बिहार: छोटे साढ़ू ने सुपारी किलर से कराई थी बिजनसमैन की योगेंद्र कुमार की मर्डर, तीन शूटर समेत चार अरेस्ट
पटना के जीरोमाइल स्थित जमीन में हिस्सेदारी नहीं मिले से नाराज छोटा साढ़ू कृष्ण मुरारी ने ही सुपारी किलर से कंकड़बाग पुलिस स्टेशन एरिया जोगीपुर निवासी बिजनसमैन योगेन्द्र कुमार की मर्डर कराई थी था। पुलिस तीन शूटर समेत चार लोगों को अरेस्ट कर मर्डर में प्रयुक्त पिस्टल व दोनों बााइक भी बरामद कर ली है।
- मर्डर में प्रयुक्त पिस्टल, दो देसी कट्टा,तीन कारतूस एवं शूटरों की दोनों बाइक भी जब्त
- पटना की जमीन में हिस्सा न मिलने से खफा था साढ़ू
- मोतिहारी से पटना लौट रहे बिजनसमैन योगेंद्र कुमार को मुजफ्फरपुर में भून दिया गया था
मुजफ्फरपुर। राजधानी पटना के कंकड़बाग पुलिस स्टेशन एरिया जोगीपुर निवासी बिजनसमैन योगेन्द्र कुमार मर्डर केस का मुजफ्फरपुर पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पटना के जीरोमाइल स्थित जमीन में हिस्सेदारी नहीं मिले से नाराज छोटा साढ़ू कृष्ण मुरारी ने ही सुपारी किलर से योगेंद्र की मर्डर कराई थी था। पुलिस तीन शूटर समेत चार लोगों को अरेस्ट कर मर्डर में प्रयुक्त पिस्टल व दोनों बााइक भी बरामद कर ली है। सिटी एसपी राजेश कुमार ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी।
एसपी ने बताया कि योगेन्द्र का छोटा साढ़ू कृष्ण मुरारी पटना के जीरोमाइल स्थित जमीन में हिस्सेदारी नहीं मिले से नाराज था। साढ़ू ने 13 दिसंबर की दोपहर को मोतिहारी से पटना लौटने के क्रम में बाइक सवार सुपारी किलर से पानापुर ओपी के रघई पुल के पास गोली मरवा योगेन्द्र की मर्डर करा दी। डीएसपी इस्ट मनोज पांडेय की टीम ने शिवहर के तरियानी के शूटर रतन कुमार, सीतामढ़ी बेलसंड पुलिस स्टेशन एरिया के भोरहा निवासी शूटर शांतनू कुमार सिंह, सिवाईपट्टी के मिथुन कुमार और सिवाईपट्टी चतुरसी के मिन्टू कुमार (व्यवसायी के साढ़ू का भाई) को अरेस्ट किया है। पुलिस ने इनके पास से मर्डर में यूज पिस्टल भी पुलिस ने बरामद की है। इसके अलावा दो देसी कट्टा व तीन कारतूस एवं शूटरों की दोनों बाइक भी जब्त की गई है।
सिटी एसपी ने बताया कि इनके खिलाफ उक्त आरोपियों के खइलाफ पुलिस के पास मैनुअल के अलावा साइंटिफिक एवीडेंस भी उपलब्ध हैं। इस आधार पर इनके खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाने को लेकर पुलिस कोर्ट से अनुरोध करेगी। मर्डर के मुख्य आरोपी बिजनसमैन के छोटे साढ़ू कृष्ण मुरारी के खिलाफ इश्तेहार व कुर्की जब्ती की कार्रवाई के लिए आईओ को निर्देशित किया है। मामले में कृष्ण मुरारी के अलावा दो अन्य नामजद आरोपित फरार हैं।
सीसीटीवी फुटेज व जैकेट से शूटर तक पहुंची पुलिस
डीएसपी मनोज पांडेय ने बताया कि आरोपियों का पीड़ित परिवार से जमीन को लेकर लगभग 15 वर्षों विवाद चल रहा था। आरोपी पक्ष कई बार जानलेवा हमला भी करा चुका था। पिछले दो साल से दोनों के बीच विवाद अधिक गहरा गया था। योजनाबद्ध तरीक से 13 दिसंबर को योगेंद्र कुमार की मर्डर करा दी गई। पुलिस ने मर्डर के बाद रघई पुल की दोनों साइड लगभग पांच-पांच किलोमीटर तक छानबीन की। कई जगह सीसीटीवी कैमरा मिला। लेकिन, रघई पुल के समीप वाले सीसीटीवी में शूटरों का चेहरा साफ दिखा। इसके आधार पर छानबीन शुरू की गई। जैकेट से शूटर सांतनू की पहचान हुई।
पुलिस छानबीन के क्रम में एक संदिग्ध को पुलिस ने उठाया। सख्ती से पूछताछ के दौरान उसे फुटेज भी दिखाया गया। उसने पहचान लिया और पुलिस को बताया कि यह जैकेट तरियानी के सांतनू ने हाल में ही खरीदा है। इसके बाद पुलिस ने साइंटिफिक छानबीन कर सांतनू को शिवहर से दबोती और पूछताछ की। सीसीटीवी फुटेज और उसमें कैद अपनी फोटो देखर उसने मर्डर में शामिल होने की बात स्वीकारी। पुलिस उसकी निशानदेहीपर जैकेट बरामद की। सांतनू के जैकेट पर दो विशेष स्ट्रिप बना था। शांतनू ने दूसरे शूटर रतन के अलावा मिथुन व मिंटू के बारे में भी जानकारी दी।
सांतनू ने तीन व रतन ने दो गोली मारी
डीएसपी ने बताया कि मर्डर के दौरान व्यवसायी को पांच गोली लगी थी। सांतनू ने पिस्टल से तीन और रतन कुमार ने दो गोली व्यवसायी पर चलायी थी। मर्डर के बाद प्लान के तहत शूटरों ने चार दिनों तक अपनी-अपनी मोबाइल बंद रखा था। पुलिस ने शूटरों के पास से व्हाट्सएप चैट भी बरामद किया। रतन कुमार व सांतनू सुपारी लेकर हत्या को अंजाम देते हैं। रतन कुमार और कृष्ण मुरारी के बीच 12 साल से अधिक की पुरानी दोस्ती है। दोस्ती के लिए मर्डर मं साथ दिया। मर्डर के बाद सुपारी की राशि देने की बात थी। लेकिन, केस में कृष्ण मुरारी के नाम आने से सुपारी की राशि नहीं मिल सकी। मर्डर की की पूरी प्लानिंग शिवहर के तरियानी में की गई थी। इसमें कृष्ण मुरारी समेत सात लोग शामिल थे। पुलिस ने इनमें से पुलिस ने चार को अरेस्ट कर लिया है।
छठ घाट पर मारने की थी प्लानिंग
बताया जाता है कि बिजनसमैन छठ में घर आते थे। छठ घाट पर ही उनकी मर्डर की साजिश रची गई थी। लेकिन, उनलोगों को मौका नहीं मिल सका था। इससे उसकी जान बच गयी। इसके बाद मर्डर के दो दिन पूर्व सिवाईपट्टी में हमला कराया था। इसमें भी वह बच निकले थे।