छत्तीसगढ़: नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हुए कोबरा कमांडर राकेश्वर सिंह मन्हास
नक्सलियों ने सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट के कमांडर राकेश्वर सिंह को गुरुवार की शाम रिहा कर दिया है। रिहाई के बाद उन्हें बीजापुर के सीआरपीएफ कैंप में वापस लाया गया है। राकेश्वर सिंह की रिहाई के बाद परिवार में जश्न का माहौल है।
- तीन अप्रैल को एनकाउंटर के दौरान कर लिया था अगवा
रायपुर। नक्सलियों ने सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट के कमांडर राकेश्वर सिंह को गुरुवार की शाम रिहा कर दिया है। रिहाई के बाद उन्हें बीजापुर के सीआरपीएफ कैंप में वापस लाया गया है। राकेश्वर सिंह की रिहाई के बाद परिवार में जश्न का माहौल है।
बीजापुर के एसपी ने कहा है कि राकेश्वर सिंह को सुरक्षित रूप से वापस लाया गया है। उल्लेखनीय है कि माओवादियों ने बीते शनिवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में हमले के बाद उन्हें किडनैप कर लिया था। इस हमले में 23 जवान शहीद हो गये थे, जबकि 31 घायल थे।
बताया जाता है कि कि 210वीं कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट ऐक्शन (कोबरा) के कांस्टेबल राकेश्वर सिंह मन्हास की रिहाई के लिए राज्य सरकार द्वारा दो प्रमुख लोगों को नक्सलियों से बातचीत के लिए नामित किये जाने के बाद रिहा कर दिया गया।
पत्नी बोलीं- मेरे जीवन में सबसे खुशी का दिन
कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को छुड़ाए जाने के बाद से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। उनकी पत्नी मीनू मनहास ने कहा कि मैं ईश्वर का, केंद्र और छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट के साथ मीडिया और आर्मी का धन्यवाद करती हूं। आज मेरी जिन्दगी में सबसे खुशी का दिन है। मीनू मनहास ने यह भी बताया कि उन्हें अफशरों से उनके पति की सुरक्षित वापसी की जानकारी मिली है। उनके पति का स्वास्थ्य ठीक है।राकेश्वर सिंह मनहास की मां कुंती देवी ने कहा कि आज मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। जो हमारे बेटे को छोड़ रहे हैं उनका भी धन्यवाद करती हूं। भगवान का भी धन्यवाद करती हूं। जब सरकार की बात हो रही थी तो मुझे थोड़ा भरोसा तो था लेकिन यकीन नहीं हो पा रहा था।
नक्सलियों की कैद से 100 घंटे बाद निकले कोबरा कमांडो राकेश्वर
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने लगभग 100 घंटे पर कोबरा कमांडो के जवान को रिहा कर दिया है। तीन अप्रैल को सुरक्षाबलों के साथ हुई एनकाउंटर के बाद नक्सलियों ने 210वीं कोबरा कमांडो बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को बंधक बना लिया था।अफसरों ने कहा कि आदिवासी समुदाय के एक व्यक्ति सहित दो प्रतिष्ठित लोगों की एक टीम के द्वारा गुरुवार को सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में जवान को रिहा किया गया।
स्टेट गवर्नमेंट ने इस टीम के सभी लोगों का चयन किया था और रिहाई के लिए भेजा था। राज्य सरकार की ओर से जवान की रिहाई के लिए नक्सलियों के बीच जिस टीम को भेजा गया था उसमें एक 91 साल के स्वतंत्रा सेनानी भी शामिल थे और उनको पद्म श्री भी मिल चुका है।एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक टीम में शामिल उस शख्स का नाम है धरमपाल सैनी, जो कि एक एक्टिविस्ट भी हैं। उस क्षेत्र में लड़कियों की शिक्षा के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। इसके अलावा सरकार की ओर से भेजी गई टीम में गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया, सात पत्रकार और छत्तीसगढ़ सरकार के दो अफसर भी शामिल थे, जो कि जवान को लेने के लिए गए थे।नक्सलियों ने जवान की रिहाई ग्रामीणों की भारी भीड़ के बीच किया।