बिहार: क्रिमिनलों को दौड़ाओ, नहीं तो वो आपको दौड़ायेंगे: DGP आरएस भट्टी 

बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने सभी पुलिस अफसरों से क्राइम रोकने का सिंपल फार्मूला देते हुए कहा कि क्रिमिनलों को दौड़ाओ तो वह क्राइम कम करेगा। अगर क्रिमिनल बैठा होगा तो कुछ खुराफात सोचेगा ही। अगर आप क्रिमिनलों को नहीं दौड़ायेंगे तो वह आपको दौड़ायेगा।

बिहार: क्रिमिनलों को दौड़ाओ, नहीं तो वो आपको दौड़ायेंगे: DGP आरएस भट्टी 


पटना। बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने सभी पुलिस अफसरों से क्राइम रोकने का सिंपल फार्मूला देते हुए कहा कि क्रिमिनलों को दौड़ाओ तो वह क्राइम कम करेगा। अगर क्रिमिनल बैठा होगा तो कुछ खुराफात सोचेगा ही। अगर आप क्रिमिनलों को नहीं दौड़ायेंगे तो वह आपको दौड़ायेगा।

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नये डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी नेबुधवार को पुलिस हेडक्वार्टर के अफसर व बिहार पुलिस के रेंज आइजी, डीआईजी, एसएसपी व एसपी लेवल के पुलिस अफसरों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि चुन लो, दोनों में से क्या करना है? मैं देखना चाहता हूं कि आप क्रिमिनलों को दौड़ा रहे हो या नहीं। अब मैं यह मानने को तैयार नहीं कि आप क्रिमिनलों को दौड़ा नहीं सकते। हॉट स्पॉट चिह्नित करो। प्रिवेंशन ऑफ क्राइम यही है। इसके लिए क्रिमिनल गैंग की प्रोफाइल रखिए। उनके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
पुलिस हेडक्वार्टर के डीजी एवं एडीजी रैंक के अफसरों के अलावा सभी रेंज के आईजी, डीआईजी, एसपी, डीएसपी और थानेदार भी ऑनलाइन कार्यक्रम से जुड़े थे। डीजीपी का चार्ज संभालने के बाद भट्टी पहली बार औपचारिक रूप से सभी पुलिस अफसरों को एक साथ संबोधित कर रहे थे।

