बिहारः पटना में पाटलिपुत्रा पुलिस स्टेशन बगल में बर्थडे में चल रही थी शराब पार्टी,कोलकाता से आईं थी लड़कियां
राजधानी पटना के पाटलिपुत्रा पुलिस स्टेशन एरिया के सिटी मैरेज हॉल देररात बथर्ड पार्टी की आड़ में शराब परोसी जा रही थी। वकोलकाता से बुलाई गईं लड़कियां ठुमके लगा रही थीं।पार्टी में एक वारंटी भी शामिल था। पुलिस ने रेड कर पार्टी कर रहे नशे में धुत छह लोगों अरेस्ट कर लिया।
- सिटी मैरेज हॉल में शराब पार्टी करने वाले पुलिस गिरफ्त में
पटना। राजधानी पटना के पाटलिपुत्र पुलिस स्टेशन एरिया के सिटी मैरेज हॉल देररात बथर्ड पार्टी की आड़ में शराब परोसी जा रही थी। वकोलकाता से बुलाई गईं लड़कियां ठुमके लगा रही थीं।पार्टी में एक वारंटी भी शामिल था। पुलिस ने रेड कर पार्टी कर रहे नशे में धुत छह लोगों अरेस्ट कर लिया।
पकड़े गये लोगों में जक्कनपुर निवासी अमित कुमार, राजीवनगर निवासी अजय कुमार उर्फ बिट्टू और अनिल कुमार उर्फ गोलू, पश्चिम बंगाल दमदम निवासी शुभम चौधरी और अनीसाबाद के निलेश रंजन शामिल हैं। पुलिस ने मेडिकल जांच कराने के बाद FIR दर्ज कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने तलाशी के क्रम में तीनों कमरों से 12 बोतल अंग्रेजी शराब, शराब की खाली आठ बोतलें भी बरामद की हैं। पुलिस को बिट्टू की शराब तस्करी समेत मामले में पुलिस को तलाश थी अनिल कुमार उर्फ गोलू के बर्थडे के नाम पर हॉल बुक किये गये थे।
कोलकाता से लायी गई थीं लड़कियां
बताया जाता है कि पार्टी में दो-तीन लड़कियां डांस कर रही थीं। वो पुलिस को देख कोने में खड़ी हो गईं। पूछताछ में पता चला कि उन्हें बर्थ-डे पार्टी के नाम कोलकाता से बुलाया गया था। हालांकि इस संबंध में पुलिस कुछ भी बोलने से बच रही थी। सोसेर्ज का कहना है कि पुलिस ने सभी लड़कियों को पुलिस ने बांड भरवाकर छोड़ दिया।
शराब तस्कर की खोज में जुटी पुलिस
पाटलीपुत्रा पुलिस स्टेशन ओसी एसके शाही ने बताया कि मैरेज हॉल के मैनेजर सहित सात लोगों के खिलाफ केस एफआअआर दर्ज किया गया है। पांच लोगों को अरेस्ट कर जेल भेजा गया है। जबकि दो अन्य की खोज की जा रही है। रही है। मैरेज हॉल के तीन कमरे सील कर दिये गये हैं। किसी लड़की की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पकड़े गये बिट्टू के खिलाफ फायरिंग का मामला दर्ज होने की बात सामने आई है। पुलिस यह भी पता कर रही है कि इन्हें शराब कहां से मिली? इसके लिए मैरेज हॉल के बाहर लगे सीसी कैमरे के फुटेज खंगाली गयी है। पांचों के मोबाइल को जब्त कर लिया गया है। मैरेज हॉल के मैनेजर और एक अन्य स्टाफ की खोज की जा रही है।
बिहार: सीतामढ़ी एनकाउंटर स्थल से नहीं मिला एक भी खोखा, आइजी ने थानाध्यक्ष से किया सवाल- अंधाधुंध फायरिंग हुई तो खोखा कहां गया?
