- चीनी फौज को ज्यादा नुकसान
- छह इंडियन जवान गुवाहाटी में
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा एलएसी पर इंडिया और चीन के सैनिकों के बीच नौ दिंसबर को आमने-सामने झड़प हुई है। इसमें दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए हैं लेकिन अभी तक किसी सैनिक के हताहत होने की सूचना नहीं है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर में नौ दिसंबर को एलएसी को पार करने की कोशिश कि जिसका इंडियन आर्मी ने पूरी ताकत से जवाब दिया। इस दौरान हुए संघर्ष में ही दोनों देशों के सैनिक घायल हुए।
न्यूज एजेंसी ANI ने सोर्सेज के हवाले से कहा- इंडियन आर्मी ने चीन की घुसपैठ का करारा जवाब दिया। इस घटना में चीनी फौज को इंडियन आर्मी से काफी ज्यादा नुकसान हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 17 हजार फीट की ऊंचाई पर यह झड़प हुई। चीन के 300 सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, लेकिन इंडियन आर्मी इस तरह की हरकत के लिए पहले से ही तैयार थे।घटना के बाद कमांडर लेवल की बातचीत हुई और दोनों ही पक्षों के जवान वहां से हट गये।
इंडियन आर्मी ने की पुष्टि
एलएसी पर हुई इस झड़प के बाद तवांग सेक्टर के भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच सीमा पर शांति बहाली के लिए फ्लैग मीटिंग भी हुई। तवांग सेक्टर में एलएसी पर चीनी आर्मी की हरकतों के चलते दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष की पुष्टि करते हुए इंडियन ने सोमवार को संक्षिप्त बयान में कहा, 'नौ दिसंबर 2022 को पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी की सीमा को छूआ। इसका इंडियन आर्णी ने पूरी ताकत और दृढ तरीके से मुकाबला किया। इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं।' इंडियन आर्मी ने अपने बयान में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में अलग-अलग धारणा के क्षेत्र हैं। जहां दोनों पक्ष अपने दावे की सीमा तक क्षेत्र में गश्त करते हैं और 2006 से यह चलन है। लेकिन नौ दिसंबर को पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी पर सीमा की मर्यादा को लांघने की कोशिश की और इसी दौरान आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आयीं।
दोनों पक्ष क्षेत्र से तुरंत हटे
आर्मी के अनुसार दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए। घटना के उपरांत इस सेक्टर के कमांडर ने शांति बहाल करने के लिए स्थापित तंत्र के अनुसार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपने चीनी समकक्ष के साथ एक फ्लैग मीटिंग की। पूर्वी लद्दाख में गलवन घाटी में 15 जून 2020 को एलएसी पर हुए खूनी संघर्ष के बाद भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीधी लड़ाई का यह दूसरा मौका है।
चीन की और से नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
सेना की ओर से इस संघर्ष के दौरान घायल हुए इंडियन आर्मी की संख्या का अभी खुलासा नहीं किया गया है। चीन की ओर से तो अभी तवांग की ताजा झड़प और इसमें घायल हुए अपने सैनिकों की तादाद को लेकर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है। इससे पहले 15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प में 20 इंडियन आर्मी शहीद हो गये थे, जबकि चीन के 38 आर्मी मारे गये थे। हालांकि चीन ने चार सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी। इस क्षेत्र में दोनों सेनाएं कुछ हिस्सों पर अपना-अपना दावा ठोकती आई हैं। 2006 से यह विवाद जारी है।
लाठी-डंडों का किया जाता है इस्तेमाल
इंडिया और चीन के बीच मिलिट्री लेवल पर एक समझौता है। इसके तहत दोनों देशों के सैनिक एक तय दायरे में फायरिंग आर्म्स यानी रायफल या ऐसे ही किसी आर्म्स का इस्तेमाल नहीं करेंगे। अमूमन दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे को हाथों से ही पीछे धकेलते हैं। गलवान झड़प में चीनी सैनिकों ने कांटेदार डंडों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी इसी तरह के इलेक्ट्रिक बैटन और कांटेदार डंडों का इस्तेमाल शुरू कर दिया। लिहाजा, अब चीन को मुंहतोड़ जवाब मिलता है।
पिछले साल भी की थी हरकत
पिछले साल इसी क्षेत्र में 200 चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। तब भी भारतीय सैनिकों ने इसे नाकाम कर दिया था। तब पेट्रोलिंग के दौरान सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हो गए थे और कुछ घंटों तक यह सिलसिला चला था। हालांकि इसमें भारतीय जवानों को कोई नुकसान नहीं हुआ और प्रोटोकॉल के मुताबिक बातचीत से विवाद सुलझा लिया गया।