बिहार: 24 सीटों पर एमएलसी चुनाव के लिए जेडीयू ने बीजेपी के सामने रख दी 12-12 सीटों की शर्त !

विधान परिषद की खाली पड़ी (स्थानीय निकाय प्राधिकार) 24 सीटों पर चुनाव को लेकगर एनडीए के दो घटक दलों, BJP और JDU में सीटों के बंटवारा पर अनौपचारिक बातचीत हुई है। सोर्सेज ने बताया कि जेडीयू ने 12 यानी आधी सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। 

बिहार: 24 सीटों पर एमएलसी चुनाव के लिए जेडीयू ने बीजेपी के सामने रख दी 12-12 सीटों की शर्त !

पटना। विधान परिषद की खाली पड़ी (स्थानीय निकाय प्राधिकार) 24 सीटों पर चुनाव को लेकगर एनडीए के दो घटक दलों, BJP और JDU में सीटों के बंटवारा पर अनौपचारिक बातचीत हुई है। सोर्सेज ने बताया कि जेडीयू ने 12 यानी आधी सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है।

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गठबंधन में लड़ी थी बीजेपी, रालोसपा और एलजेपी
दोनों दलों के बीत एमएलसी चुनाव को लेकर बातचीत पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में हुई। इसमें जेडीयू की ओर से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी और बीजेपी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद शामिल हुए। जेडीयू की ओर से विजय चौधरी ही सहयोगी दलों से बातचीत के लिए अधिकृत हैं। इन 24 सीटों के लिए लिए पिछला चुनाव 2015 में हुआ था। उस समय बीजेपी, रालोसपा और एलजेपी गठबंधन में लड़ी थी। बीजेपी की 11 और लोजपा की एक सीट पर जीत हुई थी। बाद में एलजेपी की नूतन सिंह और निर्दलीय अशोक कुमार अग्रवाल बीजेपी में शामिल हो गये।

जेडीयू के दावे का आधार 

जेडीयू का दावा इस आधार पर है कि उसके पांच कैंडिडेट जीते थे। उस चुनाव में जीते आरजेडी के तीन और कांग्रेस के एक एमएलसी जेडीयू में शामिल हुए। यह संख्या नौ हुई। इसके अलावा जेडीयू को तीन ऐसी सीटें भी चाहिए, जहां 2009 के विधान परिषद चुनाव में पार्टी की जीत हुई थी। 

लोकसभा और विधानसभा का फार्मूला
सोर्सेज का कहना है कि बीजेपी व जेडीयू के बीच सीटों के लिए विवाद नहीं होगा। ऐसी ही समस्या 2019 के लोकसभा और 2020 के विधानसभा चुनाव के समय भी आई थी। जेडीयू ने 2009 के लोकसभा और 2015 के विधानसभा चुनाव में जीती अपनी कई सीटों पर दावा किया। बेजीपे इसे देने पर सहमत भी हो गई। दोनों दलों ने एक दूसरे के लिए अपनी जीती हुई सीटें भी छोड़ी। 
HAM और VIP से मुश्किल की आशंका
बताया जाता है कि मुश्किल की आशंका HAM और VIP से है। ये दल भी सीटों की मांग कर रहे हैं। संभव है कि बीजेपी व जेडीयू आपस में सीटें बांट कर इन दलों के लिए अपने-अपने कोटे से कुछ सीटें दे दे। वैसे पशुपति कुमार पारस की अगुआई वाली एलजेपी को एक सीट देने पर सहमति बन चुकी है। पिछले चुनाव में एकीकृत लोजपा के उम्मीदवार सहरसा, हाजीपुर और नालंदा से चुनाव लड़े थे। 
2015 में किसकी कहां से किसती हुई थी जीत 
पटना-निर्दलीय
नालंदा-JDU
गया- JDU
औरंगाबाद-BJP
नवादा- JDU
भोजपुर-RJD
रोहतास-BJP
सारण-BJP
सिवान-BJP
गोपालगंज-BJP
पश्चिमी चंपारण-CONGRESS
पूर्वी चंपारण-BJP
मुजफ्फरपुर- JDU
वैशाली-RJD
सीतामढ़ी-RJD
दरभंगा-BJP
समस्तीपुर-BJP
मुंगेर-RJD
बेगूसराय-BJP
सहरसा-LJP
बांका- JDU
मधुबनी-BJP
पूर्णिया-BJP
कटिहार-निर्दलीय।
अब समीकरण बदला

भोजपुर के राधा चरण साह, मुंगेर के संजय प्रसाद और सीतामढ़ी के दिलीप राय आरजेडी छोड़ कर जेडीयू में शामिल हो गये हैं। पूर्वी चंपारण से कांग्रेस टिकट पर जीते राजेश राम भी जेडीयू में शामिल हो गये। कटिहार के निर्दलीय अशोक अग्रवाल और सहरसा से लोजपा टिकट पर जीती नूतन सिंह बीजेपी में शामिल हो गईं। बदलाव के बाद स्थानीय निकाय के कोटे से बीजेपी 13 और जेडीयू के नौ सदस्य हो गये थे।