बिहार: भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी बने जेडीयू के स्टेट वर्किंग प्रसिडेंट
वन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी को JDU का स्टेट वर्किंग प्रसिडेंट बनाया गया है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह रविवार को इस आशय का एक ई- मेल जारी किया।
- पहली बार जेडीयू में किसी अनुसूचित जाति के लीडर को मिली शीर्ष जिम्मेादारी
पटना।भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी को JDU का स्टेट वर्किंग प्रसिडेंट बनाया गया है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह रविवार को इस आशय का एक ई- मेल जारी किया। ई- मेल के अनुसार जेडीयू के नेशनल प्रसिडेंट नीतीश कुमार की इस फैसले पर सहमति है। बशिष्ठ नारायण सिंह अपनी उम्र की वजह से कोविड-19 प्रोटोकॉल की दायरे में हैं। इस कारण वह घर से लगातार बाहर नहीं निकल सकते। वह इन दिनों अस्वस्थ भी चल रहे हैं। इस कारण अशोक चौधरी को स्टेट वर्किंग प्रसिडेंट बनाया गया है।
यह पहला मौका है, जब जदयू में अनुसूचित जाति के किसी नेता को संगठन में शीर्ष जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव में इस पर खूब चर्चा होनी तय है। श्याम रजक को जब जेडीयू ने डिसमिस किया था, तो उन्होंने कहा था कि हाशिये की आबादी को जदयू में सम्मान नहीं है। तब जदयू नेताओं ने इस वर्ग से आने वाले उन नेताओं अशोक चौधरी के साथ-साथ संतोष निराला, महेश्वर हजारी और रामजी ऋषिदेव का जिक्र किया था, जो नीतीश कुमार की सरकार में मिनिस्टर हैं। अशोक चौधरी के नेतृत्व में इन मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कहा था कि नीतीश कुमार ने अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के लिए जितना किया उतना किसी अन्य सीएम ने नहीं किया। ऋषिदेव ने तो यहां तक कहा कि उनके समाज की आने वाली पीढिय़ां याद रखेंगी कि नीतीश कुमार ने उनके लिए क्या किया। महेश्वर हजारी को श्याम रजक की जिम्मेदारी वाले उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था। आज अशोक चौधरी को प्रदेश में पार्टी का शीर्ष पद सौंप दिया गया।
अशोक चौधरी को जिम्मेदारी से कई सवालों का जवाब
जेडीयू ने अशोक चौधरी को बिहार स्टेट वर्किंग प्रसिडेंट बनाकर कई सवालों के जवाब एक साथ दे दिए हैं। पार्टी को एक ऊर्जावान नेता की जरूरत थी, जो प्रदेश अध्यक्ष के अस्वस्थ होने और उनकी उम्र समेत अन्य परेशानियों की वजह से अटके पड़े काम को आगे बढ़ा सके। संगठन और सरकार दोनों का अनुभव रखने वाले अशोक चौधरी इसके लिए उपयुक्त लीडर हैं। चुनाव के समय जदयू ने श्याम रजक जैसे नेताओं की ओर से उठाये गये उन सवालों का जवाब भी दे दिया है, जो अनुसूचित जाति को पार्टी में महत्व नहीं मिलने से जुड़े थे।
कांग्रेस के स्टेट प्रसिडेंट रह चुके हैं
अशोक चौधरी जेडीयू में आने के पहले कांग्रेस के स्टेट प्रसिडेंट रह चुके हैं। महागठबंधन की सरकार के समय वे शिक्षा मंत्री थे। बाद में कांग्रेस के कई एमएलसी के साथ जदयू में आ गये। आरजेडी का साथ छोड़ जेडीयू ने बीजेपी के साथ मिलकर दोबारा सरकार बनाई।बाद में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को भवन निर्माण मंत्री बनाया।