बिहार: एक्स सेंट्रल मिनिस्टर RCP सिंह ने JDU से दिया इस्तीफा, जदयू का बताया डूबता हुआ जहाज
जेडीयू के पूर्व नेशनल प्रसिडेंट व एक्स सेंट्रल मिनिस्टर आरसीपी सिंह ने शनिवार को देर शाम पार्टी से नाता तोड़ लिया। आरसीपी ने कहा कि उन्होंने अपना त्यागपत्र जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है।
- संपत्ति को लेकर पार्टी ने मांगा था जवाब
पटना। जेडीयू के पूर्व नेशनल प्रसिडेंट व एक्स सेंट्रल मिनिस्टर आरसीपी सिंह ने शनिवार को देर शाम पार्टी से नाता तोड़ लिया। आरसीपी ने कहा कि उन्होंने अपना त्यागपत्र जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है।
एक लाइन का इस्तीफा, बना सकते हैं नई पार्टी
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जेडीयू डूबता हुआ जहाज है।खुद के हस्ताक्षर से ही आरसीपी सिंह ने एक पंक्ति का इस्तीफा जदयू प्रदेश अध्यक्ष को भेजा। उसमें उन्होंने यह लिखा कि मैं जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। उन्होंने शनिवार की देर शाम नालंदा जिले के मुस्तफापुर स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर इस्तीफे का ऐलान किया। उन्होंने नई पार्टी बनाने का भी संकेत दिया है। गुस्से में उन्होंने जेडीयू को डूबता जहाज कह डाला।कहा कि जितनी जल्दी हो सके इससे उतर जाएं। जद (यू) में अब क्या बचा है? जद (यू) डूबता जहाज है। जद (यू) का झोला लेकर मैं क्या करूंगा? इसके साथ ही आरसीपी सिंह ने नई पार्टी बनाने का भी संकेत दिया है।
भ्रष्टाचार का आरोप गलत
आरसीपी ने कहा कि मेरे ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है। मेरे या मेरी बेटी के नाम पर जो भी जमीन हैं, उसके सारे दस्तावेज हैं। गांव में जमीन सस्ती हैउन्होंने खरीदी। इनकम टैक्स के रिटर्न फाइल में सबका जिक्र किया गया है। आज जो लोग पटना में परिक्रमा कर रहे हैं, कल तक पार्टी का विरोध करते थे। खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताते थे। झोला ढोने वालों की पार्टी बनकर रह गई है जदयू। जदयू में कार्यकर्ताओं की कोई इज्जत नहीं है। सभी को मैं कांटा लगने लगा। अगर कांटा होता तो चुभता। ऐसा नहीं है कि एमपी बनने से पहले मैं काम नहीं करता था। आइएएस था मैं।
जमीन मेरी पुश्तैनी
आरसीपी ने कहा कि लोग कहते हैं कि मैंने भ्रष्टाचार किया है। पता लगाइए न। मेरी पुश्तैनी जमीन है। बेटी ने जो भी खरीदा सब अपनी कमाई से खरीदा। यूपी में जाकर पता लगाइए, सेवा काल में किसी की एक कप चाय भी पी क्या, मंत्री बने तो किसी से सेवा ली क्या। साजिश करके मेरी छवि को धूमिल करना चाहते हैं। मैं घबराने वाला नहीं।आरसीपी सिंह ने कहा' मेरे खिलाफ ये सभी आरोप कुछ लोगों द्वारा एक साजिश के तहत लगाये गये हैं।जो मेरी बढ़ती लोकप्रियता से डरते थे।' उन्होंने आगे कहा- 'मैं तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।
नौ साल में नालंदा के दो ब्लॉक में 800 कट्ठा जमीन खरीदे
आरसीपी सिंह पर वर्ष 2013 से 2022 के बीच अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है। नौ सालों में दो बेटी व वाइफ के नाम पर 58 प्लॉट की रजिस्ट्री हुई है। इस तरह कुल 800 कट्ठा जमीन की खरीद हुई है। खरीददारों में आरसीपी सिंह की आईपीएस बेटी लिपि सिंह का भी नाम है। नालंदा जिले के दो प्रखंड अस्थावां और इस्लामपुर में ही 40 बीघा जमीन खरीदी है। माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह ने बिहार के दूसरे जिलों में भी संपत्ति है। आरसीपी सिंह की ज्यादातर जमीन पत्नी गिरजा सिंह और दोनों बेटियां लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर है। आरोप है कि साल 2016 के हलफनामे में आरसीपी सिंह ने इन संपत्तियों का ब्यौरा नहीं दिया जबकि इनकी रजिस्ट्री 2013 से 2016 के बीच हुई है। नोटिस के मुताबिक अस्थावां के शेरपुर मालती मौजा में आरसीपी सिंह के परिवार के नाम पर 33 प्लॉट की रजिस्ट्री हुई है। इन 33 प्लॉटों में से चार प्लॉट लिपि सिंह के नाम पर और 18 प्लॉट लता सिंह के नाम पर खरीदे गये हैं।अन्य 12 प्लॉट की रजिस्ट्री उनकी पत्नी गिरिजा देवी के नाम पर है।
