Bihar: नीतीश कैबिनेट का विस्तार, बीजेपी से 12 व जेडीयू के नौ मिनिस्टर्स ने ली शपथ
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का विस्तार हो गया है। बीजेपी से 12 व जेडीयू के नौ मिनिस्टर्स ने शपथ ली है। अब नीतीश कैबिनेट में सदस्यों की संख्या 30 हो गई है। इसकी अधिकतम सीमा 36 है। यानी कि अभी छहऔर मिनिस्टर बनाये जाने की संभावना बनी हुई है। भविष्य में होने वाले कैबिनेट विस्तार में बीजेपी के कुछ पुराने नेताओं को जगह मिल सकती है।
- कई पुराने मंत्रियों को नहीं मिला मौका
पटना। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का विस्तार हो गया है। बीजेपी से 12 व जेडीयू के नौ मिनिस्टर्स ने शपथ ली है। अब नीतीश कैबिनेट में सदस्यों की संख्या 30 हो गई है। इसकी अधिकतम सीमा 36 है। यानी कि अभी छह और मिनिस्टर बनाये जाने की संभावना बनी हुई है। भविष्य में होने वाले कैबिनेट विस्तार में बीजेपी के कुछ पुराने नेताओं को जगह मिल सकती है।
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बीजेपी कोटे से रेणु देवी (नोनिया) अति पिछड़ा, मंगल पांडेय (ब्राम्हण) सवर्ण, नीतीश मिश्रा (ब्राम्हण) सवर्ण, नीरज कुमार सिंह (राजपूत) सवर्ण, नितीन नवीन (कायस्थ) सवर्ण, दिलीप जायसवाल (वैश्य) पिछड़ा, संतोष सिंह (राजपूत) सवर्ण, जनक राम (चमार) दलित, केदार प्रसाद गुप्ता (वैश्य) पिछड़ा, हरी सहनी (मल्लाह) अति पिछड़ा, कृष्णनंदन पासवान (पासवान) दलितस व सुरेन्द्र मेहता (कुशवाहा) पिछड़ा। जेडीयू कोटे से अशोक चौधरी (पासी) दलित, लेसी सिंह (राजपूत) सवर्ण, महेश्वर हजारी (पासवान) दलित, जयंत राज (कुशवाहा) पिछड़ा, सुनील कुमार (चमार) दलित, जमा खान (पठान) सवर्ण मुस्लिम, शीला मंडल (धानुक) अति पिछड़ा, रत्नेश सदा (मुसहर) दलित, मदन सहनी (मल्लाह) अति पिछड़ा को जगह मिली है।
बीजेपी ने नये चेहरों को दी कैबिनेट में जगह
बीजेपी ने इस बार नये चेहरों को कैबिनेट में जगह दी है। पिछली एनडीए सरकार में मंत्री रहे कई नेताओं को इस बार मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है। इसमें एक्स डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन, जीवेश मिश्रा, आलोक रंजन झा, अमरेंद्र प्रताप सिंह, प्रमोद कुमार, नारायण प्रसाद, रामप्रीत पासवान और रामसूरत कुमार शामिल हैं। इनमें से कुछ नेताओं को लोकसभा चुनाव का टिकट दिए जाने की भी चर्चा है।
नीतीश कैबिनेट में शुक्रवार को बीजेपी से 12 एमएलए एवं एमएलसी ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें आधे नये चेहरे हैं। बीजेपी ने इसके संकेत पहले ही दे दिए थे। दिलीप जायसवाल, केदार गुप्ता, सुरेंद्र मेहता, कृष्णनंदन पासवान, संतोष सिंहऔर हरि सहनी को पहली बार मंत्री बनाया गया है। माना जा रहा है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए नये चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया है।
नीतीश मंत्रिमंडल में पिछड़ों का बोलबाला; OBC कोटे से 12 मंत्री
नीतीश कैबिनेट में जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया है। CM को छोड़कर अब 29 मंत्री हैं। 12 पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग से, सवर्ण समुदाय से नौ, दलित कोटे से सात और अल्पसंख्यक कोटे से एक मंत्री है।
सवर्ण में चार राजपूत मिनिस्टर
