बिहार: रूपेश मर्डर मिस्ट्री के खुलासे से जुड़े सवालों पर फंसे DGP! CBI जांच की मांग को होम सेकरेटरी ने बताया प्री मेच्योर सवाल
बिहार के हाइप्रोफाइल रूपेश सिंह मर्डर केस के खुलासे पर लगातार उठते सवाल, गवर्नमेंट सर्विस व कंट्रेक्ट वर्क पुलिस के करेटक्टर सर्टिफिकेट को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच डीजीपी व होम सेकरटेरी को सामने आना पड़ा।
- रूपेश मर्डर केस के खुलासे पर उठ रहे सवाल मचा सियासी बवाल तो डीजीपी व होम सेकरेटरी को आना पड़ा सामने
- पीड़ित परिजन को पुलिस थ्योरी पर भरोसा नहीं,CBI जांच पर अड़े
पटना। बिहार के हाइप्रोफाइल रूपेश सिंह मर्डर केस के खुलासे पर लगातार उठते सवाल, गवर्नमेंट सर्विस व कंट्रेक्ट वर्क पुलिस के करेटक्टर सर्टिफिकेट को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच डीजीपी व होम सेकरटेरी को सामने आना पड़ा। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी एसके सिंघल ने पुलिस हेडक्वार्टर में शुक्रवार को ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेस मीडिया के सवालों का जवाब दिया।
रूपेश मर्डर केस पर बोले डीजीपी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया की ओर से रुपेश मर्डर केस में ताबड़तोड़ सवालों की बौछार पर डीजीपी ने कहा कि इसमें ज्यादा कुछ कहना नहीं है। पटना एसएसपी डिटेल से इस पर अपनी बात रख चुके है। डीजीपी से पूछा गया की आपने कहा था की एक बात तो तय है मर्डर किसी पेशेवर अपराधी ने किया है, मर्डर का कारण पार्किंग व कंट्रेक्ट विवाद है। और अब खुलासा कुछ और हुआ है। जबाव में डीजीपी ने कहा कि उस वक्त जांच चल ही रही थी। मर्डर के मामले में कई बिंदुओं पर जांच होती है। उस समय जांच के बाद जो बिंदु सामने आये थे, उस समय वह बात कही गई। महज रोडरेज की घटना पर इतने दिनों बाद मर्डर किये जाने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि पुलिस की सर्विस में इस तरह के अप्रत्याशित मामले समय-समय पर आते रहे हैं।
सीबीआई जांच पर होम सेकरेटेरी ने दिया जबाव
रूपेश मर्डर केस से जुड़े सीबीआई जांच को लेकर पूछे गये सवाल पर अपर मुख्य गृह सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि यह सवाल प्री मेच्योर है। परिजनों ने अभी तक सरकार से कोई मांग नहीं की है। हम परिजनों को अपने जांच के बारे में बतायेंगे। पुलिस स्वजनों को संतुष्ट करेगी। क्रिमिनलों को कोर्ट में सजा भी दिलायेगी।
पटना एसएसपी छपरा जाकर रुपेश के परिजनों से मिले
पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने छपरा जा कर रूपेश सिंह की पत्नी और परिजनों से मुलाकात की। बताया जाता है कि रूपेश सिंह की पत्नी की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।
बिहार पुलिस के नये आदेश पर बोले
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि केवल रोड जाम ये धरना प्रदर्शन के कारण किसी को गवर्नमेंट सर्विस और कंट्रेक्ट नहीं मिलेगा, ऐसी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि लेटर को फिर से पढ़ने की जरूरत है। उन्होंने फिर कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, रोड जाम जैसे मामलों में शामिल होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा चार्जशीट किया जाता है तो इस संबंध में पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में साफ रूप से लिया जायेगा। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रखना होगा। उसे गवर्नमेंट सर्विस व गवर्नमेंट कंट्रेक्ट आदि नहीं मिल पायेंगे।
गवर्नमेंट के आदेश को किया स्पष्ट, सिर्फ धरना-प्रदर्शन क्राइम नहीं
होम डिपार्टमेंट के अपर मुख्य सचिव सुबहानी ने कहा है कि लोकतंत्र में व्यक्तिगत स्वतंत्रता की आजादी होती है। इसके तहत शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है। गवर्नमेंट की मंशा कहीं से भी ऐसी नहीं है कि लोकतंत्र में मिले अधिकारों का हनन किया जाए। प्रेस कांफ्रेस में उपस्थित एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र कुमार ने कहा कि वर्ष 2006 और 2020 में का प्रपत्र के अंदर कैरेक्टर सर्टिफाई करने के लिए जिन बातों का उल्लेख किया गया है उसी से जुड़ा यह तीसरा पत्र जारी किया गया है। इसे लेकर लोगों के बीच भ्रम पैदा हुआ। एडीजी ने कहा कि यह कोई नया आदेश नहीं है। करेक्टर सर्टिफिकेट लेटर की अनिवार्यता पहले से रही है। वर्ष 2006 में भी सामान्य प्रशासन विभाग ने इससे जुड़ा आदेश निकाला था। करेक्टर सर्टिफिकेट को लेकर थानास्तर पर मनमानी न हो, इसलिए मॉनीटरिंग की भी व्यवस्था की गई है।
पुलिस या कोर्ट से होती है पुष्टि, तो समस्या
डीजीपी एसके सिंघल ने पूर्व के आदेश को स्पष्ट तरीके से समझाते हुए कहा कि सिर्फ धरना-प्रदर्शन और जाम में शामिल होने पर ही किसी को सर्विस या कंट्रेक्ट से वंचित नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आदेश में इसका स्पष्ट उल्लेख है कि अगर कोई प्रदर्शन या जाम के नाम पर आपराधिक कृत्य करता है और कोर्ट या पुलिस की जांच में इसकी पुष्टि होती है, तभी पुलिस रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया जाना है।