आईजी ने मेजरगंज के कुंवारी मदन गांव में शराब तस्करों की फायरिंग की जांच की
सीतामढ़ी। मेजरगंज के कुंवारी मदन गांव में शराब तस्करों की गोलीबारी में एशआइ दिनेश राम की शहादत व चौकीदार लालबाबू पासवान के गोली लगने की घटना की तिरहुत जोन के आइजी गणेश कुमार ने जांच की। आइजी गुरुवार को कुंवारी मदन गांव में पहुंचते ही थानाध्यक्ष राजदेव प्रसाद को कड़ी फटकार लगाई।
आईजी थानाध्यक्ष से पूछा कि बदमाशों की फायरिंग में हमारे एक पुलिस अफसर शहीद हो गये। एक चौकीदार को भी कई गोलियां लगीं। बावजूद, घटनास्थल से एक भी खोखा बरामद नहीं हो सका। मौके पर एसपी अनिल कुमार भी मौजूद थे। आइजी ने सभीअफसरों से यह सवाल किया कि इतनी बड़ी घटना के बाद आखिर वे बदमाश खोखा चुनने में व्यस्त रहे या जमीन निगल गई।
हलांकि एसडीपीओ सदर रमाकांत उपाध्याय के पहुंचने के बाद 9एमएम पिस्टल का एक जिंदा कारतूस ही बरामद हो पाया था। आइजी ने गांव के कई लोगों से कल की घटना के बारे में सच्चाई जानने की कोशिश की। आईजी ने गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर घटनास्थल मुआयना किया जहां से एक अपराधी रंजन सिंह गोलीबारी में मारा गया था। पुलिस को इस क्रिमिनल की मर्डर के बारे में भी कोई ठोस दलील नहीं है। पुलिस जवाबी कार्रवाई की बात से ही इनकार करती है। जब पुलिस ने उन लोगों ने गोलियां चलाई ही नहीं तो पुलिस की गोली से इस क्रिमिनल की मौत की बात कैसे कही जा सकती है। पुलिस का कहना है कि क्रिमिनलों के बीच से ही किसी ने इसको मार गिराया हो।
गांव वालों ने थानाध्यक्ष के रवैये पर ही सवाल उठाया
आइजी की पूछताछ में गांव वालों ने थानाध्यक्ष के रवैये पर ही सवाल उठाया। इसपर आइजी ने थानाध्यक्ष से पूछा कि जब घटना हुई तब आप कहां थे। थानाध्यक्ष ने कहा कि एसाइ दिनेश राम के नेतृत्व में पुलिस टीम रेड करने पहुंची थी। उनको गोली लगने की सूचना मिलने पर वह खुद पहुंचे। इसपर भी सवाल उठाया गया कि यह जानते हुए कि क्रिमिनलों का उस गांव के एक घर में जमावड़ा लगा है। ये बात उस इलाके के चौकीदार से ही थानाध्यक्ष को पता चली तो आखिर वे खुद भी क्यों नहीं पहुंचे।
गांव के दफादार चंदेश्वर सिंह के पुत्र मिंटु सिंह ने भी आइजी को सारी कहानी बताई। मिंटू घटना का चश्मदीद बताया जाता है। सुधा देवी जिसके घर में मौजूद क्रिमिनलों ने फायरिंग की उसके पड़ोस में रहने वाली एक महिला किरण देवी से भी आइजी ने जानकारी ली। इसके बाद आईजी ने एसपी अनिल कुमार व अन्य पुलिस अफसरों से भी क्रास सवाल किया।
अपने कार्यकाल का पूरा हिसाब देने के बाद ही दोबारा चुनाव लड़ पायेंगे मुखिया
अपने कार्यकाल का पूरा हिसाब देने के बाद ही दोबारा चुनाव लड़ पायेंगे मुखिया
Ranchi : झारखंड में मुखिया का चुनाव दोबारा लड़ना उतना भी आसान नहीं रह गया है. ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से निदेशक सह संयुक्त सचिव (पंचायती राज) आदित्य रंजन ने एक अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना में जो बातें हैं, उससे मुखियाओं का दोबारा चुनाव लड़ना मुश्किल का सबब बन सकता है. दरअसल मुखिया को अब अपने कार्यकाल में संपन्न योजनाओं से निर्मित इंफ्रास्ट्रक्चर और अपने फंड से खरीदी गयी सभी सामग्री की सूची बनानी है. इस काम में उन्हें पंचायत सचिव मदद करेंगे. इस लिस्ट को वह अपने ब्लॉक के बीडीओ को सौंपेंगे. यह सारा हिसाब-किताब क्लीयर करने के बाद ही उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति मिलेगी.
बीडीओ की हरी झंडी के बाद ही लड़ सकते हैं चुनाव
मुखिया जो लिस्ट तैयार कर बीडीओ को सौंपेंगे, उस योजना या सामग्री का फिजिकल वेरिफिकेशन बीडीओ खुद करेंगे. जब बीडीओ सभी बातों से संतुष्ट हो जाएंगे, तो उस लिस्ट को जिला पांचयती राज पदाधिकारी को फॉरवर्ड करेंगे. पंचायती राज पदाधिकारी फिर से लिस्ट में दी गयी 10 फीसदी चीजों का फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगे. इसके बाद लिस्ट को विभाग को भेज दिया जायेगा. इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की दिशा में भी विभाग काम कर रहा है. जल्द ही विभाग की तरफ से एक ऐप तैयार कर प्ले स्टोर या दूसरे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जाएगा. मुखिया इसे डाउनलोड कर प्रक्रिया को पूरा करेंगे.
