Best Bakery Case: गुजरात के बेस्ट बेकरी नरसंहार मामले के दोनों आरोपी बरी, 21 साल बाद आयो कोर्ट का फैसला
मुंबई की एक कोर्ट ने मंगलवार को बेस्ट बेकरी मामले में दोनों आरोपियों हर्षद रावजी भाई सोलंकी और मफत मणिलाल गोहिल को को बरी कर दिया। ये 21 साल पुराना है।और गुजरात में 2002 में हुए दंगों से जुड़ा हुआ है। गुजरात में गोधरा कांड के बाद कई दंगे हुए थे, उसमें बेस्ट बेकरी कांड भी शामिल है।
मुंबई। मुंबई की एक कोर्ट ने मंगलवार को बेस्ट बेकरी मामले में दोनों आरोपियों हर्षद रावजी भाई सोलंकी और मफत मणिलाल गोहिल को को बरी कर दिया। ये 21 साल पुराना है।और गुजरात में 2002 में हुए दंगों से जुड़ा हुआ है। गुजरात में गोधरा कांड के बाद कई दंगे हुए थे, उसमें बेस्ट बेकरी कांड भी शामिल है।
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यह है बेस्ट बेकरी कांड
गुजरात के बडोदरा के हनुमान टेकरी में बेस्ट बेकरी को एक मार्च 2002 को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था। इस हादसे में बेकरी चलाने वाले शेख परिवार सहित 14 लोगों की मौत हुई थी। भीड़ ने बेकरी को जलाने से पहले लूटपाट भी की थी।इस मामले में गुजरात पुलिस ने 21 लोगों को आरोपी बनाया था और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। हालांकि, सबूतों के अभाव में वडोदरा की एक कोर्ट ने 2003 में सभी को बरी कर दिया था। इसके बाद 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले को महाराष्ट्र में भेजने का निर्देश दिया।
महाराष्ट्र में चल रहा था मामला
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई की एक कोर्ट में इसकी सुनवाई शुरू हुई। मुंबई कोर्ट ने 24 फरवरी 2006 को नौ आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं, आठ आरोपियों को बरी कर दिया। चार आरोपी फरार चल रहे थे, जिन्हें 2013 में अरेस्ट किया गया। मुंबई की कोर्ट के फैसले को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसके बाद 2012 में नौ उम्रकैद के दोषियों में से पांच को बरी कर दिया गया। इधर, 2013 में गिरफ्तार चार आरोपियों में से दो की मौत हो चुकी है। बाकी बचे दो- हर्षद रावजी भाई सोलंकी और मफत मणिलाल गोहिल जेल में बंद थे, जिसे कोर्ट ने मंगलवार को बरी कर दिया।