बिहार: मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसक झड़प,फायरिंग, एक की मौत, पुलिसकर्मी सहित कई जख्मी
मुंगेर दीनदयाल चौक के समीप मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दशहारा यानी सोमवार की देर रात पुलिस और आम लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई। कई पुलिसकर्मी समेत आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये हैं।
- पुलिस और श्रद्घालुओं के बीच झड़प
- पुलिस और भीड़ दोनों ओर से हुई फायरिंग
मुंगेर। दीनदयाल चौक के समीप मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दशहारा यानी सोमवार की देर रात पुलिस और आम लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई। कई पुलिसकर्मी समेत आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये हैं। इलाके में टेंशन हैं। पुलिस का कहना है कि भीड़ की गोली से ही एक व्यक्ति की मौत हुई है।
पुलिस हेडक्वार्टर से मामले की जांच के लिए एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार और एडीजी (हेडक्वार्टर) जितेंद्र कुमार मंगलवार को मुंगेर पहुंचे। दोनों एडीजी ने जमालपुर पुलिस स्टेशन के एक बंद कमरे में डीआइजी मुंगेर मनु महाराज, डीएम राजेश मीणा व एसपी लिपि सिंह के बीच लगभग 45 मिनट तक बातचीत की। अब दोनों अफसर अपनी रिपोर्ट पुलिस हेडक्वर्टर को सौंपेंगे। इधर घटना को विरोध में मुंगेर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने घटना के विरोध में अनिश्चितकालीन मुंगेर बंद बुलाया है।
पुलिस का दावा है कि हिंसक भीड़ की पथराव में एक थानाध्यक्ष सहित 20 पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। विसर्जन के दौरान हुई फायरिंग को पुलिस असामाजिक तत्वों की हरकत बता रही है। वहीं पूजा समिति और चैंबर ऑफ कॉमर्स इसे पुलिस की बर्बर कार्रवाई मान रही है। जिला प्रशासन ने पहले से ही सोमवार की देर शाम तक प्रतिमा विसर्जन का निर्देश पूजा समितियों को दिया था। बताया जाता है कि 28 अक्टूबर को मुंगेर जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं। इस कारण जल्द से जल्द प्रतिमाओं का विसर्जन हो जाए, लेकिन प्रतिमाएं रुक-रुककर आगे बढ़ रही थी।
लोगों का कहना है कि मुंगेर में बड़ी दुर्गा के विसर्जन के बाद ही अन्य दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होता है। मां बड़ी दुर्गा की प्रतिमा डोली पर विसर्जित की जाती है, जिसे 32 कहार उठाते हैं। इस कारण जुलूस में शामिल प्रतिमाएं धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थीं। पुलिस प्रतिमाओं का जल्द विसर्जन करवाना चाह रही थी। इसी बात को लेकर पुलिस और विसर्जन जुलूस में शामिल लोगों के बीच भिड़ंत हो गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। विसर्जन में शामिल लोगों को जमकर पिटाई की जाने लगी। अफरातफरी मच गयी। फायरिंग शुरू हो गई। इसके जवाब में भीड़ ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया। फिर फायरिंग हुई, जिसमें गोली लगने से कोतवाली पुलिस स्टेशन एरिया के लोहापट्टी निवासी अनुराग कुमार (22) की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। सुमित कुमार, डब्लू कुमार, विकास कुमार, चंदन कुमार, संजीव कुमार, देव प्रकाश भारती, रितेश कुमार, आदित्य कुमार, सौरभ कुमार और अमित पासवान जख्मी हुए हैं। सुमित को बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर किया गया है।
चैंबर ऑफ कॉमर्स की आपात बैठक में को बंद रखने का निर्णय लिया गया। चैंबर ने पूजा समिति के सदस्यों को बिना शर्त रिहा करने और दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की भी मांग की है। चैंबर का यह भी कहना है कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। पुलिस तथ्यों को तोड़-मोड़कर पेश कर रही है। पूजा समिति के लोगों का कहना है कि पुलिस ने निहत्थे लोगों पर पहले लाठीचार्ज किया और फिर फायरिंग की गयी। अब उल्टे पुलिस अपने बचाव के लिए यह कह रही है कि गोली भीड़ द्वारा चलाई गई। उसी गोली से युवक की मौत हुई है। चैंबर का कहना है कि जब तक इस मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं होती है, तब तक निर्दोष लोगों को न्याय नहीं मिल पायेगा।
पुलिस अफसरों ने कहा कि दीनदयाल चौक के समीप विसर्जन के दौरान असमाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर पथराव व फायरिंग की गई। पथराव की घटना में कोतवाली, मुफस्सिल, संग्रामपुर, कासिमबाजार थानाध्यक्ष के साथ 20 पुलिसकर्मी जख्मी हो गये। पुलिस ने तीन आर्म्स और गोलियां भी बरामद की हैं। पुलिस की निगरानी में मंगलवार की सुबह प्रतिमाओं का विसर्जन कराया गया।मृतक अनुराग कुमार के शव का पोस्टमार्टम करा परजिनों को सौंप दिया गया।
एसपी लिपि सिंह नेकहा है कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान अप्रिय घटना घटी। विसर्जन के दौरान असमाजिक तत्वों ने पुलिस को निशाना बना कर पथराव किया। वहीं, असमाजिक तत्वों ने फायरिंग भी की। फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई। छह लोग जख्मी हैं। 20 से अधिक पुलिस के जवान जख्मी हुए हैं। एक थानाध्यक्ष का सिर भी फट गया है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। पुलिस जवान लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं। लोग किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान नहीं दें।