बिहार पुलिस एसोसिएशन ने SP दीपक वर्णवाल पर कार्रवाई की मांग की, CMO और स्पेशल ब्रांच के ADG से की गई कंप्लेन
बिहार पुलिस एसोसिएशन ने स्पेशल ब्रांच के SP(A) दीपक वर्णवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन ने सोमवार को विवादित IPS अफसर के खिलाफ CMO और स्पेशल ब्रांच के ADG सुनील कुमार से मिलकर रिटेन कंप्लेन किया है। 1994 बैच के इंस्पेक्टर अजय सिंह के साथ गाली-गलौज और महिला इंस्पेक्टर अंशु कुमारी के साथ अमर्यादित व्यवहार किये जाने की कंपलेन की गयी।
- IPC के तहत आरोपी आइपीएस के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पटना। बिहार पुलिस एसोसिएशन ने स्पेशल ब्रांच के SP(A) दीपक वर्णवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन ने सोमवार को विवादित IPS अफसर के खिलाफ CMO और स्पेशल ब्रांच के ADG सुनील कुमार से मिलकर रिटेन कंप्लेन किया है। 1994 बैच के इंस्पेक्टर अजय सिंह के साथ गाली-गलौज और महिला इंस्पेक्टर अंशु कुमारी के साथ अमर्यादित व्यवहार किये जाने की कंपलेन की गयी।
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पुलिस एसोसिएशन ने कहा कि दीपक वर्णवाल के व्यवहार की वजह से पुलिस डिपार्टमेंट की छवि को नुकसान हुआ है। छवि धुमिल हुई है। ऐसे अफसर के खिलाफ IPC की सेक्शन के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग चलनी चाहिए। पुलिस मैन्यूअल के रूल नंबर 5 और सामान्य प्रशासन विभाग के तरफ जारी आदेश का पालन होना चाहिए। ताकि कोई भी सीनीयर अफसर अपने अधीन काम करने वाले अफसर व जवान के साथ अर्मादित व्यवहार नहीं कर सके।
डेलीगेशन में बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह, महामंत्री कपिलेश्वर पासवान, उपाध्यक्ष वंदना कुमारी, संयुक्त सचिव रविंद्र कुमार सिंह, राजु कुमार दुबे, और केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य शिवचंद्र सिंह व शमशेर सिंह शामिल थे।
पुलिस मैनुअल का रूल नंबर 5
पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना हैं कि इंस्पेक्टर अजय सिंह के साथ ड्यूटी के दौरान अमर्यादित भाषाओं के साथ गंदी गाली SP(A) दीपक वर्णवाल द्वारा दी गई थी। यह बेहद हीअशोभनीय और अमर्यादित थी। असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया गया था। यह कही से भी न्यायोचित नहीं है। पुलिस फोर्स के लिए पुलिस मैन्यूअल रूल 5 में आचरण संहिता निर्धारित है। जिसमें कांस्टेबल से लेकर डीजी स्तर तक सभी पर सामान्य रूप से लागू होती है।आचरण संहित में स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी सीनीयर अफसर हर मौके पर अपने अधीनस्थ कर्मियों के साथ अच्छा व्यवहार करेगा। ताकि उनकी कार्य क्षमता और मनोबल बना रहे। बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा सरकार के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी की तरफ से भी इस मामले पर एक आदेश 10 जून 2015 को जारी किया गया था। इन सब के बाद भी IPS दीपक वर्णवाल का रवैया बेहद चौंकाने वाला है। इनकी प्रताड़ना का ही नतीजा है कि महिला इंस्पेक्टर अंशु कुमार रिटायरमेंट से नौ साल पहले ही पुलिस की नौकरी छोड़ने का फैसला कर चुकी हैं।
महिला इंस्पेक्टर ने रिटायरमेंट से नौ साल पहले ही VRS के लिए दिया आवेदवन