पार्टी ने मांगा था स्पष्टीकरण
एक समय पर सीएम नीतीश कुमार के करीबी कहे जाने वाले आरसीपी सिंह के खिलाफ जेडीयू के ब्लॉक लेवल के लीडर द्वारा कई जगहों पर संपत्तियों और भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद से ही बिहार में राजीनीतिक हलचल मची हुई थी। नालंदा जिले के जदयू के दो लोगों ने इस्लामपुर व अस्थावां मौजा के 52 प्लाट का जिक्र करते हुए जदयू प्रदेश अध्यक्ष को यह शिकायत की थी कि 2013 से अब तक उन्होंने 40 बीघा जमीन खरीदी है। जेडीयू लीडरशीप ने इस बारे में आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगे जाने को ले एक प्रारूप तैयार किया। इसे 26 जुलाई को उसे राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास अनुमोदन के लिए भेजा। स्पष्टीकरण के प्रारूप को राष्ट्रीय अध्यक्ष से 30 जुलाई को अनुमति मिल गई। इसके बाद चार अगस्त को स्पीड पोस्ट से आरसीपी सिंह को जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्टीकरण मांग लिया।
RCP की संपत्ति जांच के लिए EOU में कंपलेन
आरसीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई में उनकी संपत्ति की जांच कराने की शिकायत पहुंची है। आरसीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की एफआइआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की गयी है। अवैध संपत्ति को जब्त करने की भी मांग की गयी है। औरंगाबाद के दाउदनगर के रजनीश कुमार ने आरसीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई में यह शिकायत की है। उन्होंने शिकायत पत्र में कहा है कि यह मामला प्रथम दृष्टया एक लोक सेवक के द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का है। आर्थिक अपराध से संबंधित है।आरसीपी सिंह ने चुनावी शपथ पत्र में इन संपत्तियों का विवरण छुपाया है इसलिए इस मामले की जांच कर सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। आय से अधिक अवैध संपत्तियों को कानूनी तरीके से जब्त करने की कार्रवाई की जाये।आरसीपी सिंह पर 2013 से 2022 के बीच नौ सालों में 800 कट्ठा जमीन खरीदने का आरोप है। आरोप है कि इनमें से कई जमीन उनकी आईपीएस बेटी लिपि सिंह के भी नाम है।
जेडीयू ने नोटिस भेजा, पूछे पांच सवाल
JDU के पूर्व अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार के राइट हैंड मैन माने जाने वाले आरसीपी सिंह पर 9 साल में 800 कट्ठा जमीन खरीदने का आरोप है। कई जमीन आरसीपी सिंह की IPS बेटी लिपि सिंह के नाम होने का भी आरोप है।
क्या नालंदा के दो प्रखंडों में आपने 2013 से अबतक 40 बीघा जमीन खरीदी है?
क्या आपने वाजिब आमदनी के जरिए ये संपत्ति खरीदी हैं? क्योंकि पार्टी आपकी इस खरीद को अनियमित्ताओं के दायरे में मानती है।
ज्यादातर जमीन आपकी पत्नी और दोनों बेटियों के नाम पर है। आपने 2016 के हलफनामें में इसका जिक्र क्यों नहीं किया?
इनमें कुछ ऐसी संपत्ति भी है जो किसी ने किसी को दान दी थी और दान देने वाले ने बाद में वो जमीन आपको बेच दी।
किसी एक ने दूसरे से जमीन खरीदी और फिर कुछ दिनों बाद वही जमीन आपकी बेटियों को क्यों बेच दी?