सामान्य कोटि से बने नौ मंत्रियों में सबसे अधिक चार राजपूत हैं। इनमें सुमित कुमार सिंह, लेसी सिंह, नीरज कुमार सिंह और संतोष सिंह हैं। दो भूमिहार में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और विजय कुमार चौधरी हैं। दो ब्राह्मण मंत्रियों में मंगल पांडेय और नीतीश मिश्रा जबकि एक मंत्री कायस्थ नितिन नवीन हैं।
चार पिछड़ा और आठ अतिपिछड़ा वर्ग से मंत्री बने
मंत्रिमंडल में पिछड़ा समुदाय से चार मंत्री हैं। इसमें डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के अलावा श्रवण कुमार, बिजेन्द्र प्रसाद यादव व जयंत राज हैं। जबकि अति पिछड़ा कोटे से आठ मंत्रियों में डॉ. प्रेम कुमार, मदन सहनी, रेणु देवी, हरि सहनी, दिलीप कुमार जायसवाल, केदार प्रसाद गुप्ता, सुरेन्द्र मेहता व शीला मंडल हैं। वहीं, हीं सात दलित मंत्रियों में संतोष कुमार सुमन, अशोक चौधरी, महेश्वर हजारी, सुनील कुमार, रत्नेश सदा, कृष्णनंदन पासवान व जनक राम हैं। जदयू नेता जमा खान अल्पसंख्यक कोटे से एकमात्र मंत्री हैं। उन्हें फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
तीन महिलाओं को भी मिली जगह
मंत्रिमंडल में तीन महिलाओं को शामिल किया गया। इनमें जदयू कोटे से दो लेसी सिंह व शीला मंडल हैं। जबकि भाजपा कोटे से एकमात्र महिला रेणु देवी डिप्टी सीएम थीं। इस बार उन्हें केवल मंत्री बनाया गया है। 2020 की एनडीए सरकार में भी ये तीनों महिला चेहरा थीं।
आठ एमएलसी बने मिनिस्टर
नीतीश कैबिनेट में एमएलए के साथ-साथ एमलसी को भी जगह दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद विधान पार्षद हैं। सीएम के अलावा आठ विधान पार्षद मंत्री बने हैं। जिन विधान पार्षदों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है उनमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय, संतोष सिंह, हरि सहनी, दिलीप जायसवाल, संतोष सुमन, अशोक चौधरी व जनक राम हैं। विधान पार्षदों में भाजपा कोटे से छह, जदयू से एक तथा एक मंत्री हम पार्टी से हैं।
बीजेपी के अल्पसंख्यक चेहरे शाहनवाज हुसैन को इस बार नीतीश कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। उनका विधान परिषद का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है। हाल ही में हुए एमएलसी चुनाव में पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट नहीं दिया। चर्चा है कि शाहनवाज हुसैन को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। बीजेपी उन्हें मुस्लिम बाहुल्य सीट किशनगंज या भागलपुर से प्रत्याशी बना सकती है।
कैबिनेट में हुए 30 मिनिस्टर, छह पोस्ट खाली
महागठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को बीजेपी और जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी हवा मोर्चा के सहयोग से एनडीए की सरकार बना ली थी। सीएम के अलावे आठ एमएलए को मंत्री बनाया गया। इनमें डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, (कोइरी) पिछड़ा व विजय कुमार सिन्हा, (भूमिहार) सवर्ण, मिनिस्टर में प्रेम कुमार, (कहार) ईबीसी, विजय कुमार चौधरी, (भूमिहार), सवर्ण, विजेंद्र यादव, (यादव), पिछड़ा, श्रवण कुमार,( कुर्मी), पिछड़ा, संतोष कुमार सुमन (दलित) व सुमित सिंह (राजपूत) शामिल हैं। भारी सियासी उठापटक के बीच नीतीश कुमार की सरकार ने 12 फरवरी को विश्वास मत हासिल किया। सरकार गठन के 47 दिनों बाद शुक्रवार को नीतीश कैबिनेट का पहला विस्तार हुआ जिसमें जेडीयू और बीजेपी के 21 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।