बिहार: बाहुबली राजन तिवारी रक्सौल से अरेस्ट, नेपाल भागने की फिराक में थे एक्स MLA
बाहुबली एक्स MLA राजन तिवारी को इंडिया-नेपाल बार्डर के समीप बिहार के रक्सौल से अरेस्ट कर लिया गया है। राजन तिवारी नेपाल भागने की फिराक में थे। बिहार और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने मिलकर उन्हें नेपाल बॉर्डर के पास से पकड़ा है।
पटना। बाहुबली एक्स MLA राजन तिवारी को इंडिया-नेपाल बार्डर के समीप बिहार के रक्सौल से अरेस्ट कर लिया गया है। राजन तिवारी नेपाल भागने की फिराक में थे। बिहार और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने मिलकर उन्हें नेपाल बॉर्डर के पास से पकड़ा है।
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राजन तिवारी मोतिहारी के गोविंदगंज से एमएलए रह चुके हैं। उनके खिलाफ बिहार और यूपी में कई क्रिमिनल मामले दर्ज हैं। पुलिस को राजन तिवारी की लंबे समय से तलाश थी। उनपर 20 हजार रुपये का इनाम भी रखा हुआ था। मोतिहारी पुलिस को सूचना मिली कि राजन तिवारी नेपाल भागने की फिराक में हैं। वे मोतिहारी में छिपे हुए हैं। इसकी सूचना यूपी पुलिस को दी गई। इसके बाद दोनों राज्यों की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उन्हें रक्सौल के हरैया ओपी पुलिस स्टेशन एरिया से गुरुवार को अरेस्ट कर लिया गया।
मोतिहारी के एसपी कुमार आशीष ने राजन तिवारी के पकड़े जाने की पुष्टि की। मोतिहारी पुलिस ने उन्हें उत्तरप्रदेश के गोरखपुर कैंट से पहुंचे पुलिसकर्मियों को सौंप दिया है। वे अपने सहयोगियों के साथ नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित बाबा पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए जा रहे थे। इस दौरान हरैया ओपी प्रभारी विवेक कुमार जायसवाल ने टावर चौक से एक लग्जरी गाड़ी में सवार बाहुबली समेत चार लोगों को अरेस्ट कर लिया।
पुलिस पर किया था कार्बाइन से हमला
राजन का नाम यूपी के टॉप 61 माफिया की लिस्ट में शुमार है। उन्हें गोरखपुर कैंट पुलिस स्टेशन में दर्ज 1996 के मर्डर के दो मामलों में आरोपी बनाया गया था। इस केस में गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला भी सहआरोपी थे।वर्ष 1998 में गोरखपुर में पुलिस पर कार्बाइन से हमला हुआ था जिसमें गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में भी राजन तिवारी आरोपी थे। इस मामले में कोर्ट से 12 जुलाई 2022 को गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। यूपी पुलिस लगातार राजन तिवारी की ट्रैकिंग कर रही थी। यूपी पुलिस को जब यह सूचना मिली की वे काठमांडू नेपाल जा रहे हैं। तो रक्सौल में पुलिस जाल बिछा कर नाटकीय ढंग से धर दबोच गया।
जब बीजेपी की सदस्यता लिये तो हो गया विवाद
राजन तिवारी पर यूपी और बिहार में 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजन तिवारी ने लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता ली थी। इसपर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद वो पार्टी से साइडलाइन कर दिये गये।