बिहार: अब बैंड-बाजे के साथ नहीं निकलेगी बारात, शादी समारोह में सिर्फ 100 व अंतिम संस्कार में मात्र 25 लोगों के शामिल होने की इजाजत
बिहार में अब शादियों में सड़कों पर बैंड-बाजा के साथ बारात नहीं निकलेगी। बैंड-बाजा विवाहस्थल पर बजाने की इजाजत होगी। शादियों में सिर्फ 100 लोग (स्टाफ सहित) ही शामिल हो सकेंगे। वहीं श्राद्ध कर्म में केवल 25 लोगों के भाग लेने की इजाजत दी गई है।
पटना। देश के कई स्टेट में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए बिहार गवर्नमेंट अलर्ट हो गई है। कोरोना की दूसरी लहर रोकने के लिएठोस प्रयास किये जा रहे हैं बिहार में अब शादियों में सड़कों पर बैंड-बाजा के साथ बारात नहीं निकलेगी। बैंड-बाजा विवाहस्थल पर बजाने की इजाजत होगी। शादियों में सिर्फ 100 लोग (स्टाफ सहित) ही शामिल हो सकेंगे। वहीं श्राद्ध कर्म में केवल 25 लोगों के भाग लेने की इजाजत दी गई है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए बिहार गवर्नमेंट ने नयी गाइडलाइन जारी की है। गवर्नमेंट ने, शादी अंतिम संस्कार और कार्तिक स्नान को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी है। शादियों में सिर्फ 100 लोग (स्टाफ सहित) ही शामिल हो सकेंगे। वहीं श्राद्ध कर्म में केवल 25 लोगों के भाग लेने की इजाजत दी गई है।बिहार होम डिपार्टमेंट द्वारा जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन के बाहर 26 नवंबर से तीन दिसंबर तक वैवाहिक कार्यक्रम, कार्तिक पूर्णिमा स्नान और श्राद्ध कार्यक्रमों के लिए एसओपी जारी करने का निर्णय लिया गया है। इसके अनुसार शादी में सिर्फ 100 लोग ही शामिल हो पायेंगे। सभी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। इंट्री के समय सेनेजाइजनर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करना होगा। रोड पर बैंड बाजा बजाने और बारात के जुलूस की अनुमति नहीं होगी।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए नागरिक इकाइयों, वार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं गणमान्य व्यक्तियों से कोविड संक्रमण के बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने को कहा गया है। कहा गया है कि भीड़-भाड़ तथा जल संक्रमित होने की स्थिति में संक्रमण फैलने का खतरा है। ऐसे में लोगों को नदी घाटों पर स्नान हेतु नहीं जाने के लिए प्रेरित किया जाए।