Delhi:डॉक्टरों ने जोड़ी युवक की कलाई, मशीन में कट गया था हाथ
देश की राजधानी दिल्ली में आरएमएल हॉस्पिटल के डाक्टरों ने हरियाणा के बहादुरगढ़ के रहने वाले एक 24 वर्षीय युवक की कटी हुई कलाई को दोबारा जोड़ने में सफलता हासिल की।
- RML हॉस्पिटल में नौ घंटे चली सर्जरी
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आरएमएल हॉस्पिटल के डाक्टरों ने हरियाणा के बहादुरगढ़ के रहने वाले एक 24 वर्षीय युवक की कटी हुई कलाई को दोबारा जोड़ने में सफलता हासिल की। एक सप्ताह पहले 25 डाक्टरों, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने मिलकर लगभग नौ घंटे में यह सर्जरी की थी। इसके बाद पेसेंट के हाथ में रक्त आपूर्ति सामान्य हो रही है। उसके स्वास्थ्य में भी सुधार है। डाक्टरों को उम्मीद है कि युवक का हाथ धीरे-धीरे पूरी तरह ठीक से काम करने लगेगा।
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आरएमएल हॉस्पिटल केके बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डा. मुकेश शर्मा ने बताया कि युवक 28 सितंबर की रात फैक्ट्री में काम करने के दौरान रात एक बजे लकड़ी काटने की लेजर मशीन से उसके दायें हाथ की कलाई के नीचे का हिस्सा कट कर अलग हो गया। युवक इलाज के लिए एक लोकल हॉस्पिटल में पहुंचा। वहां से रेफर कर सुबह लगभग साढ़े छह बजे उसे आरएमएल हॉस्पिटल की इमरजेंसी में लाया गया। वहां से पेसेंट को प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट में भेजा गया।
हॉस्पिटल में पेसेंट के इलाज के लिए प्लास्टिक सर्जरी के डाक्टरों की दो टीम बनाई गयी। एक टीम ने हाथ के कट कर अलग हुए हिस्से को ठीक से साफ किया।र डाक्टरों की दूसरी टीम ने पेसेंट के हाथ की साफ सफाई की। इसके बाद डा. मुकेश शर्मा के नेतृत्व में प्लास्टिक सर्जरी के पांच रेजिडेंट डाक्टर, दो आर्थोपेडिक सर्जन व एनेस्थीसिया के डाक्टरों की टीम ने मिलकर सर्जरी शुरू की। पहले आर्थोपेडिक सर्जन ने के-वायर से हाथ व कलाई की हड्डियों को जोड़ा। इसके बाद प्लास्टिक सर्जरी के डाक्टरों ने माइक्रोस्कोप की मदद से टेंडन (स्नायु), धमनियों व अन्य नसों व नर्वस को जोड़ा। पेसेंट को कुल चार यूनिट ब्लड चढ़ाना पड़ा। तीन दिन तक आइसीयू में रहने के बाद मरीज को वार्ड में ट्रांसफर कर दिया गया।
हाथ के कटे हुए हिस्से को ठीक से पैक करना जरूरी
युवक का हाथ कटने के बाद उसे पालिथिन में बर्फ के साथ रखकर लाया गया था। हॉस्पिटल के डाक्टरों का कहना है कि यह शरीर के कटे हुए हिस्से को पैक करने का गलत तरीका है। आरएमएल हॉस्पिटल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डा. समिक भट्टाचार्य ने बताया कि कटे हुए हाथ पहले साफ पानी या स्लाइन से साफ कर किसी गीले कपड़े या काटन में लपेटकर पालिथिन में रखना चाहिए। इसके बाद उसे दूसरी पालिथिन में बर्फ के साथ या आइस बाक्स में रखकर पैक करना चाहिए। कटे हुए हाथ के साथ पेसेंट को छह घंटे में हॉस्पिटल पहुंच जाना चाहिए।