जिस पुलिस स्टेशन में अधिक क्राइम, वहां जाऊंगा
डीजीपी ने कहा कि मैं उन्हीं पुलिस स्टेशन में जाऊंगा, जहां क्राइम अधिक हो रहा है। मैं जिलों में जाने का कार्यक्रम बना रहूं हूं। वहां पुलिस सभा भी करेंगे। पुलिस लाइन भी जायेंगे। थानाध्यक्षों से बात करेंगे। आपकी कठिनाइयां भी समझेंगे। जहां तक अनुसंधान की बात है, तो बहुत विलंब है। आपको समय से अनुसंधान करना है। इसके लिए सिस्टम बनाओ। आदमी की कमी है, साधन की कमी है, तो वह भी सहायता जरूर दी जाएगी।
सिर्फ एफआईआर पर नहीं होगी चार्जशीट, जांच के बाद ही करें निर्णय
डीजीपी ने कहा कि लोग रंजिश के कारण गलत नामों को एफआईआर में जुड़वा देते हैं। IO आसान तरीका अपनाते हुए नेम्ड पर चार्जशीट लगा देते हैं। यानि पहले गलत नाम आये उसी पर कार्रवाई कर दी गयी, यह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस सोशल मीडिया के जरिये अच्छी छवि के साथ पब्लिक तक पहुंचेगी। अगले 10 दिनों में हर जिले और बटालियन इस पर काम करेंगे। केवल अच्छे काम करनेवाले अफसर और सिपाही का काम इस पर दिखाया जायेगा। लॉ एंडएं ऑर्डर को लेकर एडवांस प्लान बनेगा,धरना-प्रदर्शन, जुलूस तक को लेकर पुलिस तैयार रहेगी। पुलिस, आइबी और स्टेट इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के आधार पर एक्शन प्लान बनेगा। भ्रष्टाचार करनेवालों सेकोई समझौता नहीं होगा।
प्रोटोकाल का सभी रखेंगे ध्यान, SSP सीधे हेडक्वार्टर नहीं भेजेंगे पत्र
डीजीपी ने कहा कि सभी को सम्मान और जिम्मेदार के नियम का पालन करना होगा। हैरारकी का उल्लंघन करने वाले दंडित होंगे। उन्होंने कहा कि एसएसपी- एसपी किसी भी तरह की समस्या आदि को लेकर पुलिस हेडक्वार्टर को सीधे रिपोर्ट नहीं करेंगे. रेंज आइजी- डीआइजी के माध्यम से ही पुलिस हेडक्वार्टर को अवगत कराया जायेगा। हालांकि, यदि पुलिस अफसरों को किसी भी तरह व्यक्तिगत शिकायत है तभी वह हेडक्वार्टर आ सकते हैं। सभी पुलिसकर्मियों को समन्वय स्थापित कर काम करनेकी जरूरत है।
छोटी- छोटी बातों पर पुलिसकर्मियों पर नहीं होगी कार्रवाई
थानेदार- दारोगा- सिपाही रैंक के पुलिसकर्मी निर्भय होकर अपनी ड्यूटी करें इसके लिए डीजीपी ने सभी अफसरों को निर्देश दिया है कि छोटी-छोटी गलतियों पर सस्पेंड करना ठीक नहीं है। कार्रवाई से पहले यह भी विचार करें कि जिस पर कार्रवाई कर रहे हैं उस पुलिसकर्मी का परिवार भी है। पुलिसकर्मियों की विधवित यूनीफार्म होनी चाहिए। इशारों- इशारों में उन्होंनेयह तक कह दिया कि पुलिस हेडक्वार्टर मेंतैनात कई सीनीयर अफसर भी वर्दी पहनने में चूक कर रहे हैं।
जांच के बाद ही करें किसी तरह का फैसला
डीजीपी नेसमय से निष्पक्ष अनुसंधान की प्रणाली विकसित करने के निर्देश देते हुए कहा एफआइआर में निर्दोष का नाम न जोड़ा जाये। सभी एसएसपी- आइओ को निर्देश दिया कि कारण और तथ्य के साथ गलत नाम हटाया जाये। किसी को डरनेकी जरूरत नहीं है। जांच में पूरा समय देना होगा। आइओ के खिलाफ शिकायत पर तभी कार्रवाई होगी। लोग रंजिश के कारण गलत नामों को एफआईआर में जुड़वा देते हैं। आईओ आसान तरीका अपनाते हुए नेम्ड पर चार्जशीट लगा देते हैं। यानि पहल गलत नाम आये उसी पर कार्रवाई कर दी गयी। यह नहीं होना चाहिये। होना यह चाहिये कि आइओ लिखें कि एफआइआर में दर्ज अमुक नाम गलत है। सही इन्विस्टीगेशन बड़ी ड्यृटी है।
रेंज आईजी-डीआईजी की बढ़ेगी शक्ति
डीजीपी ने पुलिस हेडक्वार्टर के अफसरों को निर्देश दिया कि सीधे जिला कप्तानों यानी एसपी से कोई बात नहीं करेगा। पुलिस हेडक्वार्टर आईजी-डीआईजी के माध्यम से फिल्ड से बात करेगा। रेंज आईजी-डीआईजी की शक्ति बढ़ाई जायेगी। पुलिस हेडक्वार्टर से संभव नहीं कि सीधे 40 जिलों से बात की जाए। उन्होंने कहा कि मैंने दो-चार एसपी से पूछा तो मालूम चला कि वह दिनभर वीसी ही करते रहते हैं। उसको फ्री छोड़ेंगे तो काम होगा। जिलों से वीसी नहीं होगी, कोई इमरजेंसी हुई तो अनुमति दी जायेगी। आप रेंज आईजी, डीआईजी से बात करें। एसपी को हक है, वह मुझसे सीधे बात कर सकते हैं। रूटीन काम आईजी-डीआईजी के जरिए होगा। कोई विशेष परेशानी या दुविधा हो तो हिचकिचाइए नहीं, सीधे मुझ तक आइए। मैं युवा अफसरों से मिलूंगा। आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं। आप काम करो बस। यही कांफिडेंस आप थाना प्रभारियों को दीजिए।
पुलिस हेडक्वार्टर के अफसरों का चिट्ठी लिखना काम नहीं
डीजीपी ने कहा, पुलिस हेडक्वार्टर सिस्टम के टॉप पर है। इसका एटीट्यूड सुधारने की जरूरत है। मैं फील्ड में काम कर रहे पुलिस अफसरों की कैसे मदद कर सकता हूं, यह सोच होनी चाहिए। मैं जब एसपी था तो मुझे यह कमी नजर आती थी। रिजल्ट आधारित काम होना चाहिए। चिट्ठी लिखना अनुपालन करना नहीं होता। रिजल्ट दिखना चाहिए। चिट्ठी लिखकर यह मत बताना कि मैंने काम कर दिया। वह कोई भी लिख सकता है। जो टास्क दिया गया, वह पूरा हुआ है या नहीं यह जरूरी है।

बिना कारण लाठीचार्ज और गलत व्यवहार बर्दाश्त नहीं
डीजीपी ने कहा कि लॉ एंड ऑडज्ञर्र के लिए संतुलन जरूरी है। पहले से तैयारी रखिए कि कहां धरना प्रदर्शन है, कौन शांति भंग कर सकता है। कैलेंडर बनाओ कि अगले छह माह में कौन से इवेंट आने वाले हैं। आईबी और स्टेट इंटेलिजेंस की रिपोर्ट पढ़ो। फोर्स की समय से तैनाती की जाए। ला एंड ऑर्डर की सफलता का मापदंड यही है कि बिना शांति भंग किए, सबकुछ नियंत्रित रहा। उन्होंने पुलिसकर्मियों को चेताते हुए कहा कि बिना कारण लाठीचार्ज और गलत व्यवहार, बर्दाश्त नहीं होगा। बहुत जरूरत है, तो चलाओ।

डीजीपी ने कहा कि ट्रेनिंग के लिए मास्टर ट्रेनर को खोजिए जो की अच्छे से ट्रेंड कर सके।टर्नआउट पे विशेष ध्यान दे,कोई भी वर्दी का सही रंग चयन करे,जूते सही होना चाहिए। पुलिस बल का मोरल बने रहना चाहिए।बिना गंभीर कारण के किसी भी अफसर या स्टाफ को पनिशमेंट देने से बचना चाहिए।,वेतन होल्ड या सस्पेंशन नही देना है जब तक की कोई गंभीर बात न हो।अपने अधीनस्थ को पनिशमेंट देने वाले अफसर का ये मतलब है की उनमें दम  नही है। उन्होंने कहा कि महिला अफसर को सभी फील्ड में कार्य करने का अवसर दे ,इनके जबरदस्त क्षमता होती है ,इन्हे सीखने का मौका दे ।प्रत्येक जिला में मीडिया सेल बनायें जिसके माध्यम से 24*7  पुलिस के +ve कार्य को मीडिया में भेजे खुद का ऑफिशियल अकाउंट से ,अच्छे कंटेंट राइटर को ढूंढिए और उन्हें इस कार्य पे लगायें।