Bihar : संपत्ति की लालच में बुजुर्ग के मर्डर की साजिश, चार दिन से बिना खाना-पानी कमरे में बंद कर भागे बेटा-बहू
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में नरकटियागंज के शिकारपुर पुलिस स्टेशन एरिया के मल्दहिया गांव में इकलौता बेटा संपत्ति के लालच में बुजुर्ग पिता को मारने की साजिश रची थी। पिता मोहन प्रसाद वर्णवाल को जान मारने की नीयत से चार दिनों से कमरे में बंद कर फरार हो गया। आसपास के कुछ लोगों ने जब पिता के कराहने की आवाज सुनी, तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस द्वारा पंचायत प्रतिनिधि व लोगों के समक्ष घर का ताला तोड़कर बुजुर्ग को गंभीर हालत में बाहर निकाला गया।
बेतिया। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में नरकटियागंज के शिकारपुर पुलिस स्टेशन एरिया के मल्दहिया गांव में इकलौता बेटा संपत्ति के लालच में बुजुर्ग पिता को मारने की साजिश रची थी। पिता मोहन प्रसाद वर्णवाल को जान मारने की नीयत से चार दिनों से कमरे में बंद कर फरार हो गया। आसपास के कुछ लोगों ने जब पिता के कराहने की आवाज सुनी, तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस द्वारा पंचायत प्रतिनिधि व लोगों के समक्ष घर का ताला तोड़कर बुजुर्ग को गंभीर हालत में बाहर निकाला गया।
यह भी पढ़ें: Jharkahand: 15 लाख का इनामी नक्सली मिथिलेश सिंह ने पुलिस के सामने किया सरेंडर
पुलिस मामले की जांच कर रही है। बुजुर्ग को दंपत्ति को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। बताया जाता है कि संपत्ति के लालच में राजेश अपने पिता को एक कमरे में चार दिन पहले बंद कर अपनी पत्नी के साथ कहीं चला गया। उन लोगों ने पिता को कुछ खाने-पीने को भी नहीं दिया ताकि कुछ दिनों में उनकी मौत हो जाए। हालांकि, ग्रामीणों को इसकी भनक लग गई। तब मुखिया ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने बंधक बनाए गए बुजुर्ग को मुक्त कराया।
मोहन प्रसाद वर्णवाल 20 वर्ष से बेतिया के छावनी मोहल्ला स्थित अपनी ससुराल में रहकर किराना की दुकान चलाते थे। दो साल पहले उनकी वाइफ ने उन्हें वहां से भगा दिया। इसके बाद से वह मल्दहिया स्थित अपने घर पर बेटे राजेश प्रसाद वर्णवाल उर्फ गुड्डू और बहू के साथ रह रहे थे। मल्दहिया चौक पर उनकी 10 धुर जमीन है। उसी में एक छोटा सा घर है। रोड साइड में उनका बेटा पान की दुकान चलाता है। उस जमीन की कीमत लगभग 40 लाख है, जिसे वह पहले ही अपने इकलौते बेटे के नाम लिख चुके हैं। अब बेटे की नजर बेतिया की चार धुर घराड़ी पर है, जिसकी कीमत करीब 40 लाख है। उस जमीन पर उसकी मां ने कब्जा कर रखा है। उसी जमीन को लेकर बेटे और बहू उन्हें मारने के लिए चार दिन पहले घर के एक कमरे में बंद कर चले गये थे।
बेटे को ग्रामीणों ने गांव से खदेड़ा
बताया जाता है कि राजेश की शादी आठ साल पहले मैरवा में हुई थी। राजेश के दो बच्चे हैं। बुजुर्ग को कमरे में बंद करने के पीछे ग्रामीण बेतिया की जमीन को अपने कब्जे में नहीं ले पाने और पिता की सेवा से छुटकारा पाने की वजह बता रहे हैं। सुबह जब मल्दहिया चौक पर चाय पी रहे एक व्यक्ति को बगल के घर में किसी के कराहने की आवाज सुनाई पड़ी, तो यह बात पूरे चौक पर और गांव में फैल गई। उसके बाद लोगों ने फोन कर बुजुर्ग के बेटे राजेश को यह जानकारी देते हुए ताला तोड़ने की बात कही। लेकिन उस समय भी बुजुर्ग बाप के प्रति राजेश का दिल नहीं पसीजा। इतना ही नही घर में एक लाख रुपये होने की झूठी जानकारी देते हुए उसने खुद घर पहुंचने की बात कही।ऐसे में वह लोगों पर झूठा आरोप न लगा पाएं, इसलिए पुलिस को बुलाकर बुजुर्ग को बंद कमरे से निकलवाया गया। लोगों ने बताया कि पुलिस के पहुंचने से कुछ देर पहले ही राजेश आया था जिसे आक्रोशित ग्रामीणों ने बुजुर्ग पिता की सुरक्षा की व्यवस्था होने तक गांव में न घुसने की हिदायत देकर भगा दिया।
ताला तोड़कर मुक्त कराए गए बुजुर्ग
मुखिया मोहम्मद सनाउल्लाह ने बताया कि पंचायत में इस प्रकार की यह पहली घटना है। एक पुत्र द्वारा जानबूझ कर पिता को घर में बंद कर मरने के लिए छोड़ दिया गया था।थानाध्यक्ष रामाश्रय यादव ने बताया कि बंधक बनाए जाने की सूचना पर एसआई अरविंद कुमार सिंह को पुलिस बल के साथ घर पर भेजा गया। ग्रामीणों के सामने घर का ताला तोड़ कर बुजुर्ग को मुक्त कराया गया है। उनके पुत्र राजेश प्रसाद वर्णवाल उर्फ गुड्डू की तलाश की जा रही है। वहअभी फरार है।