधने की कोशिश की है।
कांग्रेस ने 70 सीट में 32 सवर्ण कैंडिडेट उतारे
कांग्रेस ने अपने हिस्से की 70 सीटों में सबसे अधिक 32 सीटों से सवर्ण कैंडिडेट दिया है। दस अल्संख्यकों व आठ अति पिछड़ा कैंडिडेट दिया गया है। कांग्रेस ने शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा और शरद यादव की पुत्री सुभाषिनी को मैदान में उतारा है। हाल में पार्टी ज्वायन करने वाली फौजिया राणा को टिकट नहीं दे सकी है। लोकसभा चुनाव में शकील अहमद के साथ पार्टी से निकाली गई भावना झा को कांग्रेस ने फिर से टिकट दे दिया है।
बाल्मीकीनगर संसदीय सीट से प्रवेश को टिकट
कांग्रेस ने बाल्मीकीनगर संसदीय क्षेत्र से प्रवेश कुमार मिश्रा को कैंडिडेट बनाया है। महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है। लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस कैंडिडेट लड़े थे।