Bihar:बृज बिहारी मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला,सूरजभान बरी, मुन्ना शुक्ला फिर जायेंगे जेल
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बाहुबली एक्स मिनिस्टर बृज बिहारी प्रसाद मर्डर केस में एक्स एमपी सूरजभान सिंह, एक्स एमएलए राजन तिवारी समेत छह आरोपियों को बरी करने के हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है लेकिन एक्स एमएलए मुन्ना शुक्ला समेत दो आरोपियों को दोषी ठहराया है।
- एक्स एमपी सूरजभान सिंह, एक्स एमएलए राजन तिवारी समेत छह को बरी
- मुन्ना शुक्ला समेत दो आरोपियों को दोषी पाया, 15 दिन में जेल जाना होगा
पटना। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बाहुबली एक्स मिनिस्टर बृज बिहारी प्रसाद मर्डर केस में एक्स एमपी सूरजभान सिंह, एक्स एमएलए राजन तिवारी समेत छह आरोपियों को बरी करने के हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है लेकिन एक्स एमएलए मुन्ना शुक्ला समेत दो आरोपियों को दोषी ठहराया है। कोर्ट नेमुन्ना शुक्ला को सरेंडर कर जेल जाने के लिए 15 दिन का समय दिया है। आरजेडी लीडर मुन्ना शुक्ला वैशाली से लोकसभा चुनाव लड़े थे।
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सुप्रीम कोर्ट ने बृज बिहारी मर्डर केस में ट्रायल कोर्ट से मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को मिली उम्रकैद की सजा को बहाल कर दिया है। लोअर कोर्ट ने सभी आरोपियों को उमक्रैद की सजा सुनायी थी। इसके खिलाफ अपील पर पटना हाईकोर्ट ने एक्स एमपी सूरजभान सिंह, एक्स एमएलए राजन तिवारी और मुन्ना शुक्ला समेत नौ आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया था। इसके बाद सीबीआई और रमा देवी नेसबकी रिहाई को सुप्रीम कोर्ट मेंचुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी के केस में लोअर कोर्ट के फैसले को सही ठहराया जबकि सूरजभान सिंह, राजन तिवारी समेत छह लोगों के मामले में हाईकोर्ट के फैसले को।
पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में एडमिट बृज बिहारी को 26 साल पहले 13 जून 1998 को गोलियों से भून डाला गया था। सीबीआई कोर्ट ने 2009 में सूरजभान, मुन्ना शुक्ला और राजन तिवारी समेत नौ आरोपियों को दोषी ठहराया था। सभी को उम्र कैद की सजा सुनायी गयी थी। पटना हाईकोर्ट ने सबूतों का अभाव बताकर 2014 में सूरजभान सिंह, मुन्ना शुक्ला, राजन तिवारी समेत नौ आरोपियों को बरी कर दिया था।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बृज बिहारी की पत्नी और एक्स एमपी रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने 22 अगस्त को सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सूरजभान सिंह, राजन तिवारी, ललन सिंह, मुकेश सिंह, मंटुन चौधरी और राम निरंजन चौधरी की रिहाई को सही ठहराया है। केस में शुरुआत में 15 आरोपी थे लेकिन ट्रायल और अपील के दौरान बाकी की मौत हो गयी।
कमांडो सुरक्षा में हो गया था बृज बिहारी का मर्डर
एडमिशन घोटाले में जेल मेंबंद बृज बिहारी प्रसाद इलाज का इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कड़ी सुरक्षा घेरे में इलाज चल रहा था। सरकारी कमांडो और प्राइवेट आर्मी के कवर को तोड़ हमलावरों ने बृज बिहारी समेत उनकी सुरक्षा में तैनात तीन कमांडो और एक बॉडीकार्ड को मार डाला था। इस मर्डर में उत्तर प्रदेश का चर्चित शूटर श्री प्रकाश शुक्ला शामिल था जिसे उस समय सूरजभान सिंह का शूटर माना जाता था। बृज बिहारी की मर्डर के अगले दिन पूर्णिया में सीपीएम एमएलए अजित सरकार की भी मर्डर हो गयी थी। उस मर्डर में भी राजन तिवारी का नाम आया था। राजन के साथ एमपी पप्पू यादव भी आरोपी बनाये गये थे। लोअर कोर्ट से दोनों को सजा हुई थी। हाईकोर्ट ने पप्पू और राजन को वर्ष 2013 में बरी कर दिया जिसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।