चाईबासा: एनकाउंटर में मारा गया दो लाख रुपये का इनामी PLFI का एरिया कमांडर नक्सली मंगरा लुगुन
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला के गुदड़ी पुलिस स्टेशन एरिया पोड़ाहाट जंगल में सुरक्षा बलों व नक्सलियों के एनकाउंटर में दो लाख रूपये का इनामी PLFI एरिया कमांडर मंगरा लुगुन को मारा गया है।चाईबासा एसपी अजय लिंडा ने ने बताया है कि पुलिस व सीआरपीएफ ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान ही रात 1:30 बजे के एनकाउंटर हुई है।
चाईबासा। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला के गुदड़ी पुलिस स्टेशन एरिया पोड़ाहाट जंगल में सुरक्षा बलों व नक्सलियों के एनकाउंटर में दो लाख रूपये का इनामी PLFI एरिया कमांडर मंगरा लुगुन को मारा गया है। चाईबासा एसपी अजय लिंडा ने ने बताया है कि पुलिस व सीआरपीएफ ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान ही रात 1:30 बजे के एनकाउंटर हुई है।
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पोड़ाहाट के सोनुवा एवं गोइलकेरा जंगल एरिया में था एक्टिव
पश्चिमी सिंहभूम जिले के घोर नक्सल प्रभावित इलाका गुदड़ी पुलिस स्टेशन एरिया में गुरुवार की सुबह पुलिस व CRPF के साथ नक्सली संगठन PLFI के दस्ते से एनकाउंटर हो गई। इस ऑपरेशन में दो लाख का इनामी PLFI का एरिया कमांड़र मंगरा लुगून मारा गया है। एनकाउंटर में लगभग 36 राउंड गोलियां चलीं। इसमें एरिया कमांडर मंगरा लुगून के पास से आर्म्स और बैग बरामद किया गया है।
पीएलएफआइ कमांडर मंगला लुगुनु पोड़ाहाट के सोनुवा एवं गोइलकेरा जंगल क्षेत्रों में सक्रिय था।
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप लीड कर रहा था दस्ते का
इस दस्ते को पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप लीड कर रहा था। तीन दिनों तक पुलिस एवं सुरक्षा बलों की घेराबंदी के कारण भागता रहा था।मंगरा लुगुन अपने दस्ते के साथ जंगल में छिपा हुआ था। मंगरा लुगुन के साथ आधा दर्जन नक्सली रहते हैं। वह गोइलकेरा पुलिस स्टेशन एरिया के सारुगाड़ा जंगल में पिछले कुछ दिनों से निरंतर सक्रिय था। मंगरा लुगून इलाके में आतंक का पर्याय था। दिनेश गोप के दस्ते के साथ सुरक्षा बलों की नवंबर में दो बार एनकाउंटर हुई थी। 26 नवंबर को हुई एनकाउंटर PLFI कमांडर दिनेश गोप गुदड़ी के जंगलों में भाग निकला था, लेकिन मंगरा लुगून छोटी टीम के साथ जंगल में ही रूक गया था।
लेवी वसूलना था मंगरा का मुख्य पेशा
मंगरा का मुख्य उद्देश्य विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने वाले ठेकेदारों, हब्बा-डब्बा जैसे जुआ खेल कराने वाले संचालकों, बालू घाट संचालकों आदि को डरा-धमका कर लेवी वसूलना और वह हत्या जैसी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते रहना था। मंगरा खुद एके-47 राइफल लेकर चलता था। उसका मुख्य उद्देश्य विकास योजनाओं का कार्य करने वाले ठेकेदारों, जुआ खेल कराने वाले संचालकों, बालू घाट संचालकों से लेवी वसूलना था।एसपी ने बताया कि नक्सली आजकल ठेकेदारों, हब्बा-डब्बा जैसे जुआ खेल कराने वाले संचालकों, बालू घाट संचालकों आदि को डरा-धमका कर लेवी वसूली व मर्डर आदि जैसी आपराधिक घटनाओं में संलिप्त पाये जा रहे हैं। चाईबासा पुलिस उग्रवादियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। उम्मीद है कि जल्द ही उग्रवादियों का खात्मा कर दिया जायेगा।
चंद्रमोहन तिर्की की मर्डर में मंगल दस्ते का हाथ होने की आशंका
बताया जाता है कि पिछले महीने गोइलकेरा पुलिस स्टेशन एरिया हब्बा-डब्बा जुआ खेल का संचालक दलकी गांव निवासी चन्द्रमोहन तिर्की की गोली मारकर मर्डर कर दी गयी थी। मंगरा लुगुन के इशारे पर ही उसके दस्ते के लोगों ने चंद्रमोहन का मर्डर कर दिया था।चन्द्रमोहन दलकी गांव में हब्बा-डब्बा जुआ का संचालन व बालू का कारोबार भी करता था। उसने मंगरा लुगुन को लेवी नहीं दिया था। इस गांव से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित कायदा गांव के समीप लगने वाले साप्ताहिक हाट में भी हब्बा-डब्बा का संचालन होता था। वहां पूर्व में पुलिस ने रेड की थी। इसके संचालकों से मंगरा लुगुन लेवी उगाही करता था। मंगरा को लगा कि चन्द्रमोहन के कहने पर ही पुलिस ने यहां रेड की है, जिससे उन्हें लेवी मिलना बंद हुआ।भरडीहा बालू घाट के संचालकों से भी मंगरा हर माह 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की लेवी वसूलता था। वह बालू घाट पर नहीं पहुंच सारुगाड़ा क्षेत्र में शरण लेकर वहां से अपने लोगों को लेवी का पैसा लेने भेज देता था।