लिस्ट के बगैर नहीं लड़ सकेंगे मुखिया चुनाव
अगर कोई मुखिया यह समझ रहा है कि वो लिस्ट बीडीओ को नहीं सौंपेंगे और दोबारा चुनाव लड़ सकेंगे. तो वो गलतफहमी में हैं. दरअसल दोबारा चुनाव लड़ते वक्त जो शपथ पत्र मुखिया पद के कैंडिडेट की तरफ से निर्वाचन कार्यालय को सौंपा जायेगा, उसमें इस लिस्ट को जोड़ना अब विभाग की तरफ से अनिवार्य कर दिया गया है. अधिसूचना में इस बात का साफ तरह से उल्लेख है कि आगामी चुनाव के लिए इस लिस्ट को अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसा नहीं करने पर शपथ पत्र को अपूर्ण या अधूरा समझा जायेगा. साथ ही संबंधित पदाधिकारी की तरफ से मुखिया के खिलाफ कार्रवाई भी की जायेगी.
Sahebganj Crime News:
धनबाद: बीजेपी लीडर को अरेस्ट करने गयी पुलिस टीम पर हमला, बरहड़वा एसडीपीओ की पिटाई, 28 राउंड गोली और 50 हजार रुपये लूट
हमले में एसडीपीओ का बलेरो डैमेज
साहिबगंज। बीजेपी लीडर सूर्या हासंदा को अरेस्ट कर लौट पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया। भीड़ ने एसडीपीओ पीके मिश्रा की जमकर पिटाई की। उनका सिर फट गया। उनके सिर में आठ टांके लगे हैं।
हमले में एसडीपीओ के ड्राइवर पिंटू का भी हाथ टूट गया है। दो बॉडीगार्ड भी घायल हुए हैं। लोगों ने भीड़ एसडीपीओ की बैग भी लूट ले गयी। बैंग में 28 गोली और 50 हजार रुपये थे। पुलिस पर भीड़ के हमले के बाद कस्टडी से बीजेपी लीडर भाग निकले। एसडीपीओ के कंपलेन पर इस मामले में पुलिस ने बोरिया पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज की गयी है।
एसडीपीओ ने बॉडीगार्ड को फायरिंग करने से रोका
बरहड़वा एसडीपीओ पीके मिश्रा बोरियो पुलिस स्टेशन एरिया के मोतीपहाड़ी से भाजपा नेता सूर्या हांसदा को अरेस्ट कर लौट रहे थे। रास्ता भटक जाने की वजह से भीड़ में फंस गये। लोगों ने पथराव शुरु कर दिया। भीड़ के हमले के दौरान अंतत: आरोपित को छोड़ना पड़ा। भीड़ ने एसडीपीओ की बलेरो को डैमेज कर उसमें रखे एक बैग भी ले लिया। बैग में नौ एमएम पिस्टल के 28 कारतूस, नकद 50 हजार रुपया, ब्लू टूथ आदि सामान था। उग्र भीड़ ने एसडीपीओ का मोबाइल लेकर तोड़ दिया। पथराव में एसडीपीओ का सिर फूट गया। बॉडीगार्ड बचाव में फायरिंग करना चाहते थे लेकिन भीड़ को देखते हुए एसडीपीओ ने इसकी अनुमति नहीं दी।
गोड्डा पुलिस को सहयोग करने गए थे एसडीपीओ
गोड्डा पुलिस जिले की ठाकुरगंगटी पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में सूर्या हांसदा को अरेस्ट करने आयी थी। गोड्डा पुलिस की सहायता के लिए एसडीपीओ पीके मिश्रा के नेतृत्व में यहां की पुलिस टीम गई थी। सूर्या हांसदा को पुलिस की घेरेबंदी की सूचना मिल गई थी जिसके बाद वह बाइक से निकल रहा था तभी पुलिस कर्मियों ने उसे दबोच लिया। जहां पर सूर्या हांसदा की पकड़ा गया वहां मेला लगा हुआ था। हांसदा को ही मेले का उद्घाटन करना था। पुलिस उसे बोलेरो में बैठाकर लगभग ढाई किलोमीटर आगे बढ़ गयी। इसी बीच मेले में लगे लाउडस्पीकर से किसी ने सूर्या हांसदा को किडनैप करने की अफवाह उड़ा दी। इसके बाद ग्रामीणों ने पीछे से पुलिस गाड़ी को खदेड़ना शुरू किया। आगे रास्ता न होने की वजह से पुलिस को गाड़ी रोकनी पड़ी। भीड़ ने पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की और सूर्या हांसदा को छुड़ा लिया।