महिला पुलिस इंस्पेक्टर का रिटायरमेंट वर्ष 2030 में होना है, लेकिन उन्होंने SP(A) दीपक वर्णवाल की हरकत से परेशान होकर VRS के लिए आवेदन दे दिया है।महिला इंस्पेक्टर अंशु कुमारी ने कहा कि वो बेइज्जत और जलील होकर पुलिस की नौकरी नहीं कर सकती। इससे पहले इंस्पेक्टर अजय सिंह ने उनके ऊपर अभद्र व्यवहार और गाली-गलौज करने का आरोप लगाया था। अजय और अंशु दोनों ही बिहार पुलिस में 1994 बैच के इंस्पेक्टर हैं।
महिला इंस्पेक्टर अंशु पटना के एक बड़े डॉक्टर की वाइफ हैं। उनकी पोस्टिंग पहले स्पेशल ब्रांच में थी। वर्तमान में बेगूसराय जिला पुलिस में हैं। वर्ष 2012 के एक मामले में उनके ऊपर डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग चल रही है। इसका संचालन प्रभारी SP(A) दीपक वर्णवाल हैं। आरोप है कि वो कार्रवाई के दौरान बहुत परेशान करते हैं। महिला इंस्पेक्टर के साथ भी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करते हैं।इंस्पेक्टर अंशु कुमारी ने कहा कि आत्म सम्मान से समझौता नहीं किया जा सकता है। इसलिए पुलिस की नौकरी छोड़ दी जाए। मेरे साथ हुए व्यवहार से पूरा परिवार दुखी है। मानसिक तौर पर परेशान है। VRS के लिए 26 जुलाई 2021 को ही बेगूसराय के SP को एक लेटर लिखा। जिसकी कॉपी DGP, IG हेडक्वार्टर और बेगूसराय के DIG को भेज दी गई।
दीपक वर्णवाल IPS अफसर हैं। सीनीयर होने के कारण महिला इंस्पेक्टर ने कहा कि वो उनसे लड़ नहीं सकती है, इसलिए वो चुपचाप नौकरी छोड़ रही थीं। जब इंस्पेक्टर अजय सिंह का मामला सामने आया तो उन्हें हिम्मत मिली और अब वो खुलकर सामने आ गईं। सूत्र बताते हैं कि SP(A) दीपक वर्णवाल के खिलाफ अभी एक दर्जन से अधिक पुलिस अफसरों की कंपलेन सामने आ सकती है।
एसपी की गाली से आहत इंस्पेक्टर ने ब्रिटिश काल की याद दिलाकर कहा- आपको शर्म आनी चाहिए,लड़ाई लडूंगा
स्पेशल ब्रांच में तैनात 2010 बैच के आइपीएस दीपक वर्णवाल पर उनके ही अधीनस्थ इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह ने गाली देने का आरोप लगाया है। इस घटना से नाराज इंस्पेक्टर ने एसपी के व्हाट्सएप पर उनकी ही कंपलेन एक पत्र के जरिये की है।अजय कुमार सिंह ने इसे आत्मसम्मान की लड़ाइ बनाते हुए एसपी को खरी-खोटी सुनाई है।
बताया जा रहा है कि किसी आंकड़े को लेकर इंस्पेक्टर एसपी ने ऑफिस गये थे।आरोप है कि आंकड़े से नाराज एसपी ने उन्हें बहन लगाकर गाली दे दी। इंस्पेक्टर ने अपने साथ वहां एक और अफसर के मौजूद होने का उल्लेख किया है।
आहत इंस्पेक्टर ने पत्र में लिखा है कि मेरी 59 वर्ष आयु है। गाली देते समय आपको शर्म आनी चाहिए थी।आप चिल्लाने लगे लेकिन मैंने प्रतिरोध नहीं किया। आपके द्वारा मुझे बहन की गाली देना अब जीवन-मरण का सवाल बन चुका है। इसकी सूचना मैंने घर के सदस्यों को भी दी है। इंस्पेक्टर ने पत्र के जरिये एसपी को ब्रिटिश काल की याद दिलाई और लिखा कि उस काल में भी कोइ ऑफिसर बच्चा और 59 साल के नागरिक को गाली नहीं देता होगा, लेकिन आप डेमोक्रेटिक इंडिया में सारी हदें पर कर गये हैं।आपके इस व्यवहार पर मुझे शर्म है।
एसपी को लिखे पत्र में आहत इंस्पेक्टर ने लिखा है कि जीवन दोबारा नहीं मिलता है। कायर होकर मर जाना क्या होता है।कोई मेरा साथ दे या ना दे लेकिन मैं अब संघर्ष करूंगा।अगर हेडक्वार्टर कार्रवाई नहीं करता है तो मैं एसपी के खिलाफ धरना दूंगा।