बिहार: सिवान में जहरीली शराब पीने से पांच की मौत, छह लोगों की आंखों की रोशनी गई, कई हॉस्पिटल में एडमिट

बिहार में शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब कहर मचा रहा है। सीवान जिले में लकरी नवीनगंज ओपी एरिया के बाला और भोपतपुर गांव में पिछले 24 घंटों में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई है। सात लोगों का अभी इलाज चल रहा है। अभी तक मृतकों में जनक बीन, धुरेन्द्र माझी, राजेश प्रसाद, पड़ौली निवासी लछन देव राम शामिल है। 

बिहार: सिवान में जहरीली शराब पीने से पांच की मौत, छह लोगों की आंखों की रोशनी गई, कई हॉस्पिटल में एडमिट
  • सैनिटाइजर के लिए स्प्रिट मंगाकर बनाई शराब

सिवान। बिहार में शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब कहर मचा रहा है। सीवान जिले में लकरी नवीनगंज ओपी एरिया के बाला और भोपतपुर गांव में पिछले 24 घंटों में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई है। सात लोगों का अभी इलाज चल रहा है। अभी तक मृतकों में जनक बीन, धुरेन्द्र माझी, राजेश प्रसाद, पड़ौली निवासी लछन देव राम शामिल है। 

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वहीं इस मामले में डीएम अमित कुमार पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बाला गांव में कुछ लोगों के अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण सूचना प्राप्त हुई। सभी को सदर अस्पताल लाया जा रहा था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत रास्ते में हो गई, जबकि पटना जाने के क्रम में दो लोगों की मौत हो गई। सभी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत की बात कही जा रही है। पोस्टमार्टम कराया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही कारण स्पष्ट हो पायेगा।पुलिस के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि सैनिटाइजर बनाने के लिए कोलकाता से स्प्रिट मंगाई गई थी, उसी से शराब बनी थी। कोलकाता से स्प्रिट 18 जनवरी को मुजफ्फरपुर के ट्रांसपोर्टर के माध्यम से लाई गई थी। अब तक कुल चार लोगों की मौत हुई है। सात का इलाज चल रहा है। सारण के DIG मौके पर पहुंच जांच किया है।

बताया जाता है कि बाला और भोपतपुर गांव से रविवार शाम को अचानक एक-एक करके पेसेंट सदर अस्पताल आने लगे। देर शाम अस्पताल पहुंचते वक्त एक व्यक्ति की मौत हो गई। रात में दो और लोगों ने दम तोड़ दिया। सोमवार सुबह से अब तक पांच लोगों की जान चली गई। 
शराब पीकर आये, आंखों की रोशनी गई और मौत
सदर अस्पताल पहुंचे पीड़ितों के परिजनों  ने बताया कि सभी ने रविवार की शाम स्प्रिट का सेवन किया था। सोहेला देवी ने बताया कि हसबैंड धुरेधर मांझी रविवार की रात शराब पीकर घर लौटे थे। इसी दौरान उनकी तबीयत खराब होने लगी। आंखें लाल होने लगीं। उनको दिखाई नहीं दे रहा था। इसके बाद उन्हें लकड़ी नबीगंज अस्पताल ले गये। वहां से उन्हें सीवान अस्पताल भेज दिया गया। देर रात करीब 12 बजे पटना ले जाने के दौरान अमनौर में उनकी मौत हो गई है। धुरेधर के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं।
जहरीली शराब से मरने वाले
सुरेंद्र रावत (30)
नरेश रावत (42)
घुरेधर मांझी (37)
जनकदेव रावत (30)
राजेश रावत (25)
जितेंद्र मांझी (18)
राजू मांझी (35)
घटना की सूचना मिलते ही महाराजगंज एसडीपीओ संजय कुमार और पुलिस पदाधिकारी पोलस्त कुमार सहित आसपास के थाना के पदाधिकारी बाला गांव पहुंच कर मामले की जांच की।, सदर अस्पताल प्रशासनिक छावनी में तब्दील हो गया। बाला गांव में घटना के बाद पुलिस कैंप कर रही है। माईकिंग के जरिए लोगों को शरीब पीने के कारण अस्वस्थ हुए लोगों की जानकारी देने की अपील के साथ उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराने का भी आग्रह किया जा रहा है।
छपरा में 70 से ज्यादा लोगों की हुई थीं मौत, सरकार ने 42 मानीं
छपरा जिले के मशरख और इसुआपुर इलाके में 41 दिन पहले 14 से 18 दिसंबर के बीच जहरीली शराब पीने से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। मौतों की वजह देरी से अस्पताल पहुंचना भी था। हालांकि सरकार ने सिर्फ 42 मौतें ही जहरीली शराब से मानी थी।NHRC ने मामले का संज्ञान लिया है और जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच कर रहा है। इसी दौरान सीवान जिले में भी चार लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई थीं। ये मौतें भगवानपुर हाट पुलिस स्टेशन एरिया के ब्रह्मस्थान गांव में हुई थीं।