बिहार-झारखंड के कुख्यात नक्सली मिथलेश मेहता गया में अरेस्ट, पुलिस में दर्ज हैं कई मामले
बिहार और झारखंड के टाप नक्सलियों में शामिल भाकापा माओवादी सेंट्रल कमेटी के मेंबर मिथलेश मेहता उर्फ भिखारी उर्फ गेहूं को पुलिस ने सोमवार को गया जिले के आमस पुलिस स्टेशन एरिया अरेस्ट कर लिया है। यह जानकारी एसएसपी हरप्रीत कौर ने प्रेस कांफ्रेस में दी।
गया। बिहार और झारखंड के टाप नक्सलियों में शामिल भाकापा माओवादी सेंट्रल कमेटी के मेंबर मिथलेश मेहता उर्फ भिखारी उर्फ गेहूं को पुलिस ने सोमवार को गया जिले के आमस पुलिस स्टेशन एरिया अरेस्ट कर लिया है। यह जानकारी एसएसपी हरप्रीत कौर ने प्रेस कांफ्रेस में दी।
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भाकपा माओवादी के केंद्रीय कोर कमेटी का सदस्य
एसएसपी ने बताया कि नक्सली मिथलेश मेहता भाकपा माओवादी के केंद्रीय कोर कमेटी का सदस्य है। उसके ऊपर गया ,औरंगाबाद और झारखंड के कई जिलों में मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि एसएसपी ने बताया कि 24 साल पहले मिथिलेश भाकपा माओवादी में शामिल हुआ था। वर्तमान में केंद्रीय कोर कमेटी का सदस्य है। एसएसपी ने कहा कि मिथिलेश का पकड़ा जाना पुलिस की बहुत बड़ी उपलब्धि है। वह पिछले ढाई दशक से नक्सलियों के लिए काम कर रहा था। इसकी गिरफ्तारी के बाद नक्सली संगठन टूटी है। इस नक्सली के बारे में झारखंड और बिहार सरकार द्वारा घोषित इनाम की भी जानकारी ली जा रही है।
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औरंगाबाद जिले के कुटुंबा का रहने वाला है मिथिलेश
पुलिस कप्तान ने बताया कि नक्सली मिथिलेश औरंगाबाद जिले के कुटुंबा पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत विष्णुपुर खैरा गांव का रहने वाला है। घर से वह इलाज कराने के लिए निकला था। उन्होंने बताया कि गया जिले के आमस पुलिस स्टेशन एरिया के डेलहो महापुर रोड के समीप घेराबंदी कर संदेह और हुलिया के आधार पर मिथिलेश को कस्टडी में लिया गया। पुलिस पूछताछ के क्रम में उसने अपना नाम मिथिलेश मेहता बताया था। पुलिस की जांच में पता चला कि पकड़ा गया मिथिलेश मेहता अलग-अलग नामों से नक्सली कांड को अंजाम देता था।
1989 में जुड़ा था नक्सली संगठन से
पुलिस पूछताछ में मिथिलेश ने बताया कि 1989 संगठन में शामिल हुए थे और लगातार अब तक माओवादी संगठन के लिए काम कर रहा था। वर्ष 2004 में माओवादी के केंद्रीय कमेटी के सदस्य बना। पहली बार वर्ष 2001 में झारखंड गढवा जिले में रंका थाना में पुलिस माओवादी एनकाउंटर में शामिल हुआ। इस कांड में वर्ष 2007 में झारखंड पुलिस द्वारा अरेस्ट किया गया था जिसके बाद 11 वर्षों तक जेल में रहा।
एसएसपी ने बताया कि अगस्त 2018 में जेल से छूटने के बाद मिथिलेश फिर से पूरी तरह नक्सली गतिविधियों में सक्रिय हो गया। वर्ष 2019 और 2020 गया के चक्र बंदा क्षेत्र में रहकर नक्सली गतिविधियों को संगठित करने का काम कर रहा था। फरवरी 2020 में गया जिले के बांके बाजार पुलिस स्टेशन एरिया के सोनदाहा गांव में सरकारी भवन में विस्फोट की वारदात को अंजाम दिया। अप्रैल 2020 में धनगाई पुलिस स्टेशन एरिया के झाझी गांव में पुलिस पार्टी पर नक्सलियों का हमला में भी वे शामिल था। पकड़े गये नक्सली के खिलाफ गया जिले के धनगाई,रोशनगंज लातेहार के बालूमाथ, गारू, छिपादोहर, मनिका, हजारीबाग के सदर थाना, औरंगाबाद के कुटुंबा और झारखंड के रंका गढ़वा में मामले दर्ज हैं।